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प्रधानमंत्री ने बनास काशी संकुल पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन तथा विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जनपद वाराणसी में 475 करोड़ रुपये की लागत के बनास काशी संकुल संयंत्र तथा वाराणसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि0 में बायो गैस पर आधारित ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखने के साथ ही कुल 2095 करोड़ रुपये लागत की 27 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने डिजिटल माध्यम से बनास डेयरी से जुड़े 01 लाख 70 हजार किसानों के बैंक खातों में 35 करोड़ रुपये की बोनस (भावांश) धनराशि अन्तरित की।

प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के 06 नये भू-स्वामियों को अपने कर-कमलों से घरौनी प्रदान करने के साथ ही बटन दबाकर राज्य के 20 लाख परिवारों को घरौनी वितरित की। उन्होंने दुग्ध तथा दुग्ध उत्पादों से सम्बन्धित ब्यूरो ऑफ इण्डियन स्टैण्डर्ड्स की कन्फर्मिटी एसेसमेण्ट स्कीम के पोर्टल व ‘लोगो’ को भी लांच किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी का स्वागत अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न प्रदान कर किया। बनास डेयरी के चेयरमैन श्री शंकर चौधरी ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी का स्वागत गोमाता की प्रतिमा और अंगवस्त्र प्रदान कर किया। कार्यक्रम में बनास डेयरी पर आधारित एक फिल्म भी प्रदर्शित की गयी। कार्यक्रम हेतु मंच पर पधारने से पूर्व, प्रधानमंत्री जी ने बनास काशी संकुल पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन तथा विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद भी किया।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में अपने सम्बोधन की शुरुआत स्थानीय बोली में उपस्थित जनसमुदाय का अभिवादन करते हुए की। उन्होंने कहा कि आज वाराणसी और आस-पास का क्षेत्र एक बार पुनः देश व उत्तर प्रदेश के गांव, किसानों, पशुपालकों के लिए बहुत बड़े कार्यक्रम का साक्षी बन रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि आज उनकी जयन्ती है। देश उनकी स्मृति में किसान सम्मान दिवस मना रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए गाय माता है, पूज्यनीय है। गाय, भैंस का मजाक उड़ाने वाले भूल जाते हैं कि देश के 08 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है। इनकी मेहनत से भारत हर साल लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है। यह धनराशि भारत में गेहंू और धान की कीमत से अधिक है, इसलिए डेयरी सेक्टर को मजबूत करना हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताआंे में से एक है।

इसी कड़ी में आज बनास काशी संकुल संयंत्र का शिलान्यास किया गया है। बनास डेयरी से जुड़े लाखों किसानांे के खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। वाराणसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के रामनगर डेयरी प्लाण्ट को चलाने के लिए बायो गैस आधारित ऊर्जा संयंत्र का शिलान्यास किया गया है। दूध की शुद्धता के प्रमाणन के लिए एकीकृत व्यवस्था और ‘लोगो’ जारी हुआ। लगभग 20 लाख परिवारों को घर के कानूनी दस्तावेज की कॉपी सौंपी गयी। काशी को सुन्दर और सुविधा सम्पन्न बनाने वाली 1,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले के समय में हमारे घर-आंगन मंे मवेशियों का झुण्ड सम्पन्नता की पहचान था। दरवाजे पर खूटांे की संख्या की प्रतिस्पर्धा रहती थी। शास्त्र मंे भी कामना की गयी है कि गाय मेरे चारों ओर रहें और मैं गायों के बीच निवास करूं। डेयरी सेक्टर हमारे यहां रोजगार का बड़ा माध्यम रहा है। इस सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए हमारी सरकार ने कामधेनु आयोग का गठन किया। डेयरी सेक्टर के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए विशेष फण्ड बनाया गया।

पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा गया। पशुओं हेतु अच्छी गुणवत्ता का चारा सुलभ कराने के लिए काम चल रहा है। घर पर पशुओं का इलाज और गर्भाधान के लिए विशेष अभियान चलाया गया। हमारी सरकार बच्चों के टीकाकरण तथा कोरोना टीकाकरण के साथ ही पशुआंे में खुरपका, मुंहपका रोग की रोकथाम के लिए पशुओं के टीकाकरण का राष्ट्रव्यापी अभियान चला रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप विगत 06-07 वर्ष मंे देश मंे दुग्ध उत्पादन मंे लगभग 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्तमान भारत दुनिया का लगभग 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य होने के साथ ही डेयरी सेक्टर के विकास में भी बहुत आगे है।

उन्होंने विश्वास जताया कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति की नयी ऊर्जा किसानांे की स्थिति बदलने में भूमिका निभा सकती है। यह सेक्टर देश के 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानांे की अतिरिक्त आय का साधन बन सकता है। डेयरी सेक्टर विदेशों के बाजार मंे आगे बढ़ने का अवसर उपलब्ध कराने का साधन बन सकता है। पशुपालन महिलाओं की उद्यमशीलता बढ़ाने का जरिया बन सकता है। पशुधन, बायो गैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का आधार बन सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार पूरी ईमानदारी और शक्ति के साथ किसानों व पशुपालकों का साथ दे रही है। बनास काशी संकुल का शिलान्यास सरकार व सहकार की भागीदारी का प्रमाण है। सहकारिता क्षेत्र की बड़ी इकाई बनास और पूर्वांचल के किसानों की सहभागिता से वाराणसी सहित इस क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा।

इससे आस-पास के गांवों में दुग्ध समितियां, कलेक्शन सेन्टर बनेंगे। दूध के खराब होने की चिंता से मुक्ति मिलेगी। अच्छी नस्ल के पशुओं को प्राप्त करने में किसानों को मदद मिलेगी। दूध, दही, छाछ, मक्खन, पनीर के अलावा आइसक्रीम, मिठाइयां भी यहां बनेगी, इससे बनारस की लस्सी, छेने की एक से बढ़कर एक मिठाइयां, लौंगलता का स्वाद और बढ़ जाएगा। यह बनारस के रस को और बढ़ा देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आम तौर पर दूध की गुणवत्ता, प्रमाणिकता को लेकर बड़ी उलझन रही है। प्रमाणिकता के लिए अलग-अलग व्यवस्था के कारण पशुपालकों, दुग्ध संघों को कठिनाइयां होती रहीं। इसके समाधान के लिए भारतीय मानक ब्यूरों ने देश भर के लिए मानक जारी किया है। कामधेनु का ‘लोगो’ भी जारी किया गया है।

यह ‘लोगो’ दूध व दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता व विश्वसनीयता की पहचान होगा। वाराणसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ रामनगर में बायो गैस द्वारा बिजली बनाने के इस संयंत्र से ऊर्जा जरूरते पूरी होंगी। इससे किसानों को गोबर की बिक्री से भी लाभ होगा। इससे बनने वाली जैविक खाद से जैविक खेती करने में सुगमता होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय भारत में प्राकृतिक खेती होती थी। प्राकृतिक खेती में बाहरी मिलावट नहीं होती थी। खाद, कीटनाशक सभी प्राकृतिक होते थे। समय के साथ इसका दायरा सिमटता गया। रसायनिक खेती हावी होती गयी। धरती माँ के कायाकल्प, खेती की सुरक्षा तथा आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए एक बार पुनः प्राकृतिक खेती की ओर मुड़ना होगा। यह समय की मांग है। सरकार इसके लिए अभियान चला रही है।

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इसमंे खर्च कम, उत्पादन अधिक है। यह खेती का सबसे सस्ता और सुरक्षित तरीका है। आज के विश्व में प्राकृतिक खेती से पैदा फसलों की कीमत अधिक है। यह हमारे कृषि सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। प्राकृतिक खेती मंे नौजवानों, स्टार्टअप सेक्टर के लिए अनेक सम्भावनाएं हैं, उन्हें इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, उनको अवैध कब्जे से चिंता मुक्त करने में स्वामित्व योजना उत्तर प्रदेश मंे अग्रणी है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 23 लाख से अधिक घरौनी तैयार हुई हैं। इनमें से 21 लाख परिवारों को यह दस्तावेज आज दिये गये। घरौनी हाथ में होने पर गरीब, अनुसूचित जाति, वंचित, पिछड़े वर्ग के लोगों को अपने घर पर अवैध कब्जे की चिंता से मुक्ति मिलेगी। घरौनी मिलने पर जरूरत पड़ने पर बैंक से लोन लेना आसान होगा। इससे गांव के युवाआंे को रोजगार व स्वरोजगार के लिए माध्यम उपलब्ध होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में काशी विकास का मॉडल बनता जा रहा है। हमारे शहर पुरातन पहचान को बनाए रखते हुए, नूतन काया कैसे धारण कर सकते हैं, यह काशी में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ है, वह भव्य काशी, दिव्य काशी अभियान को और गति देंगी।

कालभैरव सहित शहर के 06 वॉर्डाें में पुनर्विकास कार्य, 700 से अधिक स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाने से स्मार्ट और सुरक्षित सुविधाओं की ओर बढ़ती काशी को बल मिला है। सन्त रविदास जी की जन्मस्थली को विकसित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। लंगर हॉल के बनने से देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा हुई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वाराणसी के चौराहे सुन्दर, सड़कें चौड़ी तथा पार्किंग के नये स्थल बन रहे हैं। इससे शहर मंे टैªफिक जाम में सुधार हुआ है। वाराणसी कैण्ट से लहरतारा होते हुए प्रयागराज की ओर जाने वाले हाईवे पर बहुत दबाव रहता है, इसके 06 लेन होने पर दिल्ली-आगरा-कानपुर-प्रयागराज से आने वाले यात्रियों तथा सामान की ढुलाई में सुविधा होगी।

साथ ही, शहर के दूसरे क्षेत्रों के लिए भी आना-जाना आसान हो जाएगा। यह सड़क जिले के प्रवेश द्वार के तौर पर विकसित होगी। वाराणसी-भदोही-गोपीगंज सड़क के चौड़ीकरण से शहर से निकलने वाले वाहन रिंग रोड फेज-2 होते हुए बाहर जा पाएंगे। इससे भारी जाम से मुक्ति मिलेगी।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हेल्थ एजुकेशन और रिसर्च हब के रूप में काशी की पहचान को सशक्त करने के लिए काम चल रहे हैं। आज एक आयुष अस्पताल के लोकार्पण के साथ ही होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज की स्थापना का कार्य शुरू हुआ है। इस प्रकार की सुविधाओं से भारतीय चिकित्सा पद्धति के महत्वपूर्ण सेन्टर के रूप में भी काशी उभरने वाली है।

क्षेत्रीय निर्देश मानक प्रयोगशाला के बनने से जल परीक्षण, कपड़े और कालीन से जुड़े परीक्षण यहां हो पाएंगे। इससे वाराणसी और आस-पास फैले उद्योगों, बुनकरों को सीधा लाभ होगा। अन्तर्राष्ट्रीय राइस रिसर्च सेन्टर में नई स्पीड ब्रीडिंग फैसिलिटी के स्थापना से धान की नई किस्म विकसित करने में पहले की तुलना मंे कम समय लगेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश व काशी का डबल शक्ति के साथ डबल विकास की बात करने पर प्रदेश की राजनीति को सिर्फ जाति, पंथ, मत, मजहब के चश्में से देखने वालों को कष्ट होता है। यह वे लोग हैं, जो उत्तर प्रदेश का विकास और आधुनिक पहचान नहीं चाहते। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, पानी, बिजली, गरीबों के घर, रसोई गैस कनेक्शन, शौचालय को वे विकास नहीं मानते। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास उनकी डिक्शनरी में नहीं है।

प्रदेश की पहले की सरकारों मंे राज्य को मिला और जो हमारी सरकार मंे मिल रहा है, फर्क साफ है। हम उत्तर प्रदेश की विरासत बढ़ा रहे हैं और विकास भी कर रहे हैं। विगत रविवार को काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहंुचे। उत्तर प्रदेश के लोग जिस तरह डबल इंजन की सरकार के साथ डटकर खड़े हैं, डबल इंजन की सरकार उत्तर प्रदेश के विकास के लिए ऐसे ही परिश्रम करते हुए नये रिकॉर्ड बनाती रहेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 13 दिसम्बर, 2021 को श्री काशी विश्वनाथ धाम के रूप मंे काशी को ऐसा अद्भुत चमत्कार दिया, जिसकी हजारों वर्षांे से काशी को आवश्यकता थी। विज़न के अभाव में पहले यह कार्य नहीं हो पाया। पिछले 10 दिन में श्री काशी विश्वनाथ धाम मंे उमड़ रहा श्रद्धालुओं का तांता प्रमाण है कि प्रधानमंत्री जी ने काशी को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की जो बात कही थी, भौतिक विकास के साथ ही सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विकास के माध्यम से काशी व उत्तर प्रदेश को वह पहचान दिलायी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा विश्वनाथ का अभिषेक करने के बाद श्रमिकों का सम्मान किया। आज यहां एक नई डेयरी संयंत्र का शिलान्यास तथा बनास डेयरी द्वारा उससे जुड़े किसानों को दूध का बोनस वितरित किया जा रहा है। साथ ही, प्रधानमंत्री जी द्वारा काशी को लगभग 2100 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उपहार भी मिल रहा है। प्रधानमंत्री जी प्रदेश के 20 लाख परिवारों को उनके घर के मालिकाना अधिकार के कागजात ‘घरौनी’ भी प्रदान करने जा रहे हैं।

कार्यक्रम में अपने स्वागत उद्बोधन में बनास डेयरी के चेयरमैन श्री शंकर चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी गांव, गरीब, किसान के उद्धारक तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश में सुशासन एवं विकास की नींव रखने वाले हैं। मुख्यमंत्री जी की इच्छानुरूप वाराणसी में अमूल डेयरी प्लाण्ट की स्थापना की जा रही है। इसे डेढ़ वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा।

इस अवसर पर केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय, प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री अनिल राजभर, पर्यटन, संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकण्ठ तिवारी, स्टाम्प एवं न्यायालय शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रविन्द्र जायसवाल, आवास एवं शहरी नियोजन राज्यमंत्री श्री गिरीश चन्द्र यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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