
नए सिरे से लागू होगा आरक्षण, पंचायत चुनाव की बदल जाएगी तस्वीर
लखनऊ । पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार 27 मार्च तक आरक्षण की प्रक्रिया को अंतिम रूप देना है। ऐसे में अब हम नए सिरे से पूरी तैयारी करना शुरू कर रहे हैं। 2015 को आधार मानते हुए पंचायत चुनाव 2021 का आरक्षण लागू किया जाएगा। ऐसे में स्वाभाविक है कि पंचायतों का आरक्षण पूरी तरह से बदल दिया जाएगा।
सबसे खास बात यह है कि पंचायती राज विभाग की तरफ से वर्ष 2015 को आधार मानकर पंचायतों का आरक्षण प्रक्रिया नए सिरे से लागू की जाएगी। उसको लेकर अब पंचायती राज विभाग की तरफ से तेजी से तैयारियां शुरू की जाएंगी। इससे पहले राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग की तरफ से वर्ष 1995 को आधार वर्ष मानते हुए पंचायतों का आरक्षण लागू किया गया था।
पहले यह नीति बनाई गई थी कि वर्ष 1995 से जिन पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया गया या दलितों अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं दिया गया। वहां पर चक्रम के आधार पर पंचायतों में आरक्षण लागू किया जाएगा। इन पंचायतों में आरक्षण लागू करने के फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इसके बाद अब पंचायतों का आरक्षण नए तरीके से लागू किया जाएगा।
पंचायती राज विभाग की तरफ से जब नए सिरे से पंचायतों का आरक्षण लागू किया जाएगा तो चुनाव की तैयारियों में जुटे लोगों को भी झटका लगेगा।पंचायतों के जारी हुए आरक्षण के बाद अब नए सिरे से आरक्षण लागू किया जाएगा। तो स्वाभाविक रूप से जो लोग तैयारी कर रहे थे। उन्हें निराश होना पड़ेगा।
पंचायती राज विभाग की तरफ से पंचायतों के आरक्षण को लेकर 2015 को आधार वर्ष मानते हुए सबसे पहले महिला दलित ओबीसी की सीटों को आरक्षित करने का काम किया जाएगा। इसको लेकर पंचायती राज विभाग की तरफ से आरक्षण की एक नई नीति लागू करने का काम किया जाएगा।