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वर्तमान सरकार ने 08 लाख पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मान देते हुए उनके मानदेय में वृद्धि की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘मिशन शक्ति’ को प्रभावी ढंग से लागू कर आधी आबादी के लिए सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन सुनिश्चित किया है। आयुष्मान भारत योजना में प्रदेश के 06 करोड़ से अधिक संख्या में लोगों 05 लाख रुपए तक के चिकित्सा बीमा से आच्छादित किया गया। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से योजना हेतु पात्र 60 लाख अतिरिक्त लोगों को इस सुविधा से जोड़ा गया है। राज्य सरकार ने गरीब महिलाओं को असाध्य बीमारी के उपचार के लिए आयुष्मान भारत योजना हेतु अनुमन्य धनराशि के अलावा आवश्यकता होने पर 05 लाख रुपए की अतिरिक्त धनराशि प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री आज यहां विधान सभा में प्रस्तुत द्वितीय अनुपूरक बजट, अन्तरिम बजट 2022-23 तथा लेखा अनुदान पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज लगभग आठ हजार पांच सौ करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 का लगभग 05 लाख 45 हजार करोड़ रुपए का अन्तरिम बजट तथा लेखा अनुदान भी प्रस्तुत किया गया है, जिससे आगामी विधान सभा चुनाव और नई सरकार के गठन होने तक सरकारी काम-काज में किसी प्रकार का कोई व्यवधान न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निराश्रित महिला पेंशन योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना तथा दिव्यांगजन पेंशन योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली पेंशन धनराशि को 500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1,000 रुपए प्रतिमाह करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन पेंशन योजनाओं के पात्र व्यक्तियों को कैम्प लगाकर लाभान्वित करने का कार्य किया। वर्ष 2017 से पूर्व निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 17.21 लाख महिलाएं लाभान्वित होती थीं।

वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 30.34 लाख हो गई है। वर्ष 2017 के 37 लाख की तुलना में वृद्धावस्था पेंशन योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 55.77 लाख तथा दिव्यांगजन पेंशन योजना के लाभार्थियों की संख्या 08 लाख के सापेक्ष बढ़कर 11 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कुष्ठावस्था पेंशन की धनराशि को 2,500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 3,000 रुपए प्रतिमाह करने का निर्णय लिया है। कुष्ठावस्था से प्रभावित व्यक्ति के परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना अथवा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास भी प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने हर क्षेत्र में पूरी पारदर्शिता एवं बिना किसी भेदभाव के कार्य किया है। जब सरकार के पास विजन होता है तो स्थानीय स्तर की सरकार भी प्रभावी ढंग से कार्य करती है। कोरोना कालखण्ड में ग्रामीण इलाकों में ग्राम प्रधान तथा नगरीय क्षेत्रों में पार्षद के नेतृत्व में निगरानी समितियों में सम्मिलित विभिन्न कर्मियों ने उल्लेखनीय कार्य किया।

वर्तमान सरकार ने 08 लाख पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मान देते हुए उनके मानदेय में वृद्धि की है। प्रदेश सरकार कोरोना कालखण्ड में योगदान करने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, आशा वर्कर, ए0एन0एम0, सफाई कर्मी, रोजगार सेवक, अनुदेशक, चौकीदार, बेसिक शिक्षा परिषद के रसोइया, पी0आर0डी0 जवान, शिक्षामित्र आदि सहित सभी कार्मिकों के मानदेय में वृद्धि करने जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम प्रधान, ग्राम विकास का आधार है, निर्वाचित निकाय है। राज्य सरकार ने ग्राम प्रधानों के अधिकार बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय का कार्य पूरा हो गया है। ग्राम प्रधान का सहयोग करने के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में पंचायत सहायक तैनात किए जा रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों मेें बैंकिंग सुविधाओं के लिए बैंकिंग कॉरस्पॉण्डेण्ट (बी0सी0 सखी) की नियुक्ति की जा रही है। ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा रहा है। अब गांव स्मार्ट होंगे। आय, मूल निवास, जाति प्रमाण-पत्र आदि गांव में ही बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि 21 दिसम्बर, 2021 को प्रयागराज में बी0सी0 सखी को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने युवाओं के कल्याण के लिए निरन्तर कदम उठाए हैं। पूर्ववर्ती सरकार में वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य 76 लाख युवाओं को छात्रवृत्ति दी गई। वर्तमान राज्य सरकार 1.14 करोड़ विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है। ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ के माध्यम से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गई। प्रदेश के 19 जनपदों में यह योजना लागू की गई है। योजना के तहत अभी तक 52,000 छात्र-छात्राएं लाभान्वित हुए हैं। भविष्य में सभी 75 जनपदों में इस योजना को लागू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विगत लगभग 05 वर्षों में साढ़े चार लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में नियोजित किया। प्रदेश में हुए निजी निवेश के फलस्वरूप 01 करोड़ 61 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 60 लाख से अधिक युवा स्वरोजगार से जुड़े। उन्होंने कहा कि एक सर्वे के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी की दर वर्ष 2016-17 में 17-18 प्रतिशत के सापेक्ष 4 से 5 प्रतिशत पर आ गई है। आज ही विभिन्न भर्ती आयोगों के माध्यम से चयनित 1,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान करने जा रहे हैं। इसी माह प्रदेश पुलिस बल के 2,000 प्रशिक्षुओं को भी नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाभारत के शान्तिपर्व में भीष्म पितामह ने कहा है कि ‘योग्य शासक परिस्थिति के अनुसार नहीं चलता, अपने अनुरूप परिस्थिति बनाता है।’ हम कोरोना से पीछे नहीं भागे, कोरोना को पीछे भगाया। वर्तमान में प्रदेश में पर्व, त्योहार मनाए जा रहे हैं, विकास के कार्य चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि विगत 05 वर्ष प्रदेश के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण रहे। राज्य के बारे में धारणा थी कि उत्तर प्रदेश विकास में बाधक है। यहां दंगे होते हैं, आस्था का सम्मान नहीं होता, विकास में रुचि नहीं है। कई जनपदों में माफिया के कारण व्यापारियों को पलायन करना पड़ा। वर्तमान में हम कह सकते हैं कि प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बारे में देश-दुनिया की धारणा बदली है। बड़े निवेशक यहां निवेश करने के लिए उत्सुक हैं। विगत 05 वर्षों में प्रदेश में हुआ बड़े पैमाने पर निवेश इसका उदाहरण है। कोरोना काल में राज्य में 66,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। उस दौरान देश की पहली डिस्प्ले यूनिट प्रदेश में लगी और उत्पादन भी शुरू हुआ। डिस्प्ले यूनिट पहले चीन में बनती थी, अब यू0पी0 में बन रही है। उन्होंने कहा कि जब वर्तमान सरकार ने अपना पहला बजट प्रस्तुत किया था।

उस समय प्रदेश की 22 करोड़ की आबादी को देखते हुए ढ़ाई अथवा तीन लाख करोड़ रुपए का बजट पर्याप्त नहीं था। बजट का दायरा बढ़ाने के लिए हमने अपना राजस्व बढ़ाया। आज जब अन्तिम अनुपूरक बजट प्रस्तुत हो रहा है, तो यह लगभग छह लाख करोड़ रुपए का है। कोरोना कालखण्ड की तमाम विपरीत परिस्थितियों और अर्थव्यवस्था पर पड़े विपरीत असर के बावजूद हम छह लाख करोड़ रुपए तक बजट को पहुंचाने में सफल रहे हैं। एफ0आर0बी0एम0 की सीमा का अनुपालन करते हुए राज्य सरकार ने इसे हासिल किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में देश में प्रदेश की अर्थव्यवस्था छठें स्थान पर थी, जिसे वर्तमान सरकार ने देश की दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बनाने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को लगभग दोगुना करने में भी वर्तमान प्रदेश सरकार को सफलता प्राप्त हुई है। पूर्ववर्ती सरकारें भी यदि इसी तरह कार्य करतीं, तो आज उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर होता। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रथम स्थान का हकदार था और यह हक उसको मिलना ही चाहिये था। वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश को नम्बर-1 का राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य किया।

सामूहिक प्रयासों से वर्तमान प्रदेश सरकार को कई क्षेत्रों में सफलता मिली। प्रदेश वर्तमान में गेहूं, तिलहन, गन्ना, चीनी, आलू, मटर, दूध, आम, आंवला उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। भारत सरकार की विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं में प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण तथा शहरी), प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, सौभाग्य योजना, उज्ज्वला योजना, एम0एस0एम0ई0 में उद्योग प्रोत्साहन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सहित लगभग 50 योजनाओं में प्रदेश प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि कोरोना टेस्टिंग, कोरोना वैक्सीनेशन में भी उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार खिलाड़ियों, संस्कृति कर्मियों, लोक कर्मियों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है। खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हर गांव में खेल मैदान तथा विकास खण्ड में स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने टोक्यो ओलम्पिक में पदक विजेता खिलाड़ियों तथा प्रदेश के प्रतिभागी खिलाड़ियों को धनराशि प्रदान कर सम्मानित किया। यह सम्मान समारोह प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित किया गया।

इसी प्रकार टोक्यो पैरालम्पिक में पदक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान के लिए जनपद मेरठ में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। राज्य सरकार जनपद मेरठ में मेजर ध्यानचन्द के नाम पर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने जा रही है। शीघ्र ही इसका शिलान्यास किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने कुश्ती और बैडमिण्टन के खेल को गोद लेकर बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने परम्परागत उद्यम को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ लागू की। प्रदेश सरकार के प्रभावी प्रयासों से राज्य में परम्परागत उद्यम ने नई ऊँचाइयां हासिल की हैं। पारम्परिक हस्तशिल्प एवं उद्यम के माध्यम से उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट हब के रूप में उभरा है। राज्य से 01 लाख 31 हजार करोड़ रुपए के ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों का प्रतिवर्ष निर्यात किया जाता है।

बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, कुम्हार, लोहार सहित 17 परम्परागत हस्तशिल्पियों को बेहतर अवसर सुलभ कराने के लिए ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ लागू की गई। इसके तहत इन हस्तशिल्पियों को विभिन्न योजनाओं से जोड़कर लाभान्वित किया गया। इनके कौशल को निखारने के लिए प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही, आधुनिक टूल किट उपलब्ध करायी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2020 में 54 लाख श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता दिया। वर्ष 2020-21 में 26 लाख श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता दिया गया। राज्य सरकार ने असंगठित क्षेत्र के 2.5 करोड़ श्रमिकों यथा-स्ट्रीट वेण्डर, कुली, ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वाले, पटरी व्यवसायी, पल्लेदार, रिक्शाचालक, खेतिहर मजदूर तथा 60 लाख पंजीकृत श्रमिकों सहित 3.10 करोड़ श्रमिकों को अगले 04 महीने तक प्रतिमाह 500 रुपए भरण-पोषण भत्ते के रूप में प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है। इस प्रकार, राज्य सरकार अगले 4 महीने में इन्हें 2,000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए उपलब्ध कराने जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने अपने कार्यकाल में प्रदेश की 31 चीनी मिलों को बेच दिया। वर्तमान राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण के बावजूद चीनी मिलों को संचालित कराया। उन्होंने कहा कि रमाला, मुण्डेरवा तथा पिपराइच में नई चीनी मिलें स्थापित की गईं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में कुछ नयी चीनी मिलों के पुनरुद्धार या वहां नई चीनी मिल स्थापित करने या उनकी क्षमता विस्तार की कार्यवाही करेंगे। इसमें बुढ़वल-बाराबंकी, सुल्तानपुर, सांठा-अलीगढ़, गजरौला-अमरोहा, स्नेहनगर रोड-बिजनौर, मोरना-मुजफ्फरनगर सम्मिलित हैं। इनके साथ ही, छाता की चीनी मिल को गन्ना की उपलब्धता पर चीनी मिल अन्यथा एथेनॉल प्लाण्ट की स्थापना की जाएगी। देवीपाटन मण्डल और गोरखपुर मण्डल में भी नई चीनी मिलों की स्थापना की कार्यवाही प्रारम्भ होगी।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि वर्तमान सरकार के वर्ष 2017 में सत्ता में आने पर राज्य में कोई प्रोक्योरमेण्ट पॉलिसी नहीं थी। हमने विभिन्न राज्यों में एक टीम भेजकर वहां लागू प्रोक्योरमेण्ट पॉलिसी का अध्ययन कराया। इसके बाद गेहूं खरीद के लिए राज्य में 01 अप्रैल, 2017 से क्रय केन्द्र स्थापित कराए, जिससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ प्राप्त हो सके। किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य मिलने से खेतीबाड़ी में उसकी रुचि बढ़ती है।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के कालखण्ड में 144 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन हुआ। इसके सापेक्ष वर्ष 2017 से वर्ष 2021 के मध्य 171 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन हुआ। इसी प्रकार, पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में 349 लाख मीट्रिक टन गेहूं के सापेक्ष वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 375 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में 74 लाख मीट्रिक टन दलहन के सापेक्ष वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 95 लाख 90 हजार मीट्रिक टन दलहन तथा पूर्ववर्ती सरकार के समय में 41.76 लाख मीट्रिक टन तिलहन के सापेक्ष वर्तमान सरकार के समय में 69.76 लाख मीट्रिक टन तिलहन का उत्पादन हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के कार्यकाल में 123 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई। इसके सापेक्ष वर्तमान सरकार के वर्ष 2017 से वर्ष 2020 तक की अवधि में 244 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। इसके सापेक्ष वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 210 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक 14 लाख 87 हजार किसानों से धान क्रय किया गया।

इसके सापेक्ष वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017 से वर्ष 2020 तक की अवधि में 31 लाख 88 हजार किसानों से धान खरीद की। इसी प्रकार, पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 19 लाख 02 हजार किसानों के सापेक्ष वर्तमान सरकार ने 45 लाख 75 हजार किसानों से गेहूं की खरीद की। पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य किसानों को गेहूं मूल्य के रूप में 12,800 करोड़ रुपए का भुगतान किया। इसके सापेक्ष वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017 से वर्ष 2020 के मध्य लगभग 03 गुना 36,405 करोड़ रुपए गेहूं मूल्य के रूप में किसानों को उपलब्ध कराया।

इसी प्रकार, पूर्ववर्ती सरकार द्वारा उनके कार्यकाल में किसानों को प्रदान किए गए धान मूल्य 17,190 करोड़ रुपए की तुलना में वर्तमान सरकार ने किसानों को धान मूल्य के रूप में 41,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया। पूर्ववर्ती सरकार ने गन्ना किसानों को लगभग 90,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में गन्ना किसानों को 01 लाख 48 हजार करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों का 36,000 करोड़ रुपए का फसली ऋण माफ किया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत प्रदेश के 2.54 करोड़ किसानों को 37,521 करोड़ रुपए की सम्मान निधि प्रदान की गई है। पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य विभिन्न सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 01 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचन क्षमता सृजित की।

इसके सापेक्ष वर्तमान राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कर 22 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित की है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इसी माह लोकार्पित सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के माध्यम से प्रदेश के 09 जनपद-बहराइच, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, महराजगंज तथा गोरखपुर लाभान्वित हो रहे हैं। इसी प्रकार, अर्जुन सहायक परियोजना से हमीरपुर, बांदा तथा महोबा जनपदों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। बाणसागर परियोजना से जनपद मिर्जापुर तथा प्रयागराज वर्ष 2018 से लाभान्वित हो रहे हैं। वर्तमान राज्य सरकार ने दशकों से लम्बित 17 सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कराया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार गांव-गांव पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कार्यवाही कर रही है। प्रदेश के बुन्देलखण्ड, विन्ध्य क्षेत्र तथा खारे पानी की समस्या से प्रभावित क्षेत्रों के 38,000 गांवों में ‘हर घर नल योजना’ के माध्यम से वर्ष 2024 तक पाइप पेयजल पहुंचाने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से जनस्वास्थ्य में सुधार होगा। पहले की तुलना में वर्तमान सरकार ने पाइप पेयजल से युक्त घरों का आच्छादन बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि केन व बेतवा नदियों को जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। इससे बुन्देलखण्ड क्षेत्र को लाभ मिलेगा। बुन्देलखण्ड के विकास का आधार बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे भी बनेगा। उ0प्र0 डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का लाभ भी बुन्देलखण्ड क्षेत्र को प्राप्त होगा। डिफेंस कॉरिडोर के तहत प्रधानमंत्री जी द्वारा भारत डायनमिक्स लिमिटेड की इकाई का शिलान्यास किया गया है। जनपद चित्रकूट एवं ललितपुर में एयरपोर्ट के विकास की कार्यवाही की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाला पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे खुल चुका है। इससे वाराणसी, बलिया व गोरखपुर को जोड़ने की कार्यवाही प्रगति पर है। बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ को पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है। प्रदेश के 12 जनपद आच्छादित होंगे।

18 दिसम्बर, 2021 को प्रधानमंत्री जी द्वारा इसकी आधारशिला रखी जाएगी। आजादी से वर्ष 2017 तक प्रदेश में डेढ़ एक्सप्रेस-वे थे। वर्तमान में 05 एक्सप्रेस-वे तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक प्रदेश में कुल 12 मेडिकल कॉलेज खुल पाए। विगत दिनों प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रदेश में 09 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया गया है। 08 जनपदों के मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन वर्ष 2019 में मेरे द्वारा किया गया था। 16 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मात्र कुछ हजार आवास स्वीकृत हुए थे। वर्तमान राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना व मुख्यमंत्री आवास योजना में गरीब परिवारों को 43 लाख से ज्यादा आवास उपलब्ध कराए। आजादी के बाद से ही विभिन्न अधिकारों से वंचित वनटांगिया, मुसहर, कोल, सहरिया, थारू आदि जातियों को वर्तमान राज्य सरकार द्वारा आवास, बिजली कनेक्शन, राशन कार्ड, रसोई गैस, 05 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर आदि सुविधाओं से लगभग शत-प्रतिशत आच्छादित किया गया। किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने इन वंचित परिवारों की सुध नहीं ली। वर्तमान राज्य सरकार ने इनके जीवन में खुशहाली लाने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ लाभार्थीपरक योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना’ के तहत प्रदेश में 1.80 करोड़ बालिकाओं, ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ में 10 लाख बालिकाओं को लाभान्वित किया गया। ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के माध्यम से 02 लाख पुत्रियों को लाभान्वित कर मातृ शक्ति को सम्मान देने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में आए आकड़ों में प्रदेश में लिंगानुपात का अन्तर कम हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले बेसिक शिक्षा परिषद के आधे से अधिक विद्यालय बन्दी की कगार पर थे। वर्तमान सरकार ने ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के माध्यम से जनसहभागिता के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद के 1.30 लाख विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं का विकास कराया। इससे इन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई।

यह संख्या अब लगभग 1.81 करोड़ पर पहुंच चुकी है। प्राथमिक विद्यालयों के प्रत्येक बच्चे को 02 जोड़ी यूनीफॉर्म, जूता-मोजा, स्वेटर आदि उपलब्ध कराने के लिए उनके अभिभावकों के बैंक खाते में प्रति विद्यार्थी 1,100 रुपए डी0बी0टी0 के माध्यम से भेजे जा रहे हैं। 1.20 करोड़ छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया जा चुका है। शेष विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के लिए उनके अभिभावकों के बैंक खातों को आधार से लिंक करने की कार्यवाही प्रचलित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने गांव, गरीब, किसान, मजदूर, महिला, नौजवान के लिए योजनाएं बनायीं। साथ ही, शहरों के विकास के लिए भी कार्य किया। केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के 10 नगरों का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए किया गया। प्रदेश सरकार शेष 07 नगर निगमों का अपने संसाधनों से स्मार्ट सिटी के रूप में विकास करा रही है। 60 शहरों में ‘अमृत योजना’ लागू की गई है। ‘जल जीवन मिशन’ के माध्यम से शुद्ध पेयजल सुलभ कराने के लिए कार्य किया जा रहा है। हर परिवार को शौचालय उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि कल वाराणसी में महापौर का सम्मेलन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री जी भी इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 05 वर्षों में सदन में समृद्ध और महत्वपूर्ण चर्चाएं हुई हैं। संसदीय लोकतंत्र की दृष्टि से अनेक मानक स्थापित किए गए हैं। प्रदेश विधान मण्डल, देश का पहला विधान मण्डल है, जिसने गांधी जी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट गोल्स पर चर्चा की, संविधान दिवस पर विशेष सत्र आहूत किया गया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री जी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र तथा श्रद्धेय अटल जी के ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता’, को ध्यान में रखकर बिना भेदभाव के योजनाएं बनायीं। प्रदेश सरकार ने ‘आदमी न ऊँचा होता है, न नीचा होता है, आदमी न बड़ा होता है, न छोटा होता, आदमी सिर्फ आदमी होता है’, को ध्यान में रखकर कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनौती ही व्यक्ति की सबसे बड़ी परीक्षा लेती है। दुनिया की बड़ी ताकतें जब कोरोना के सामने पस्त थीं, तब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को जिस मजबूती के साथ आगे बढ़ाया गया, वह अभिनन्दनीय है। देश की 135 करोड़ की आबादी को फ्री वैक्सीन, 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन, निःशुल्क कोरोना टेस्ट व उपचार की व्यवस्था की गई।

दुनिया में पहली बार ऐसा संक्रामक वायरस आया था। ऐसे देश जिनका हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर अत्यन्त सुदृढ़ और आबादी कम है, वहां भी बड़ी संख्या में संक्रमित लोगों की मृत्यु हुई। अमेरिका की आबादी भारत की तुलना में एक-चौथाई है, लेकिन वहां भारत के मुकाबले कोरोना संक्रमण से डेढ़ गुना अधिक लोगों की मृत्यु हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के विरुद्ध संघर्ष में प्रदेश देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चला। प्रदेश, देश में सर्वाधिक कोरोना टेस्ट करने वाला राज्य है। यहां 09 करोड़ से अधिक कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का जब पहला मामला आया था, उस समय राज्य में टेस्ट व उपचार की व्यवस्था नहीं थी।

वर्तमान में प्रदेश के सभी 75 जनपदों में आर0टी0पी0सी0आर0, ट्रूनेट तथा रैपिड एण्टीजेन टेस्ट की व्यवस्था है। वर्तमान में राज्य में प्रतिदिन 04 लाख टेस्ट करने की क्षमता है। कोरोना संक्रमण की शुरुआत में 36 जनपदों में आई0सी0यू0 का एक भी बेड नहीं था। आज सभी जनपदों में आई0सी0यू0 बेड उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रारम्भिक काल में प्रदेश मास्क, पी0पी0ई0 किट, सैनिटाइजर के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर था। वर्तमान में राज्य में पी0पी0ई0 किट, मास्क बनाने के अनेक उद्योग हैं। राज्य देश के 27 प्रदेशों को सैनिटाइजर उपलब्ध करा रहा है। प्रदेश में प्रतिदिन 15-16 लाख कोरोना वैक्सीनेशन किया जा रहा है।

अब तक कोरोना वैक्सीन की 18 करोड़ से अधिक डोज दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को राशन का डबल डोज प्रदान कर रही है। निःशुल्क राशन, उपचार, टेस्ट, वैक्सीनेशन की व्यवस्था है। यही ‘सबका साथ, सबका विकास’ है।

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