
CM आवास पर पत्रकारों पर हमले के विरोध में धरना
बनारस में पत्रकारों पर हुए हमले के विरोध में CM आवास पर पत्रकारों ने दिया जबरदस्त धरना।

बनारस में कल बीएचयू में छात्राओं के प्रदर्शन का कवरेज कर रहे पत्रकारों पर हुए हमले के विरोध में आज राजधानी लखनऊ में CM आवास पर सैकड़ों पत्रकारों ने धरना दिया।
पत्रकारों के धरने की खबर से सरकार में हड़कंप मच गया। डीएम से लेकर प्रमुख सचिव सूचना ने धरना समाप्त करने की गुजारिश की। लेकिन पत्रकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। प्रमुख सचिव के आश्वासन पर कि मुख्यमंत्री जैसे ही लखनऊ आते हैं। वह उनका ज्ञापन सौंपेगे, तब जाकर पत्रकारों ने सूचना निदेशक को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि बनारस के दोषी डीएम और एसएसपी को तुरंत निलंबित किया जाए। और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किया जाए।
धरने के बाद हालात बिगड़ते देख CM ने ट्वीट करके जानकारी दी कि वाराणसी के कमिश्नर से जांच रिपोर्ट मांगी गई है।
बनारस में पत्रकारों पर हुए हमले से क्षुब्ध पत्रकारों ने आज सुबह 11:00 बजे आपस में मंत्रणा की कि वे CM आवास के बाहर एक बजे धरना देंगे। पत्रकारों ने कहा कि बहुत हो गया अत्याचार, चलिये सीधे एक बजे CM के घर के बाहर जमीन पर बैठते हैं। या तो इंसाफ मिलेगा या लाठी। किसी को उम्मीद नहीं थी कि इतने कम समय की नोटिस पर पत्रकार धरना स्थल पर एकत्र हो पायेंगें लेकिन एक एक बजे के बाद सैकड़ों पत्रकार धरना स्थल पर पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। पत्रकारों के धरने से सरकार में हड़कंप मच गया।

लखनऊ जिलाधिकारी कौशल राज मौके पर पहुंचे और पत्रकारों से धरना समाप्त करने की अपील की, लेकिन पत्रकारों ने उनकी बात नहीं मानी। डीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाहर गए हुए है। डिप्टी सीएम हरदोई गए हैं। लौटते ही उन्हें दिल्ली जाना है। पत्रकारों को उन्होंने एयरपोर्ट पर बुलाया है। लेकिन पत्रकारों ने जाने से साफ मना कर दिया। और कहा जिसे मिलना हो वह धरना स्थल पर आए। उसके पश्चात प्रमुख सचिव,सूचना, अवनीश अवस्थी ने फोन पर पत्रकारों से बात की और कहा कि जैसे ही सीएम लखनऊ आयेंगे उनका ज्ञापन उन्हें सौंप दिया जायेगा। अवस्थी जी के आदेश पर धरना स्थल पर सूचना निदेशक आए और उन्होंने पत्रकारों से ज्ञापन लेकर धरना समाप्त कराया। सौंपे गए ज्ञापन में मांग थी कि बनारस के दोषी डीएम और एसएसपी को तत्काल निलंबित किया जाए। पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। जिन पत्रकार साथियों की मृत्यु हुई है तत्काल उनके परिजनों को 20 लाख रुपए आर्थिक सहायता दी जाए। इसके अलावा पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक कमेटी बनाई जाए जो पत्रकारों के उत्पीडऩ की जांच करें।
धरना देने वाले पत्रकारों में संजय शर्मा, नावेद शिकोह, शेखर श्रीवास्तव, प्रभात त्रिपाठी, राजेश, आकाश, अभिताभ, बी.डी. शुक्ला, मनीष पाण्डेय, शेखर सिंह, शशीनाथ दुबे, अब्दुल हन्नान, विनय, रमेश, राजेश सिंह, अंकित श्रीवास्तव, दिलीप सिंह, तुषार श्रीवास्तव, विक्रम मिश्र, दिवाकर त्रिपाठी, जुबेर, अनूप गुप्ता, जितेन्द्र सिंह, आदित्य तिवारी, कामरान, अब्दुल वाहिद, राजेन्द्र प्रसाद, सूरज कुमार, विक्रम, आर.के.पाल, मयंक पाण्डेय, अंकित साहनी, तनवीर अहमद, हरेन्द्र चौधरी, अभिषेक मिश्रा, मनीष श्रीवास्तव, सुमित शुक्ला, परवेज, नितिन चौधरी, सुमित कुमार, देवेन्द्र पाल, जमील असकरी, अजय श्रीवास्तव, रोहित मिश्रा, मुदित गुप्ता,अन्नु सक्सेना, भावना, पंकज, रजा अब्बास, गौरव श्रीवास्तव, अनिल यादव, देवराज सिंह, सुमरेश पति त्रिपाठी, सुधांशु सक्सेना, आशुतोष त्रिपाठी, अभ्युदमय अवस्थी, दीपक श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।