मोदी सरकार की नीयत में खोट-केजरीवाल
मेरठ—दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के मुख्य संयोजक अरविंद केजरीवाल शनिवार को मेरठ पहुंचे। यहां उन्होंने संस्कृति रिसोर्ट में किसान महापंचायत को संबोधित किया। अपने संबोधन में सीएम केजरीवाल ने जहां केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा तो वहीं प्रदेश की योगी सरकार को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर न सिर्फ बीजेपी सरकार की नीयत में खोट बताई है बल्कि सरकार को किसान विरोधी करार दिया।
दिल्ली के सीएम एवं आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 70 सालों में इस देश के किसानों को केवल धोखा मिला है। सभी ने किसान को धोखा ही दिया है। 70 साल में कई पार्टियों की सरकार आई। देश के किसानों ने इन 70 सालों में सभी पार्टियों को वोट देकर सरकार बनाने का मौका दिया, लेकिन सभी पार्टियों की सरकारों ने किसान-मजदूर को सिवाए धोखे के कुछ नहीं दिया। किसान सरकारों से केवल अपनी फसल का सही दाम की मांग करता आ रहा है। फसल के वाजिब दाम मांगते हुए 70 साल गुजर गए, लेकिन आज तक किसी भी पार्टी की सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजाद भारत में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर बड़ी संख्या में चुनाव हो चुके हैं। हर चुनाव में सभी दलों द्वारा किसान हितों में घोषणा पत्र जारी कर लिखा जाता है कि हमारी सरकार बना दो, हम किसानों को सही दाम मुहैया कराएंगे, लेकिन आज तक किसी भी पार्टी की सरकार ने किसानों को सही दाम नहीं दिया। अगर किसानों को आज उनकी फसल के दाम सही मिल जाते तो देश का किसान आत्महत्या नहीं करता और न ही किसी किसान को ऋण लेना पड़ता। सरकारें किसानों के ऋण माफी के वादे करती हैं, लेकिन किसी भी पार्टी की सरकार ने ऋण माफ नहीं किया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने तीन कृषि कानून बनाए हैं। ये कानून किसानों के डेथ वारंट हैं, जिनके लागू किये जाने के बाद किसानों की बची-खुची खेती को केंद्र सरकार पूंजीपतियों के हाथों में सौंपना चाहती है। सभी किसानों की खेती पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी, जो किसान आज अपने खेत में हल चला रहा है वही किसान अपने खेत में मजदूर बनने मजबूर हो जाएगा। किसानों का खेतों से मालिकाना हक छीन लिया जाएगा। इसलिए किसान अपनी खेती बचाने के लिए करो या मरो की लड़ाई लेकर आंदोलन करने को मजबूर हैं। यही वजह है कि किसान दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर 95 दिन से अपने बच्चों को छोड़कर आंदोलन कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में लिखा था कि हम स्वामी नाथन रिपोर्ट लागू करेंगे, जिसके तहत फसल की लागत के मुनाफे का 50 प्रतिशत सरकार देगी। MSP उसी हिसाब से लागू की जाएगी, लेकिन सरकार ने किसानों को MSP देना तो दूर सरकार बनने के तीन साल के अंदर सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट लिखकर दे दिया कि वे MSP लागू नहीं करेंगे। सरकार ने किसानों के साथ न सिर्फ धोखा दिया बल्कि उनकी पीठ में छुरा घोंप दिया। झूठ बोलकर किसानों के वोट ले लिये।
सीएम योगी पर निशाना साधते हुए अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि योगी जी आपकी ऐसी क्या मजबूरी है, जो आपकी सरकार इन मिल मालिकों के सामने घुटने टेक दी है। यहां मिलें, किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं कर रहीं। अगर आप प्रदेश के किसानों को उनके गन्ने का भुगतान नहीं दिला सकते तो आपकी सरकार पर लानत है। जब दिल्ली की बिजली कंपनियां ठीक हो सकती हैं तो यूपी की शुगर मिल कंपनियां भी ठीक हो सकती हैं। फर्क केवल ये है कि यूपी में भी सही नियत वाली सरकार लानी पड़ेगी।
आम आदमी पार्टी का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि जिस दिन यूपी में अच्छी नियत वाली सरकार आ गई, उस दिन किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में भर कर मील में गन्ना डालकर घर नहीं पहुंचेंगे उनसे पहले उनके खाते में गन्ने का भुगतान पहुंच जाएगा। इसकी गारंटी आम आदमी पार्टी लेती है। बात केवल नियत की है। बीजेपी सरकार की नीयत ही ठीक नहीं है तो भुगतान कैसे हो पाएगा। मोदी सरकार ने खाद का कट्टा 50 किलो से 45 किलो कर दाम बढ़ा दिए, लेकिन उनकी सरकार आई तो खाद का कट्टा 55 किलो का सस्ते दामों पर मिलेगा।