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प्रधानमंत्री जी का मानना है कि मानवता को बचाना है, तो प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां लोक भवन में पूर्व प्रधानमंत्री व किसान नेता स्व0 चौधरी चरण सिंह की 119वीं जयन्ती पर आयोजित किसान सम्मान दिवस के अवसर पर कृषकों, कृषि उद्यमियों तथा कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने एक स्मारिका का विमोचन भी किया।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने विधान भवन परिसर में स्थापित पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सम्मुख चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा चयनित ‘मुख्यमंत्री कृषक उपहार’ योजना के अन्तर्गत 11 लाभार्थियों को ट्रैक्टर की प्रतीकात्मक चाबी भेंट की व झण्डी दिखाकर उन्हें रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में देश हित व किसान हित में चौधरी चरण सिंह द्वारा किये गये कार्यों का स्मरण करते हुए प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह का स्पष्ट मत था कि भारत की समृद्धि का मार्ग देश के खेत और खलिहान से होकर जाता है। स्व0 चौधरी चरण सिंह ने किसानों की आवाज को न केवल सदन में उठाया, बल्कि अन्नदाता के लिए सड़क से सदन तक का एक रास्ता बनाने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इस देश का किसान जागरूक व समृद्ध होगा, तो स्वतः ही खुशहाली का मार्ग आगे बढ़ता हुआ दिखाई देगा। वर्तमान में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व उत्तर प्रदेश सरकार चौधरी चरण सिंह के सपनों को साकार कर रही है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में दूरदर्शिता के साथ किसान हित में किये जा रहे कार्य अभिनन्दनीय व अविस्मरणीय है। वर्ष 2014 के बाद किसान हितैषी नीतियों के परिणाम स्वरूप किसानों का जीवन खुशहाल हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वॉयल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, खेती सिंचाई में विविधीकरण करने के साथ तकनीक का उपयोग करके किसान के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का कार्य किया है। प्रधानमंत्री जी ने किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने के साथ ही, किसानों के लिए किसान सम्मान निधि भी उपलब्ध करायी है। यह आजादी के बाद पहली बार देखने को मिला है कि किसान के सम्मान के साथ ही अन्नदाता किसान के जीवन में खुशी लाने का कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा भले ही वर्ष 1967 में हुई हो, लेकिन ईमानदारी के साथ किसान को इसके साथ जोड़ने का कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। वर्ष 2018 में लागत के डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागू करने का कार्य किया। वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के तुरन्त बाद 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपये के फसली ऋण को माफ करके उन्हें राहत देने का कार्य किया। जिससे उनके जीवन में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन आया है। विगत साढ़े चार वर्ष के दौरान वर्तमान सरकार ने प्रदेश में अनेक लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का कार्य किया, जिससे 22 लाख हेक्टेयर से अधिक अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में प्रोक्योरमेन्ट पॉलिसी के माध्यम से प्रदेश के किसानों से सीधे खरीदने की व्यवस्था की है। पूर्ववर्ती सरकारों मंे आढ़तियों के माध्यम से खरीद की जाती थी, जिससे किसानों का शोषण होता था। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में आढ़तियों के माध्यम से 123.61 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी, वहीं वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सीधे किसानों से 230.26 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई।

इसी तरह पिछली सरकार में 94.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी, वहीं वर्तमान प्रदेश सरकार ने 219.12 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की तथा इन किसानों को एम0एस0पी0 का लाभ डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में देने का कार्य किया गया है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने किसानों को आलू का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य देकर लाभान्वित किया है। साथ ही, दलहन, तिलहन एवं अन्य फसलों के उचित दाम भी किसानों को प्रदेश सरकार ने देने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जिन 20 जनपदों में कृषि विज्ञान केन्द्र नहीं थे, वहां कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित कर किसानों को तकनीक से जोड़ने का कार्य किया गया। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में मण्डियों की स्थिति बहुत खराब थी। यह मण्डियां किसानों की हितैषी न होकर किसानों के शोषण का प्रतीक बनी हुई थी। वर्तमान प्रदेश सरकार ने इसमें व्यापक संशोधन कर उन्हें किसान हितैषी बनाने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला की चीनी मिल 30 वर्षों से पुनरुद्धार की प्रतीक्षा कर रही थी, किसान परेशान था। वर्तमान सरकार ने रमाला में एक नई चीनी मिल देकर किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का कार्य किया। वर्ष 2010 से गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान बकाया था।

वर्तमान सरकार ने उसे भी पूरा करते हुए वर्षों से लम्बित गन्ना मूल्य का भुगतान किया। अब तक लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना कालखण्ड के दौरान भी प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सफलतापूर्वक संचालित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का मानना है कि मानवता को बचाना है, तो प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि कार्य में केमिकल, फर्टिलाइजर व पेस्टिसाइड का बड़े पैमाने पर उपयोग विभिन्न बीमारियों को जन्म देता है। इसलिए प्राकृतिक खेती एवं गौ आधारित खेती वर्तमान समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत की धरती में गाय को सनातन काल से ऋषि व कृषि परम्परा के साथ जोड़ा गया है। हमारी आस्था का यह प्रतीक होने के अलावा कृषि आधारित व्यवस्था की आधारभूत इकाई एवं नींव भी है।

मुख्यमंत्री ने कृषि वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे परम्परागत व रसायन युक्त खेती से इतर प्राकृतिक खेती की ओर ध्यान केन्द्रित करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने कानपुर में गौ आधारित खेती से सम्बन्धित कार्यशाला का आयोजन भी किया था, जिससे अनेक किसानों ने प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण प्राप्त कर लाभ प्राप्त किया। उन्होंने प्राकृतिक खेती के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि यदि कोई किसान 01 हेक्टेयर खेती में केमिकल फर्टिलाइजर व पेस्टिसाइड का उपयोग करता है, तो उसे लगभग 10 से 15 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं, वहीं यदि वह प्राकृतिक खेती को अपनाता है, तो खेती पर मात्र 1,200 से 1,500 रुपये की लागत आयेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गेहंू, चना, मटर, मसूर, राई/सरसों, धान, मक्का, अरहर, उर्द की फसलों में राज्य स्तर पर प्रति हेक्टेयर अधिकतम उत्पादकता प्राप्त करने वाले किसानों को फसलवार प्रथम पुरस्कार के रूप में 01 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार के तहत 75,000 रुपये, तृतीय पुरस्कार के लिए 50,000 रुपये की पुरस्कार राशि के साथ प्रमाण पत्र एवं शॉल देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा विशिष्ट महिला श्रेणी (अनुषांगी कार्यों), एफ0पी0ओ0, जैविक/प्राकृतिक खेती, कृषि अवसंरचना निधि, पराली प्रबन्धन, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों तथा महिला समूह के गठन एवं समाज सेवा हेतु कृषकों को सम्मानित किया।

कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री राजनाथ सिंह के कार्यकाल में चौधरी चरण सिंह की जयन्ती को किसान सम्मान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। किसानों के विकास के लिये स्व0 चौधरी चरण सिंह ने आजीवन संघर्ष किया। वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार किसानों के हितों के लिये कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जी ने किसानों को एम0एस0पी0 के तहत लागत का डेढ़ गुना लाभ देने का कार्य किया है।

वर्तमान में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे कृषक खुशहाल हो रहा है।
इस अवसर पर उद्यान, कृषि विपणन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीराम चौहान, यू0पी0 एग्रो के अध्यक्ष श्री जगदीश मिश्रा, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री राजेश्वर सिंह, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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