
वैक्सीन का असर 8-10 महीने, हर साल लगवानी पड़ेगी
कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगने के दो माह बाद तक सावधानी बरतें, तब जाकर खुद को सुरक्षित समझें। इस वैक्सीन का असर 8-10 महीने रहेगा, हर साल वैक्सीन लगवानी पड़ेगी। उन्हीं लोगों के साथ उठे-बैठें जिनको वैक्सीन लग चुकी हो। यह बात ऋषिकेश एम्स के निदेशक प्रो. रविकांत ने अमर उजाला से बातचीत के दौरान कही।
सीएसजेएमयू के दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पद्मश्री प्रो. रविकांत बोले, कोरोना जुलाई 2022 से पहले तो बिल्कुल नहीं जाएगा, जाने का समय बढ़ भले ही सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय शैली, संस्कृति को अपनाकर ही कोरोना पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य बजट के लगभग बराबर ही कोरोना वैक्सीन का बजट है। सभी को वैक्सीन लगना संभव भी नहीं है। जो वैक्सीन अपने खर्च पर लगवा सकते हैं, वह सरकार पर निर्भर न रहें। प्रो. रविकांत ने कहा कि यह कोरोना वेव की तरह है, कभी ऊपर जाएगा तो कभी नीचे आएगा।
कोरोना को हल्के में लेने वाले लोग सावधान हो जाएं। यह अभी भी उतना ही खतरनाक है। इसलिए मास्क जरूर पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें। 100 में से 90 लोग ऐसे होंगे जिनको कोरोना हुआ, लेकिन उनको पता नहीं चला।
हल्के जुकाम, फ्लू समझकर उन्होंने खुद को सुरक्षित कर लिया। कोरोना में साइंस और योग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। साइंस को मानने वाले लोग किसी भी महामारी का मुकाबला कर सकते हैं। योग से बीमारी से लड़ने में मानसिक मजबूती मिलती है।



