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नहीं मिल रहा रेमडेसिविर, मुख्यमंत्री का आदेश- गुजरात से तत्काल 25 हजार इंजेक्शन मंगवाएं

यूपी में कोरोना के कहर के बीच अस्पतालों में बेड को लेकर मारामारी की स्थिति है। अब प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग को गुजरात के अहमदाबाद से तत्काल 25 हजार इंजेक्शन खरीदने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी के आदेशानुसार, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी राजकीय वायुयान से आज ही अहमदाबाद से रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने जा रहे हैं।

बता दें कि यूपी में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। मंगलवार को 18 हजार नए मरीज सामने आए। सर्वाधिक संक्रमित लखनऊ में हैं। यहां तक कि कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इस पर चिंता जताई है।

उत्तर प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ में चिकित्सा व्यवस्थाओं को चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच रिपोर्ट मिलने में चार से सात दिन का समय लग रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी दफ्तर से मरीजों को भर्ती की स्लिप भी दो-दो दिन में मिल रही है। इतना ही नहीं, एक बार फोन करने पर एंबुलेंस भी 5-6 घंटे में पहुंच रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखे पत्र में पाठक ने चेताया है कि अगर कोरोना की स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया तो लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।

उत्तर प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ में चिकित्सा व्यवस्थाओं को चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच रिपोर्ट मिलने में चार से सात दिन का समय लग रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी दफ्तर से मरीजों को भर्ती की स्लिप भी दो-दो दिन में मिल रही है। इतना ही नहीं, एक बार फोन करने पर एंबुलेंस भी 5-6 घंटे में पहुंच रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखे पत्र में पाठक ने चेताया है कि अगर कोरोना की स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया तो लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।

प्रतिदिन चार से पांच हजार मरीजों की तुलना में अस्पतालों में बेड की संख्या बहुत कम
पाठक ने सोमवार को लिखे पत्र में कहा कि बीते एक सप्ताह से पूरे लखनऊ से उनके पास मरीजों और उनके परिजनों के फोन आ रहे है। जिन्हें समुचित इलाज नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ में प्रतिदिन चार से पांच हजार मरीजों की तुलना में अस्पतालों में बेड की संख्या बहुत कम है। निजी पैथोलॉजी में कोविड की जांच बंद करा दी गई है। जबकि सरकारी अस्पतालों में जांच रिपोर्ट मिलने में कई दिन लग रहे है। लखनऊ में रोजाना 17 हजार जांच किट चाहिए। लेकिन मात्र 10 हजार किट ही उपलब्ध है।

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