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मुख्यमंत्री के समक्ष सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटनाओं एवं इनसे होने वाली जनहानि को रोकने तथा सड़क सुरक्षा के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ आगामी 06 दिनों में एक ठोस कार्ययोजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा प्रदेश स्तर पर एक वृहद अभियान चलाया जाना जरूरी है।

इसमें सड़क सुरक्षा के विभिन्न घटकों जैसे रोड इंजीनियरिंग, प्रवर्तन कार्य, ट्रॉमा केयर और जनजागरूकता को समाहित किया जाना उचित होगा। अभियान के सम्बन्ध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा विभिन्न सम्बन्धित अधिकारियों से संवाद किया जाएगा। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेश के सभी नगर निकाय सम्मिलित होंगे।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में किए गए प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सतत जागरूकता के कारण वर्ष 2018 के बाद से सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखी जा रही है। यह अच्छे संकेत हैं, किंतु अभी बहुत सुधार की आवश्यकता है। इस दिशा में गृह, यातायात, नगर विकास, बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक शिक्षा, स्वास्थ्य व चिकित्सा, एक्सप्रेस वे प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, चिकित्सा शिक्षा आदि विभागों को एकजुट होकर कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में चलाए जाने वाले अभियान के प्रथम चरण में एक सप्ताह में हमारा जोर जागरूकता पर हो। इस दौरान व्यापक जन-जागरूकता के कार्यक्रम संचालित किए जाएं। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का अधिकाधिक प्रयोग किया जाना चाहिए। स्कूली बच्चों द्वारा जागरूकता विषयक प्रभात फेरी निकाली जाए।

लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देते हुए पालन करने के लिए जागरूक किया जाए। सड़क सुरक्षा अभियान के दूसरे चरण में इंफोर्समेंट की कार्रवाई हो। पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा के नियमों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाए। इस अभियान के उपरांत त्रैमासिक सड़क सुरक्षा सप्ताह का कार्यक्रम सतत जारी रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों पर अतिक्रमण की समस्या को समाप्त करना होगा। पटरी व्यवसायियों के स्थान का चिन्हांकन करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई तय स्थान के बाहर दुकान न लगाए। व्यापारियों से संवाद बनाकर यह सुनिश्चित किया जाए कि हर दुकान अपनी निर्धारित सीमा के भीतर ही हो। नगरों में पार्किंग की व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए। अवैध टैक्सी स्टैंड की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए। कोई बदलाव करते समय प्रभावित व्यक्ति के विधिवत  व्यवस्थापन का ध्यान जरूर रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटना से मृत्यु की दर में कमी के लिए बड़े पैमाने पर कार्य करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रदेश में उच्च शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के सभी विद्यालयों में ‘रोड सेफ्टी क्लब’ का गठन करने की दिशा में कार्यवाही तेज की जाए। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में अनफिट/बिना परमिट के स्कूली बसों का संचालन नहीं होगा।

बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को यातायात नियमों के पालन के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। ट्रैफिक नियमों के पालन का संस्कार बच्चों को शुरुआत से ही दिया जाना चाहिए। सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों के संबंध में प्रधानाचार्यों/प्राचार्यों/विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कराया जाए। अभिभावकों के साथ भी विद्यालयों में बैठक हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णतः प्रशिक्षित लोग ही सड़क पर वाहन चलाएं। ड्राइविंग टेस्टिंग प्रणाली के ऑटोमेशन की आवश्यकता है। सभी जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की स्थापना के प्रयास हों। जनपदों में ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का विकास किया जाए।

वाहन चालान से जुड़े लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए लोक अदालतों का माध्यम अपनाया जाना उचित होगा। हर जिले में यातायात विभाग के पास कम से कम 01 इंटरसेप्टर जरूर हो। यातायात विभाग के उच्च अधिकारी फील्ड विजिट करें। शहरों में यातायात प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का आकलन करें। स्थिति को बेहतर करने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ संवाद करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि अनेक अवैध/डग्गामार बसें उत्तर प्रदेश की सीमा से होकर विभिन्न राज्यों की ओर जा रही हैं। यह बसें ओवरलोड होती हैं। इनकी स्थिति भी जर्जर होती हैं। परिवहन विभाग द्वारा विशेष सतर्कता बरतते हुए ऐसी बसों के संचालन को रोका जाए। इनके परमिट सहित अन्य दस्तावेजों की जांच हो। ओवरलोडिंग के विरुद्ध कठोरता से कार्रवाई की जाए।

हर मेडिकल कॉलेज में न्यूनतम 30 बेड के इमरजेंसी ट्रॉमा केयर सेंटर के विकास किया जाना जरूरी है। इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्यवाही की जाए। लखनऊ में यातायात प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए। ट्रैफिक पुलिस के साथ यथावश्यक सिविल पुलिस और होमगार्ड के जवानों को जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर ओवरस्पीड के कारण आए दिन दुर्घटनाओं की सूचना मिलती है। ऐसे में ब्लैक स्पॉट के सुधारीकरण, स्पीड मापन, त्वरित चिकित्सा सुविधा, सीसीटीवी आदि व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। सम्बंधित प्राधिकरणों को इस दिशा में गंभीरता से विचार करते हुए कार्य करना होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि राजमार्गों पर ट्रकों की कतारें न लगें। एम्बुलेंस रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का जीवन अमूल्य है। एक व्यक्ति के असामयिक निधन से पूरा परिवार प्रभावित होता है। यह अत्यंत दुःखद है कि प्रति वर्ष बहुत से लोग थोड़ी सी असावधानी के कारण सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। यह क्षति न हो इसके लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

विभिन्न आंकलन के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में सर्वाधिक 33.4 प्रतिशत दो पहिया वाहन चालकों से जुड़े होते हैं। 38.4 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण ओवरस्पीड, 9.2 प्रतिशत वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना और करीब 6.6 प्रतिशत दुर्घटनाएं नशे में वाहन चलाने के कारण होती हैं। हर व्यक्ति को इस विषय की गंभीरता को समझना होगा।

प्रस्तुतिकरण के दौरान परिवहन, गृह, लोक निर्माण, नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक माध्यमिक उच्च शिक्षा, एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण, एन0एच0ए0आई0 के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सड़क सुरक्षा व सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के सम्बन्ध में किए जा रहे प्रयासों और उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका गर्ग, प्रमुख सचिव परिवहन श्री एल0 वेंकटेश्वरलू, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री आलोक कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात, ए0डी0जी0 कानून-व्यवस्था श्री प्रशांत कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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