वो देश जहां रईस अपनी दौलत दिखाने में शरमाते हैं
फिनलैंड क्यों है दुनिया का सबसे खुशहाल देश
यहां सबको समान भाव से देखा जाता है। सरकारी सुविधाओं के मामले में व्यक्ति की सामाजिक और आर्थिक हैसियत कोई मायने नहीं रखती। कहा जाता है कि यहां कोई बेघर नहीं है। गरीबों को भी सर्वोत्तम शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं मिलती हैं।
संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक हैप्पीनेस इंडेक्स में फिनलैंड लगातार पांचवें साल दुनिया का सबसे खुशहाल देश चुना गया है। फिनलैंड के साथ-साथ डेनमार्क, आइसलैंड, स्विटजरलैंड और नीदरलैंड उन देशों में हैं, जिन्हें खुशहाल देशों के शीर्ष 5 देशों में शामिल किया गया है। यह सूची शुक्रवार को जारी की गई है।
इस सूची के मुताबिक हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत का रैंक 136वां है। जबकि हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान 121वें रैंक पर है। यानी लोगों के खुश रहने के मामले में पाकिस्तान हमसे बेहतर स्थिति में है।
वहीं बात करें अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों की तो अमेरिका 16वें और ब्रिटेन 17वें नंबर है। लेबनान, वेनेजुएला और अफगानिस्तान की रैंक में बड़ी गिरावट आई है। लेबनान जहां 144 नंबर हैं, वहीं जिम्बाब्वे 143 नंबर पर रहा। अफगानिस्तान पहले से ही इस सूची में सबसे नीचे के पायदान पर है।
किस आधार पर जारी होता है इंडेक्स
यह वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट जारी होने का दसवां साल है। यह इंडेक्स आमतौर पर प्रति व्यक्ति जीडीपी, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, जीवन जीने की स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार की धारणा जैसे कई कारकों के आधार पर 150 देशों को रैंक करती है।
इसे तैयार करने के लिए लोगों की खुशहाल जिंदगी के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक आंकड़ों को भी देखा जाता है। इस साल, रिपोर्ट में 146 देशों को स्थान दिया गया है। नई सूची यूक्रेन पर रूसी हमले से पहले तैयार हो गई थी। इस सूची में रूस का नंबर 80 और यूक्रेन का नंबर 98 पर है।
फिनलैंड क्यों है सबसे खुशहाल देश
फिनलैंड उत्तरी यूरोप का छोटा सा देश है और यूरोपीय संघ का एक सदस्य भी है। 1917 तक ये रूसी शासन के अधीन था, लेकिन रूस में 1917 की क्रांति के बाद, फिनलैंड ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर लिया।
यह समझना जरूरी है कि आखिर क्या वजह है कि लगातार पांचवें साल तक फिनलैंड सबसे खुशहाल देश की अपनी रैकिंग को बरकरार रखे हुए है। कुछ उदाहरणों से इस बात को समझते हैं।
फ़िनलैंड प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है। प्राचीन घने जंगल, साफ-सुथरी झील और वन्य जीवन से भरपूर फिनलैंड दुनिया के खूबसूरत स्थानों में एक है। यहां की सबसे बड़ी झील साइमा यूरोप की चौथी बड़ी झील है।
जब आप यहां के निम्न प्रदूषण स्तर और स्वच्छ हवा को भी जोड़ लें तो यह साफ हो जाता है कि फिनलैंड अपने नागरिकों को किस तरह का स्वस्थ जीवन दे रहा है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक बहुत से लोग मानते हैं कि प्राकृतिक सुंदरता, जंगल और प्रदूषण मुक्त देश इसे रहने के लिए बहुत अनुकूल जगह बनाते हैं।
कई शोध में भी यह जाहिर हो चुका है कि प्रकृति से घिरे रहने पर इंसान खुशी महसूस करता और सकारात्मक रहता है। फिनलैंड के मामले में यह बात प्रत्यक्ष तौर पर देखी जा सकती है।
उच्च जीवन स्तर
दुनिया का सबसे खुशहाल देश फिनलैंड अपने नागरिकों के उच्च जीवन स्तर, सुविधाओं और प्रणालियों के सर्वोत्तम मानक के लिए जाना जाता है। समृद्ध देश होने के बाद भी सरकार यहां लोगों को खास सुविधाएं देती है।
उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं
यहां की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली अपने सर्वोत्तम सेवाओं के लिए जानी जाती है। आर्थिक सुरक्षा के अलावा सरकार नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं भी देती है। ये वो महत्वपूर्ण कारक हैं जो किसी भी नागरिक को खुशहाल बनाती है और उन्हें दैनिक जीवन में संतुष्ट महसूस कराती है।
निम्न अपराध दर
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में नागरिकों की खुशी नापने का एक महत्वपूर्ण मापदंड यह है कि लोग कितना सुरक्षित महसूस करते थे। यहां अपराध न के बराबर है। इस वजह से फिनलैंड के लोग अपने देश में सुरक्षित महसूस करते हैं। कम अपराध दर का विशुद्ध परिणाम एक ऐसा समाज है जहां लोग सुरक्षित और खुश रहते हैं।
शानदार शिक्षा प्रणाली
फिनलैंड ने भी वर्षों पहले अपनी शिक्षा प्रणाली को मौलिक रूप से बदल दिया था। जिसने लोगों को तरक्की करने और खुश रहने का रास्ता दिखाया। यहां की शिक्षा प्रणाली पूरे यूरोप में सबसे बेहतरीन और साफ-सुथरी मानी जाती है। जिससे युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलते हैं।
अमीर अपनी दौलत दिखाने में शरमाते हैं
फिनलैंड में ज्यादातर मध्यम वर्ग के लोग हैं और बहुत कम गरीबी है। कहा जाता है कि यहां कोई बेघर नहीं है। गरीबों को भी सर्वोत्तम शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं मिलती हैं।
माना जाता है कि फिनलैंड के अमीर भी अपनी दौलत दिखाने में शरमाते रहते हैं। यहां सबसे धनी लोगों को भी पुरानी वोल्वो कार या अधिक से अधिक महंगी मर्सिडीज चलाते देखा जा सकता है।
समानता
एक अन्य कारक है जो फिनलैंड को अन्य देशों से अलग बनाता है। वह है सबके प्रति समानता का भाव। जिसमें सभी के लिए अवसर मौजूद है, चाहे वे किसी भी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से हों। 1906 में महिला और पुरुष दोनों को मतदान में हिस्सा लेने और चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया। इस तरह, फिनलैंड लैंगिक समानता को अपनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।