
जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर तेजस्वी ने पीएम को लिखा पत्र
बिहार में जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर राजनीति तेज हो गई है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज एक बार फिर से जाति आधारित जनगणना की मांग दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। तेजस्वी यादव ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र को इस मुद्दे पर अपने स्टैंड पर पुनर्विचार करना चाहिए। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी ने जातिगत आधारित जनगणना को लेकर नीतीश कुमार की चिठ्ठी का जवाब नहीं दिया है।
यह नीतीश कुमार का अपमान है। जबकि प्रधानमंत्री अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री और नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं। आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जाति आधारित जनगणना को लेकर एक बैठक करने का अनुरोध किया था। जातिगत जनगणना की माँग को लेकर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को पत्र लिखा है।
अगर जातीय जनगणना नहीं कराई गई तो वंचित उपेक्षित व गरीब जातियों की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का सही आंकलन नहीं हो पाएगा और ना ही उनकी वर्तमान दयनीय स्थिति में परिवर्तन।
अपने पत्र में तेजस्वी यादव ने लिखा है कि जब तक जाति आधारित जनगणना नहीं होगी तब तक पिछड़ी, अति पिछड़ी जातियों के शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक स्थिति का ना तो आकलन हो सकेगा। ना ही उनकी बेहतरी व उत्थान संबंधित समुचित नीति निर्धारण हो पाएगा और ना ही उनकी संख्या के अनुपात में बजट का आवंटन आएगा। तेजस्वी ने पत्र में यह भी लिखा है कि वर्ष 2019 में तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देश को वर्ष 2021 में जातीय जनगणना कराने का आश्वासन दिया था। शायद एक कारण यह भी है कि बिहार के बहुसंख्यक का आबादी ने राज्य की कुल 40 लोकसभा सीटों में से एनडीए को 40 सीटें जिताने का कार्य किया।
तेजस्वी ने कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री ने 4 तारीख को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से समय मांगा है। आज लगभग 1 हफ्ते से ज्यादा हो चुका है। लेकिन अब तक प्रधानमंत्री द्वारा हम लोगों को समय नहीं मिला। आज हमने भी प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखा है। हमने इसमें समय मिलने के लिए गुहार लगाया है। एक हफ्ते से अगर समय नहीं मिल रहा है। तो कहीं न कहीं ये मुख्यमंत्री का अपमान है।