लॉकडाउन और काम बंद होने से मजबूर ,फिर अपने घर लौटने लगे मजदूर
देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामले को लेकर विभिन्न राज्यों ने अलग-अलग तरह की प्रतिबंधों को लगाया गया है। महाराष्ट्र में कई जिलों में लॉकडाउन की स्थिति है तो वहीं अन्य कई राज्यों में रात्रि कर्फ्यू की घोषणा की गई है। एक बार फिर से लोगों में लॉकडाउन को लेकर आशंका व्याप्त है। इसी आशंका की वजह से प्रवासी मजदूर एक बार फिर अपने गृह राज्य लौटने को मजबूर हैं। महाराष्ट्र में कोरोना प्रतिबंधों के चलते 30 अप्रैल तक गैर आवश्यक व्यवसाय बंद हो गए है।
इसका असर यह हुआ है कि प्रवासी मजदूर गृह राज्य लौटने लगे हैं। लोकमान्य तिलक टर्मिनस और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर प्रवासियों की भारी हुजूम दिखाई देने लगी है। आरक्षण के काउंटरों पर लंबी कतारें लग रही हैं। यूपी और बिहार के लोग लगातार स्टेशन के इंक्वायरी में जाकर ट्रेनों के बारे में पूछ रहे हैं। रेलवे की ओर से उन्हें आरक्षित टिकट लेने के लिए कहा जा रहा है।
कुछ ऐसा ही हाल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी दिखाई दे रहा है। दिल्ली में पिछले दिनों 5100 कोरोना के मामले मिले। दिल्ली सरकार ने यहां रात्रि कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। दिल्ली में उत्तर प्रदेश और बिहार के रह रहे प्रवासी भी लॉकडाउन की आशंका को देखते हुए अपने गृह राज्य लौटने लगे हैं। दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी आरक्षित टिकट काउंटर पर यात्रियों की लंबी भीड़ दिखाई दे रही है। हालांकि दिल्ली में अभी व्यवसायिक संस्थान खुले है। लेकिन कोरोना वायरस की सबसे खराब स्थिति महाराष्ट्र की है।
महाराष्ट्र में बढ़ते मामले का नतीजा यह हुआ है कि हर तरह चीजें बंद होने लगी है। एक यात्री ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया कि मैं यहां 15 सालों से रहता हूं और नींबू का रस बेचता हूं। फिर से यहां लॉकडाउन की स्थिति आने के बाद में बेघर हो गया हूं। अब मेरे पास आय का कोई स्रोत नहीं है। यही कारण है कि मैं अब अपने घर लौटना चाहता हूं। यहां मैं भूखा मर जाऊंगा। कम से कम अपने घर जा कर दो वक्त का भोजन तो मिल पाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि टिकट नहीं मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वह बिना टिकट ट्रेन में चढ़ेंगे और अगर उनका फाइन लगता है तो भी वह देंगे।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए विभिन्न शहरों से चलने वाली ट्रेनों में टिकट उपलब्ध नहीं है। अपने घर लौटने के लिए प्रवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। टिकट नहीं मिलने से यात्री प्लेटफार्म पर सोने को मजबूर हैं। प्रवासियों का दावा है कि काम बंद हो जाने से उनके पास न खाने के पैसे हैं, ना रहने के पैसे हैं। ऐसे में वे अब मुंबई में क्या करें प्रवासी ने कहा कि वह यहां एक होटल में काम करता है लेकिन मालिक ने कहा कि वह अब उसे पैसे नहीं दे सकता। हालांकि उन्होंने कहा कि खाना देंगे। प्रवासी ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम यहां क्या करेंगे? हमें इस जगह को छोड़ना ही होगा। हम अपने घर गांव जाएंगे, वहां खेती किसानी करेंगे और कम से कम दो वक्त की रोटी खा पाएंगे।
इस बारे में रेलवे ने कहा कि फिलहाल कोरोना वायरस को देखते हुए ट्रेन में सिर्फ कंफर्म टिकट वाले को ही यात्रा करने की अनुमति है। वर्तमान स्थिति में फिलहाल कोई नई या स्पेशल ट्रेनों की घोषणा नहीं हुई है लेकिन समय-समय पर यह किया जाता है। हम लोगों से अपील करते हैं कि वह अफवाहों से बचें और पैनिक ना हो। रेलवे की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों में टिकट फिलहाल उपलब्ध नहीं है।