उत्तर प्रदेश

जालसाजों का दूसरा शिकार बना एकेटीयू, पूछताछ में हुआ खुलासा, 200 करोड़ हड़प चुका है गिरोह

एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ रुपये उड़ाने वाले जालसाज गिरोह का यह कारनामा पहला नहीं है। इसके पहले गिरोह ने गैर प्रांत की एक संस्था को दो सौ करोड़ रुपये का चूना लगा चुके हैं। साइबर क्राइम थाने की टीम गिरोह की इस हेराफेरी की डिटेल जुटा रही है।

साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव ने बताया कि एकेटीयू से जालसाजी से पहले गिरोह के जिन सदस्यों ने 200 करोड़ की हेराफेरी की, उनमें फिल्म प्रोड्यूसर राजेश बाबू और कपिल शामिल थे। रकम को खपाने के लिए गुजरात के श्रद्धा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समेत तीन संस्थाओं के बैंक खातों का प्रयोग किया गया था। यह रकम एक संस्था के काला धन को सफेद करने के लिए खाते में जमा कराई गई थी।

खाते में मंगाते, हवाला से करते भुगतान

साइबर टीम के मुताबिक रकम खाते में आने के बाद महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, थाणे, नागपुर जैसे एक दर्जन शहरों में हवाला के जरिये भुगतान किया गया था। रकम देने वाली संस्थान को चैरिटी करने का प्रमाण पत्र भी दिया गया। ताकि उनको आयकर विभाग और ईडी जैसी संस्थान की कार्रवाई का सामना न करना पड़े।

राजेश और कपिल करते हैं गिरोह में भर्ती

पुलिस के मुताबिक यह गिरोह हर बार नए सदस्यों को योजना में शामिल करता है। इसके लिए यूपी व बिहार के लोगों को जुटाने का काम फिल्म प्रोड्यूसर राजेश बाबू करता है। गुजरात व महाराष्ट्र के लोगों को एकत्र करने और खाते उपलब्ध कराने का काम कपिल करता है।

एकेटीयू के खाते से रकम उड़ाने के लिए राजेश ने अनुराग श्रीवास्तव, जय कुमार उर्फ एनके सिंह, शैलेष कुमार सिंह रघुवंशी, केके त्रिपाठी, दस्तगीर और गिरीश को शामिल किया। वहीं, कपिल ने ट्रस्ट के खाते और ट्रस्ट के संचालक देवेंद्र जोशी, उदय पटेल और महाराष्ट्र के कुछ लोगों को शामिल किया।

सात और नाम सामने आए, दो टीमें गुजरात और महाराष्ट्र रवाना

साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक बृजेश यादव ने बताया कि एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ की हेराफेरी में गिरफ्तार सात आरोपियों के अलावा सात और लोगों के नाम सामने आए हैं।

इसमें गुजरात के कपिल के अलावा देवेंद्र जोशी के दो सहयोगी, एक उदय पटेल का साथी और यूपी के जयकुमार उर्फ एनके सिंह, अनुराग श्रीवास्तव और सुहेल हैं। सुहैल के नाम से ही 20 लाख की कार खरीदी गई। इसके अलावा आठ अन्य लोग भी शामिल हैं जिनकी तलाश में दो टीम गुजरात के सूरत और महाराष्ट्र के मुंबई जा रही हैं।

96 लाख रुपये का नहीं मिल रहा हिसाब, बैंक ऑफ महाराष्ट्र नहीं दे रहा ब्योरा

अमृत विचार, लखनऊ एकेटीयू के खाते से उड़ाए गए 120 करोड़ में से करीब 96 लाख रुपये का पता नहीं चल सका है। पुलिस को इस रकम के बारे में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की मुंबई शाखा ने कोई जानकारी नहीं दी है। बैंक के उच्चाधिकारी टालमटोल कर रहे हैं। न तो रकम के बारे में कोई जानकारी दे रहे हैं और न एकेटीयू के खाते में वापस कर रहे हैं।

इसे लेकर साइबर क्राइम थाने की टीम लगातार पत्राचार कर रही है। हालांकि पुलिस 119 करोड़ रुपये वापस कराने का दावा कर रही है। वहीं, हेराफेरी की रकम में कितनी नकदी निकली गई और कितने की खरीदारी हुई इसका पता चल चुका है।

पांच लाख देवेंद्र ने कर दिए खर्च

रकम खाते में पहुंचने के बाद देवेंद्र जोशी ने पांच लाख रुपये निकाले और उसके दूसरे दिन एक करोड़ रुपये उदय पटेल के बंधन बैंक के खाते में ट्रांसफर किए। इसके कुछ देर बाद ही उदय के एसबीआई खाते में 50 लाख रुपये और जमा कराए।

साथ ही बैंक ऑफ महाराष्ट्र की मुंबई शाखा में एक करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इनमें से पुलिस ने श्रद्धा ट्रस्ट और उदय पटेल के खाते की सारी रकम को एकेटीयू के खाते में वापस करा दिए। बैंक ऑफ महाराष्ट्र की कमुंबई शाखा में पहुंची रकम से 20 लाख रुपये की कार खरीदी गई।

खाता फ्रीज होते ही करने लगा हंगामा

12 जून को श्रद्धा ट्रस्ट के खातों में ट्रांसफर किए गए 120 करोड़ रुपये की निकासी पर रोक लगाने का पत्र भेजा गया। पत्र मिलते ही बैंक ने रकम की निकासी पर रोक लगा दी। साथ ही डेढ़ करोड़ उदय पटेल के खाते और 1 करोड़ मुंबई में ट्रांसफर की बात बताई।

पुलिस सभी खातों को फ्रीज करा दिया। दूसरे दिन बैंक पहुंचने पर देवेंद्र को खाता फ्रीज होने की जानकारी मिली तो उसने आनन-फानन करीब एक दर्जन वकीलों को बुला लिया और बैंक में काफी देर तक हंगामा किया। पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह वहां से निकल गया।

गिरोह में टप्पेबाज से लेकर प्रोड्यूसर तक

एकेटीयू से 120 करोड़ की हेराफेरी करने वाले गिरोह के पकड़े गए सात सदस्य सभी अलग-अलग क्षेत्र से हैं। इसमें दो सदस्य देवेंद्र जोशी और उदय पटेल ट्रस्ट संचालित करते हैं।

वहीं शैलेश कुमार सिंह रघुवंशी पेशे फार्मासिस्ट और ठेकेदार है। राजेश बाबू भोजपुरी फिल्म प्रोड्यूसर है। वहीं, गिरीश चंद्र, दस्तगीर आलम और केके त्रिपाठी टप्पेबाजी करते हैं। उनके खिलाफ कई थानाक्षेत्र में मामला दर्ज होने की जानकारी मिली है।

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