
मुख्यमंत्री ने काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ था। यह आजादी हमें अचानक प्राप्त नहीं हुई। इसके लिए लम्बा संघर्ष करना पड़ा। अलग-अलग कालखण्डों में हुआ यह संघर्ष इतिहास के पन्नों में दर्ज है। इससे जुड़े हुए स्थल हमारे लिए तीर्थ स्थल बनकर प्रेरणा प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने आज यहां काकोरी शहीद स्मारक, लखनऊ में काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, देश के ज्ञात-अज्ञात क्रांतिवीरों को नमन कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता की इस लड़ाई का केंद्र बिंदु यद्यपि पूरा भारत था।
लेकिन भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक उत्तर प्रदेश सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को भी नेतृत्व प्रदान कर रहा था। मंगल पाण्डे ने बैरकपुर में इसकी अगुवाई की थी। गोरखपुर में बंधू सिंह, मेरठ में कोतवाल धन सिंह गुर्जर, कानपुर में नाना साहब व तात्या टोपे तथा झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई जैसे क्रांतिकारी इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। अंग्रेज रानी लक्ष्मी बाई के नाम से कांपते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें विगत 02 वर्ष पूर्व प्रदेश में 05 फरवरी 2022 को चैरी-चैरा काण्ड की ऐतिहासिक घटना के शताब्दी महोत्सव तथा वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में अमृत महोत्सव से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ। आज काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायकों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर भी प्राप्त हुआ है।
09 अगस्त, 1925 को काकोरी में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, चंद्रशेखर आजाद आदि अनेक क्रांतिकारियों ने योजना बनाकर ब्रिटेन ले जाए जा रहे भारत के खजाने को रोकने का काम किया था, ताकि धनराशि का उपयोग क्रांतिकारी गतिविधियों तथा देश को आजादी दिलाने के लिए किया जा सके।