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देश में विकसित हो रही स्मार्ट व अमृत सिटीज़ की बड़ी संख्या उ0प्र0 में

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश, देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश, नये भारत के मॉडल राज्य के रूप में स्थापित हो रहा है। राज्य में देश की पहली 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है। इस क्षमता को मूर्तरूप देने के लिए राज्य सरकार व्यापक कार्ययोजना के माध्यम से प्रयास कर रही है।

प्रधानमंत्री जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर का बनाने का संकल्प लिया है। उनके नेतृत्व में इस दिशा में नियोजित प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में भारत यूनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर की बनाने के लक्ष्य की पूर्ति मंे उत्तर प्रदेश की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर अश्वमेध-एलारा इण्डिया डॉयलाग-2022 में ‘उत्तर प्रदेश मॉडल स्टेट फॉर ए फ्यूचर इण्डिया’ विषय पर वर्चुअल माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय पटल पर एक सक्षम और समर्थ राज्य के रूप में उभर रहा है।

उन्होंने कहा कि विगत 05 वर्षाें में प्रदेश के आम नागरिक की ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ के लिए राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबका प्रयास’ के मंत्र के अनुरूप राज्य के सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी एवं समग्र विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया है। उत्तर प्रदेश का केन्द्र सरकार द्वारा संचालित लगभग 04 दर्जन योजनाओं को लागू करने में देश में प्रथम स्थान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के एक बड़े लक्ष्य को सामने रखकर अपनी कार्ययोजना को लागू किया है। प्रधानमंत्री जी के रिफॉर्म, परफॉर्म तथा ट्रांसफॉर्म के मंत्र को अक्षरशः लागू करते हुए विगत 05 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के आर्थिक विकास एवं समृद्धि की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। प्रदेश सरकार ने उन सभी सेक्टर्स पर कार्य किया है, जो प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ा सकेंगे। उत्तर प्रदेश में लगभग 25 करोड़ लोग निवास करते हैं, जिसमें से 56 प्रतिशत आबादी कामकाजी आयु वर्ग की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य देश में सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं श्रम बाजार है तथा प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग तथा आई0टी0/ आई0टी0ई0एस0 क्षेत्र का बड़ा केन्द्र है। उत्तर प्रदेश, भारत के कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में लगभग 45 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। भारत के लगभग 55 प्रतिशत मोबाइल कम्पोनेण्ट्स का निर्माण भी यहीं होता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब डाटा सेण्टरों में निवेश के हब के रूप में उभर रहा है। यह राज्य डिजिटल क्रान्ति का अग्रदूत है। देश में विकसित हो रही स्मार्ट व अमृत सिटीज़ की बड़ी संख्या उत्तर प्रदेश में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 05 वर्षों में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है। प्रदेश सरकार ने राज्य में कानून का शासन स्थापित किया है। अपराध एवं अपराधियों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के माध्यम से इन्वेस्टर पार्टनर्स को औद्योगिक सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया है। पिछले कुछ वर्षों में, उत्तर प्रदेश में श्रम विनियमन, निरीक्षण विनियमन, भूमि आवंटन, सम्पत्ति पंजीकरण, पर्यावरण स्वीकृति, करों का भुगतान सहित कई अन्य क्षेत्रों में 500 से अधिक सुधारों को लागू करके राज्य में ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 40 विभागों के 1400 से अधिक अनुपालन निरस्त कर दिए हैं, 26 से अधिक निरीक्षणों के लिए स्व-प्रमाणन/तृतीय पक्ष सत्यापन की अनुमति दी गई है। उत्तर प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा ‘ऑनलाइन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस सिस्टम-निवेश मित्र’ सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। इसके माध्यम से 29 विभागों की 353 सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘निवेश मित्र’ को आवेदकों और विभागों के बीच किसी भी मानव इण्टरफेस की आवश्यकता को समाप्त करने के लिए प्रारम्भ से अन्त तक ऑनलाइन सिस्टम के रूप में विकसित किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार एक नीति-संचालित शासन के दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति सहित 20 से अधिक क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों के फलस्वरूप प्रदेश में उद्यमिता, इनोवेशन एवं मेक इन यू0पी0 को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि अब बाजार की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप तथा राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार नई औद्योगिक नीति लाने जा रही है। इस नीति का एक प्रमुख उद्देश्य राज्य में स्थापित किए जा रहे उद्योगों को वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार सक्रिय रूप से विभिन्न नीतिगत निर्णयों के माध्यम से लैण्ड बैंक को अनलॉक करने के लिए कई सुधार लागू कर रही है। जैसे, आवेदन की तिथि से 15 दिनों के अन्दर मेगा व उससे ऊपर की श्रेणी के उद्योगों को फास्ट ट्रैक भूमि आवंटन का प्राविधान। प्रदेश की रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार ने पिछले कुछ वर्षांे में उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा विकसित किया है। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा के दादरी में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ई0डी0एफ0सी0) तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यू0डी0एफ0सी0) के जंक्शन के साथ लॉजिस्टिक्स सेक्टर में कई अवसर उपलब्ध हैं। इससे प्रदेश के प्रमुख उत्पादन केन्द्रों एवं निर्यात केन्द्रों को रेल, सड़क एवं वायु मार्ग के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 वर्तमान एवं प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के साथ उत्तर प्रदेश ‘एक्सप्रेस-वे प्रदेश’ के रूप में स्थापित हो रहा है। राज्य में 1225 किलोमीटर लम्बाई के 06 एक्सप्रेस-वे पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 07 एक्सप्रेस-वे विकास के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट-लखनऊ, वाराणसी और कुशीनगर में हैं। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा तथा जनपद गौतमबुद्धनगर में नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माणाधीन है। आने वाले समय में प्रदेश 05 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला राज्य बन जाएगा। साथ ही, उत्तर प्रदेश में निर्यात केन्द्रों के लिए निर्बाध वायुमार्ग से कनेक्टिविटी के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अन्तर्गत 25 से अधिक घरेलू वायु मार्ग विकसित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का पहला अन्तर्देशीय जलमार्ग उत्तर प्रदेश में विकसित किया जा रहा है, जो प्रयागराज को हल्दिया बंदरगाह से जोड़ता है। जलमार्ग का हल्दिया-वाराणसी पथ पहले से ही संचालित है। इसके साथ ही, वाराणसी में 100 एकड़ में भारत के पहले फ्रेट विलेज का विकास किया जा रहा है। निर्यात केन्द्रों को पूर्वी बंदरगाहों से जोड़कर यह विलेज इनबाउण्ड एवं आउटबाउण्ड कार्गाे के लिए एक ट्रांस-शिपमेण्ट हब के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा कि भारत में विकसित किए जा रहे दो डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर्स में से एक उत्तर प्रदेश में विकसित किया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश में आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी एवं चित्रकूट के 06 नोड्स में डिफेंस सेक्टर में निवेश एवं व्यापार के विविध अवसर प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा अलीगढ़ नोड का उद्घाटन किया जा चुका है, जबकि अन्य नोड्स में भूमि आवंटन का कार्य प्रगति पर है। डिफेंस कॉरिडोर में लखनऊ में ब्रह्मोस तथा झांसी में भारत डायनमिक्स जैसी परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनेक सेक्टर्स को निवेश के लिए अनुकूल बनाकर विभिन्न क्षेत्रों का विकास किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आई0टी0/आई0टी0ई0एस0 सेक्टर में भारत के लगभग 26 प्रतिशत मोबाइल निर्माता उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं तथा 200 से अधिक ई0एस0डी0एम0 (इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एण्ड मैन्युफैक्चरिंग) कम्पनियां प्रदेश में स्थित हैं। राज्य सरकार सेमी कण्डक्टर निर्माण तथा फैब इकाइयों के लिए क्लस्टर विकसित कर रही है। डेटा सेण्टर के क्षेत्र में एक साल के भीतर कई निवेश प्रस्ताव आए हैं तथा परियोजनाएं विकसित हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को भारत सरकार द्वारा सुदृढ़ स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम विकसित करने में अग्रणी राज्य के रूप में मान्यता दी गई है। राज्य में आई0आई0टी0 कानपुर, आई0आई0टी0-बी0एच0यू0, आई0आई0एम0 लखनऊ आदि जैसे उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षणिक संस्थानों की उपस्थिति वेंचर कैपिटलिस्ट, इन्क्यूबेशन सेण्टर डेवलपर्स एवं कौशल विकास के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित हो रहे स्टार्टअप ईको-सिस्टम के साथ राज्य में एंजेल इन्वेस्टर्स एवं वेंचर कैपिटलिस्ट के लिए डिफेंस एवं एयरोस्पेस की वैल्यू चेन में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए असीम अवसर उपलब्ध हैं, जिससे प्रौद्योगिकी हस्तान्तरण, आर0 एण्ड डी0 (अनुसंधान व विकास) एवं इनोवेशन को बढ़ावा मिलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, एम0एस0एम0ई0, ऊर्जा, कपड़ा, फार्मास्युटिकल, लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में कई अवसर हैं। पर्यटन भी एक प्राथमिक क्षेत्र है, जिसमें पर्याप्त निवेश आकर्षित हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में उपलब्ध असीम अवसरों का लाभ उठाते हुए वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार जनवरी, 2023 में एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने की योजना बना रही है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में प्रदेश में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इस समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपये के 1,045 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इन निवेश प्रस्तावों को वास्तविक निवेश में बदलने के लिए समिट के बाद कई सक्रिय कदम उठाए गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप, जुलाई, 2018 में सम्पन्न पहले ग्राउण्ड-ब्रेकिंग समारोह में प्रधानमंत्री जी ने 61,792 करोड़ रुपये की 81 परियोजनाओं का शुभारम्भ किया।

इसी प्रकार, जुलाई 2019 में 67,202 करोड़ रुपये की 290 परियोजनाओं तथा 03 जून, 2022 को तीसरे ग्राउण्ड-ब्रेकिंग समारोह में 80,000 करोड़ रुपये की 1,400 से अधिक परियोजनाओं का शुभारम्भ हुआ। इस प्रकार वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक उत्तर प्रदेश में कुल 03 लाख 44 हजार करोड़ रुपये से अधिक की निवेश परियोजनाआंे का शुभारम्भ किया जा चुका है, जिससेे कुल 15 लाख 52 हजार से अधिक रोजगार का सृजन हुआ।

इस अवसर पर एलारा कैपिटल के अध्यक्ष श्री राज भट्ट ने मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके सद्प्रयासों से प्रदेश में व्यवसायियों एवं निवेशकों के लिए सुरक्षा का वातावरण निर्मित हुआ है। यह वातावरण प्रदेश के समग्र विकास में अहम भूमिका का निर्वहन करेगा।

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