उत्तर प्रदेशफ्लैश न्यूज

मुख्यमंत्री ने श्रीरामोत्सव-सबके राम कार्यक्रम को सम्बोधित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आगामी 22 जनवरी को अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम का स्वयं के भव्य मंदिर में पुनरागमन हो रहा है।

यद्यपि प्रभु श्रीराम सर्वव्यापी हैं, लेकिन भव्य मंदिर में उनका आगमन हृदय स्पर्शी होगा। तुलसीदास जी ने कहा था कि अवधपुरी सोहइ एहि भाँती, प्रभुहि मिलन आई जनु राती।’

अर्थात् अवधपुरी इस प्रकार सुशोभित हो रही है, मानो प्रभु से मिलने आई हो। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप अयोध्या में इस भावना को जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य विगत दो-तीन वर्षों से प्रदेश सरकार कर रही है।

मुख्यमंत्री आज यहां फार्चून होटल सभागार में दैनिक जागरण द्वारा आयोजित श्रीरामोत्सव-सबके राम कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि वह स्वयं तथा देश और दुनिया में निवास करने वाले सनातन धर्मावलम्बी 22 जनवरी की तिथि का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ‘अवधपुरी प्रभु आवत जानी, भई सकल शोभा कै खानी।’ अर्थात् प्रभु के आगमन का समाचार सुनकर अवधपुरी सम्पूर्ण शोभा की खान हो गई है।

इसी भाव के साथ प्रदेश सरकार अयोध्या को सजाने-संवारने का कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या में अवसंरचना को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दृष्टि से अनेक प्रयास किए गए हैं। भारतीय जनमानस प्रफुल्लित और उत्साहित है।

प्रभु श्रीराम के विग्रह को उनके भव्य मंदिर में विराजमान होने की तिथि नजदीक आ रही है, यह भावनात्मक क्षण है। उन्होंने कहा कि वह तीसरी पीढ़ी के हैं, जो इस आन्दोलन और अभियान के साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद जी की पावन जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस है। स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई। सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश शासन द्वारा बरती जा रही क्रूरता और बर्बरता के कारण लोगों के मन में निराशा का भाव था।

उस कालखण्ड में स्वामी विवेकानन्द जी ने युवाओं को नई प्रेरणा दी। उन्हांेने कहा था कि ‘उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में निरन्तर प्रयास करते रहो’। हम सभी इस बात का अनुसरण करते हैं। अयोध्या में प्रभु श्रीराम सर्वव्यापी हैं। हम सभी को मात्र निमित्त बनना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या का संघर्ष एक मात्र ऐसा संघर्ष है, जो सन 1528 से लेकर वर्ष 2019 तक निरन्तर चलता रहा। प्रभु श्रीराम के बिना भारतीय जनमानस द्वारा किसी भी कार्य की कल्पना नहीं की जा सकती।

घर में होने वाले मांगलिक, धार्मिक तथा सामाजिक कार्यक्रमों, दैनिक आचार-व्यवहार तथा जीवन की अंतिम यात्रा में प्रभु श्रीराम का स्मरण किया जाता है।

जीवन का ऐसा कोई कार्य नहीं जो प्रभु श्रीराम के बिना होता हो। प्रभु श्रीराम कण-कण में विराजमान हैं। भारत की आस्था का सम्मान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्तियों की सात्विक, राजसिक, तामसिक आदि पृथक-पृथक प्रवृत्तियां होती हैं। जैसे एक पिता के चार पुत्र अलग-अलग राह चुनते हैं, वैसे ही दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग प्रवृत्तियां होती हैं। कुछ देश ऐसे हैं, जिनकी व्यावसायिक प्रवृत्ति है।

कुछ देश अपनी सांस्कृतिक विरासत को महत्व देते हैं। भारत का नागरिक अपनी आस्था को महत्व देता है। शासन तथा सत्ता पर उसकी निर्भरता न्यूनतम रहती है।

वह अपने अनुसार स्वयं की चर्या को तय करता है। भारतीय जनमानस में समाज सदैव आगे तथा सरकारें पीछे रही हैं। जो सरकार आस्था का सम्मान करती है, भारतीय जनमानस उसे अपने सिर-आंखों पर रखता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में राजनीतिक इकाइयां भले ही अलग-अलग रही हों, लेकिन उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक भारत की सांस्कृतिक एकता सदैव अटूट रही है।

हजारों वर्षाें पूर्व प्रभु श्रीराम ने भारत की जो सीमा तय की थी, वर्तमान में वही सीमा उत्तर से दक्षिण तक है। पूर्व से पश्चिम तक भगवान श्रीकृष्ण द्वारा तय की गयी सीमा है।

केरल से निकले सन्यासी ने देश के चारों कोनों में पीठ की स्थापना की। कपिलवस्तु के एक राजकुमार ने संन्यासी बनकर ज्ञान का उपदेश दिया। भारत आस्था का सम्मान करता है। विश्व को आस्था के सम्मान की राह भी भारत ने दिखायी है।

यह स्थिति प्रत्येक कालखण्ड में देखने को मिली है। हम सभी यही स्थिति आज अयोध्या में देख रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते अयोध्या को पहचान दिलाने का उनका उत्तरदायित्व था। इसलिए पहले दिन से दृढ़विश्वास था कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज नहीं तो कल अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मन्दिर अवश्य बनेगा।

वर्ष 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। आज वह अयोध्या का प्रमुख उत्सव बन चुका है। इस उत्सव में वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री जी का आगमन हुआ था।

वर्ष 2023 के उत्सव में 54 देशों के राजदूत सम्मिलित हुए थे। अयोध्या के दीपोत्सव में दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला भी सम्मिलित हो चुकी हैं। आज वह उत्तर प्रदेश का बड़ा ईवेंट बन चुका है।

विभिन्न पर्व तथा त्योहारों के दृष्टिगत अयोध्या में 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति, स्वच्छ घाट, स्वच्छ पेयजल, नगर तथा गली, मोहल्लों की साफ-सफाई आदि व्यवस्थाओं का क्रम चलाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम जी की पैड़ी के विस्तार तथा उत्तम जल निकासी एवं साफ-सफाई की व्यवस्था के कारण अब यहां लाखों श्रृद्धालु एक समय में स्नान कर सकते हैं।

रामकथा पार्क का उन्नयन किया गया। श्रीराम भजन संध्या स्थल के निर्माण के साथ-साथ उसके ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन विद्युत लाइन को हटाया गया।

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रभु श्रीराम के सर्वाधिक भजनों का गायन करने वाली सुर साम्राज्ञी स्व0 लता मंगेशकर का वीणा के साथ भव्य स्मारक अयोध्या नगरी में निर्मित किया गया।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अयोध्या को डबल लाइन रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान की जा चुकी है। पहले अयोध्या में सड़कें नहीं थीं, अब अयोध्या को लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी से जोड़ते हुए 04-लेन तथा 06-लेन कनेक्टिविटी प्रदान की जा चुकी है। अयोध्या के अन्दर भी 04-लेन तथा 06-लेन कनेक्टिविटी दी जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नया घाट से श्रीराम जन्म भूमि होते हुए फैजाबाद कस्बे तक तथा लखनऊ-अयोध्या हाईवे तक 04-लेन कनेक्टिविटी प्रदान की गयी है।

इस मार्ग को राम पथ मार्ग नाम दिया गया है। अयोध्या को हाईवे से जोड़ने वाले मुख्य मार्ग को धर्म पथ तथा हनुमान गढ़ी होते हुए श्रीराम जन्मभूमि तक जाने वाले मार्ग का चैड़ीकरण कर भक्ति पथ नाम दिया गया है।

यह सभी मार्ग 04-लेन से जुड़ चुके हैं। अयोध्या के अन्दर तथा उसके चारों ओर सुन्दरीकरण का कार्य किया गया है। पार्किंग की व्यवस्था की गयी है।

इन कार्याें से विस्थापित होने वाले लोगों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा इन लोगों को दुकान निर्माण में भी सहायता प्रदान की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में 06 स्थानों पर मल्टी लेवल भवन बनाकर पार्किंग के साथ-साथ काॅमर्शियल स्पेस की सुविधा भी दी गयी है। इनमें आने वाले श्रृद्धालुआंे के लिए डाॅरमेट्री तथा भोजनालय की व्यवस्था की गयी है।

डाॅरमेट्री तथा रैन बसेरों का नाम निषादराज गुह्य के नाम पर रखा गया है। भोजनालय माता शबरी के नाम पर निर्मित किये गये हैं। अयोध्या में पुरानी एयर स्ट्रिप मात्र 167 एकड़ में थी।

निर्धारित समय-सीमा में 821 एकड़ भूमि एयरपोर्ट अथाॅरिटी को उपलब्ध करायी गयी। आज अयोध्या में महर्षि वाल्मिकी अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारम्भ किया जा चुका है। अयोध्या अत्याधुनिक सुविधाआंे से युक्त हो चुकी है। भगवान श्रीराम ने जहां समाधि ली थी, उस स्थल का भी सुन्दरीकरण किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या को देश की पहली सोलर सिटी बनाया जा रहा है। एन0टी0पी0सी0 की सहायता से 40 मेगावाॅट के सोलर प्रोजेक्ट पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है।

राज्य सरकार प्रदेश में आस्था के सम्मान के साथ-साथ अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य कर रही है। देश में विभिन्न शैलियों मंे बने मन्दिरों से परिचित कराने के लिए अयोध्या में मन्दिर म्यूजियम निर्माण की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

दुनिया में पहली बार विशुद्ध शाकाहारी 7-स्टार होटल का निर्माण अयोध्या में किया जा रहा है। यह नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की नई अयोध्या है। हम सभी को नव्य, भव्य और दिव्य अयोध्या का दर्शन हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान प्रिन्ट मीडिया समाचार का एक मात्र माध्यम थी। लेखनी किस प्रकार से प्रभावी हो सकती है, श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान मीडिया की भूमिका इस रूप में रेखांकित की जा सकती है।

दैनिक जागरण समूह ने बढ़-चढ़कर आन्दोलन में भाग लिया। दैनिक जागरण के तत्कालीन प्रधान सम्पादक स्व0 नरेन्द्र मोहन की लेखनी ने जनजागरण का कार्य किया।

दैनिक जागरण के सम्पादकीय आलेख को पढ़ने के लिए लोग दैनिक जागरण समाचार पत्र खरीदते थे। उन्होंने कहा कि यह जैसे दैनिक जागरण के लिए नया मुद्दा नहीं है, वैसे ही उनके लिए नया मुद्दा नहीं है। अयोध्या के मुद्दे को लेकर पत्रकारिता और मीडिया पर हमला हुआ था।

इस अवसर पर मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयेन्द्र प्रताप सिंह राठौर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, जागरण प्रकाशन लिमिटेड के सर्वकालिक निदेशक शैलेश गुप्ता, दैनिक जागरण के सम्पादक (उ0प्र0) आशुतोष शुक्ल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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