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प्रदेश सरकार 18 देशों एवं भारत के 07 प्रमुख नगरों में रोड-शो का आयोजन करने जा रही

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक प्रगतिशील और परिवर्तनकारी यात्रा के शिखर पर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का ‘आत्मनिर्भर भारत’ का विजन, प्रदेश के इस कायाकल्प का आधार स्तम्भ है। प्रधानमंत्री जी के रिफॉर्म, परफॉर्म तथा ट्रांसफॉर्म के मंत्र को प्रदेश ने अक्षरशः लागू किया है। विगत 05 वर्षों में राज्य सरकार ने प्रदेश के आर्थिक विकास एवं समृद्धि की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने सक्षम नीतिगत समर्थन एवं विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करके प्रदेश में कारोबारी माहौल बनाने में सफलता प्राप्त की है।

मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में आयोजित ‘यू0पी0-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023’ के कर्टेन रेज़र सेरेमनी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में 10 से 12 फरवरी, 2023 तक ‘यू0पी0-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ के आयोजन की घोषणा की। उन्होंने यू0पी0-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के ‘लोगो’ का अनावरण तथा ‘पॉलिसी कम्पेंडियम ऑफ द गवर्नमेन्ट ऑफ उत्तर प्रदेश’ का विमोचन किया।

उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों के अन्तर्गत इन्सेन्टिव प्रदान करने के लिए निवेश मित्र पोर्टल के अन्तर्गत केन्द्रीकृत ऑनलाइन इन्सेन्टिव मैनेजमेण्ट सिस्टम तथा एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर करने, उनके कार्यान्वयन की निगरानी, प्रोएक्टिव इन्वेस्टर कनेक्ट तथा हैण्ड होल्डिंग के लिए इन्वेस्ट यू0पी0 द्वारा विकसित रिलेशनशिप मैनेजमेण्ट पोर्टल ‘निवेश सारथी’ की औपचारिक शुरुआत की। सेरेमनी में उ0प्र0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 पर आधारित कर्टेन रेज़र लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के संकल्प के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन यू0एस0 डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उत्तर प्रदेश को ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करना है। इसके लिए राज्य सरकार ने आगामी 05 वर्ष में प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का कार्यक्रम आपके सामने प्रस्तुत किया है।

इस उद्देश्य से राज्य सरकार आगामी 10 से 12 फरवरी, 2023 तक प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन कर रही है, ताकि राज्य में उपलब्ध असीम व्यावसायिक अवसरों को प्रदर्शित करते हुए वैश्विक व्यापारिक समुदाय को प्रदेश के आर्थिक विकास में सहयोग करने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन में विश्व स्तर के नीति निर्धारक, कॉर्पाेरेट जगत के शीर्ष नेतृत्व, व्यापारिक प्रतिनिधिमण्डल, एकेडेमिया, विचार मंच एवं प्रबुद्धजन द्वारा प्रतिभाग करते हुए व्यावसायिक सम्भावनाओं एवं सहभागिता के अवसरों पर सामूहिक रूप से मंथन किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने कर्टेन रेजर समारोह में औपचारिक रूप से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए वैश्विक तथा राष्ट्रीय व्यापारिक समुदाय से इस अभियान का समर्थन करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने समिट की अब तक की तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि समिट के भव्य आयोजन में राज्य सरकार के साथ भागीदारी करने के लिए अब तक लगभग 21 देशों ने उत्साह जताया है। उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यू0पी0-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नीदरलैण्ड्स, डेनमार्क, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम और मॉरीशस ने प्रदेश सरकार के साथ पार्टनर कण्ट्री के रूप में सहभागिता करेंगे। इसके अलावा, दुनिया भर के औद्योगिक निवेशकों को समिट में आमंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार भी 18 देशों एवं भारत के 07 प्रमुख नगरों में रोड-शो भी आयोजित कर रही है। विभिन्न देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वे सभी प्रदेश में आएं, भागीदारी करें तथा ग्लोबल समिट को सफल बनाएं।

मुख्यमंत्री ने इस प्रयास में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने के लिए भारत सरकार तथा सार्वजनिक क्षेत्र की प्रतिष्ठित इकाइयों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने आई0टी0/आई0टी0ई0एस0, डेटा सेण्टर, ई0एस0डी0एम0, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एम0एस0एम0ई0 सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए लगभग 25 नीतियां तैयार की हैं। इनके माध्यम से औद्योगिक विकास के लिए एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने निवेशक सहभागियों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स एवं अनेक नीतियों का अनावरण करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश परमात्मा और प्रकृति की कृपा की असीम सम्भावनाओं वाला प्रदेश है। रणनीतिक रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन0सी0आर0) के निकट होने और जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण प्रदेश सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार भी है। भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक होने के नाते, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 08 प्रतिशत का योगदान करता है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपने आपको स्थापित करने की ओर तेजी से अग्रसर है। इस फ्लैगशिप इन्वेस्टमेण्ट समिट के माध्यम से, राज्य सरकार का ध्येय निवेशक समुदाय के बीच उत्तर प्रदेश के निवेश आकर्षण को सुदृढ़ करने एवं राज्य के सर्वसमावेशी विकास हेतु अवसरों का सृजन करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कानून का शासन स्थापित किया है। अपराध एवं अपराधियों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के माध्यम से प्रदेश ने अपने इन्वेस्टर पार्टनर्स को औद्योगिक सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया है। आज प्रदेश ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए, देश में निवेश के सबसे आकर्षक गंतव्य के रूप में दुनिया का निवेश अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। राज्य सरकार ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के साथ ही ’ईज ऑफ स्टार्टिंग बिजनेस’ पर भी पूरा ध्यान दे रही है।

प्रोएक्टिव इन्वेस्टर कनेक्ट तथा हैण्डहोल्डिंग के लिए प्रदेश सरकार ने एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर करने एवं उनके कार्यान्वयन की निगरानी के लिए नई ऑनलाइन प्रणाली ‘निवेश सारथी’ विकसित की है। साथ ही, एक ऑनलाइन इन्सेंटिव मैनेजमेण्ट सिस्टम का विकास भी किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा सिंगल विण्डो ‘निवेश मित्र’ पोर्टल के माध्यम से उद्यमियों को ऑनलाइन रूप से समयबद्ध स्वीकृतियाँ एवं अनापत्तियाँ उपलब्ध करायी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास कर रही है। इससे उद्योगों को वैश्विक एवं घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने में लॉजिस्टिक्स की सुलभता बढ़ेगी। 16,000 किलोमीटर की कुल लम्बाई के साथ, उत्तर प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क उपलब्ध है। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 8.5 प्रतिशत एवं ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 57 प्रतिशत क्षेत्र भी राज्य से गुजरता है। दोनों फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन उत्तर प्रदेश के दादरी (ग्रेटर नोएडा) में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे विस्तृत राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में से एक होने के नाते, प्रदेश ने 13 वर्तमान एवं आगामी एक्सप्रेसवेज के साथ स्वयं को ‘एक्सप्रेसवे राज्य’ के रूप में स्थापित किया है। राज्य में 06 एक्सप्रेस-वे पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 07 विकास के विभिन्न चरणों में हैं। यह एक्सप्रेस-वे पूरे राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केन्द्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ, वाराणसी एवं कुशीनगर में मौजूदा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों तथा जेवर, जनपद गौतमबुद्धनगर तथा अयोध्या में नए अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के विकसित होने के बाद उत्तर प्रदेश 05 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है। जेवर में 5,000 हेक्टेयर भूमि में विकसित हो रहा नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वायुमार्ग की घरेलू कनेक्टिविटी के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अन्तर्गत प्रदेश में 07 एयरपोर्ट्स का संचालन भी किया जा रहा है तथा 08 अन्य एयरपोर्ट पाइपलाइन में हैं। इसके अतिरिक्त, घरेलू एयर कनेक्टिविटी के लिए 20 से अधिक मार्गों को चिन्हित किया गया है। प्रमुख पूर्वी निर्यात केन्द्रों जैसे प्रयागराज तथा वाराणसी को हल्दिया बंदरगाह से जोड़ने वाला, देश का पहला अन्तर्देशीय जलमार्ग (इनलैण्ड वॉटर-वे) विकसित किया जा रहा है। इसका वाराणसी से हल्दिया तक लगभग 1,100 किलोमीटर लम्बा जलमार्ग राज्य में पहले से ही संचालित है। समुद्री बंदरगाहों पर निर्यात होने वाले माल के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए, प्रदेश सरकार ड्राई-पोर्ट्स के विकास को बढ़ावा दे रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मौजूदा लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में मुरादाबाद रेल से जुड़े संयुक्त घरेलू एवं एक्जिम टर्मिनल, कानपुर में रेलमार्ग से जुड़े निजी फ्रेट टर्मिनल तथा इनलैण्ड कण्टेनर डिपो, दादरी टर्मिनल पर इनलैण्ड कण्टेनर डिपो सम्मिलित हैं। वाराणसी में एक मल्टी-मोडल टर्मिनल तथा गाजीपुर/राजघाट, रामनगर (वाराणसी) एवं प्रयागराज टर्मिनल्स पर राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-01 के किनारे विभिन्न फ्लोटिंग टर्मिनल संचालित हैं। दादरी (गौतमबुद्धनगर) में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब एवं बोराकी में मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब भी विकसित किया जा रहा है, जिससे इस सेक्टर को और बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी में 100 एकड़ भूमि में भारत का पहला ‘फ्रेट विलेज’ विकसित हो रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के निर्यात केन्द्रों को पूर्वी भारत के बंदरगाहों से जोड़ने वाला यह गांव इनबाउण्ड व आउटबाउण्ड कार्गाे के लिए ट्रांस-शिपमेण्ट हब के रूप में कार्य करेगा। उत्तर प्रदेश, देश का एकमात्र राज्य है, जिसके 05 शहरों में मेट्रो रेल सुविधा उपलब्ध है। आगरा में मेट्रो रेल का निर्माण युद्धस्तर पर जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ किया गया है। नये विद्युत उत्पादन संयंत्रों तथा विद्युत सबस्टेशनों की स्थापना की गयी है। इसके परिणामस्वरूप सभी जनपदों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा रही है। उद्यमी अपनी इकाइयां सुगमतापूर्वक लगा सकें, इसके लिए प्रदेश में लैण्ड बैंक के माध्यम से पर्याप्त भूमि उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की फूड-बास्केट के रूप में जाना जाता है। राज्य में कृषि एवं खाद्य-प्रसंस्करण तथा डेयरी सेक्टर में अपार अवसर हैं। उत्तर प्रदेश भारत में खाद्यान्न, दूध तथा गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक है। प्रदेश एथेनॉल उत्पादन में भी देश में प्रथम स्थान पर है। उत्तर प्रदेश के पास एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र का सबसे बड़ा बेस है। वर्तमान में राज्य में लगभग 90 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयां  हैं,

जो देश में सर्वाधिक हैं। एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 75 जनपदों के लिए परम्परागत एवं विशिष्ट उत्पाद चिन्हित कर ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना लागू की है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन का परिणाम है कि प्रदेश से निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले 05 वर्षाें में उत्तर प्रदेश का निर्यात दोगुना हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश विश्व प्रसिद्ध भदोही कालीन क्लस्टर तथा वाराणसी सिल्क क्लस्टर सहित भारत के प्रमुख टेक्सटाइल केन्द्रों में से एक है। उत्तर प्रदेश भारत का तीसरा सबसे बड़ा फैब्रिक उत्पादक है तथा फैब्रिक उत्पादन, कताई, बुनाई, परिधान डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग में कई अवसर प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत का हृदय प्रदेश है, जहां देश के प्रमुख आध्यात्मिक, धार्मिक, पौराणिक एवं सांस्कृतिक केन्द्रों के साथ-साथ अनेक नैसर्गिक स्थल हैं। यह सभी स्थान बड़ी संख्या में देश और विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके दृष्टिगत पर्यटन भी एक प्राथमिक सेक्टर है, जिसमें प्रदेश निवेशकों के लिए सहयोग का एक प्रमुख गंतव्य हो सकता है। राज्य सरकार नई पर्यटन नीति के माध्यम से रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, वाइल्ड लाइफ एवं ईको टूरिज्म सर्किट, बुन्देलखण्ड सर्किट, महाभारत सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी सर्किट, क्राफ्ट सर्किट जैसे अनेक पर्यटन गंतव्यों का विकास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आई0टी0/आई0टी0ई0एस0 सेक्टर में उत्तर प्रदेश को भारत के कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में लगभग 45 प्रतिशत योगदान करने का गौरव प्राप्त है। यहां भारत के मोबाइल कम्पोनेण्ट्स के लगभग 55 प्रतिशत निर्माता हैं। भारत के लगभग 26 प्रतिशत मोबाइल निर्माता उत्तर प्रदेश में क्रियाशील हैं तथा 200 से अधिक ई0एस0डी0एम0 कम्पनियां प्रदेश में स्थित हैं। राज्य सरकार सेमी कण्डक्टर मैन्युफैक्चरिंग तथा फैब-यूनिट के लिए क्लस्टर विकसित कर रही है। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश तेजी से भारत में डाटा सेण्टर के प्रमुख हब के रूप में उभर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप इण्डिया रैंकिंग में भारत सरकार द्वारा राज्य को ‘लीडर स्टेट्स’ की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। प्रदेश में ‘स्टार्टअप इण्डिया’ कार्यक्रम के अन्तर्गत अब तक 7,600 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत किए गए हैं तथा 06 उत्कृष्टता केन्द्र (सेण्टर्स ऑफ एक्सीलंेस) स्वीकृत किए गए हैं। राज्य में आई0आई0टी0 कानपुर, आई0आई0टी0 बी0एच0यू0, आई0आई0एम0 लखनऊ सहित उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षणिक संस्थानों की उपस्थिति, वेंचर कैपिटलिस्ट्स, इनक्यूबेशन सेण्टर डेवलपर्स एवं कौशल विकास (स्किल डेवलपमेण्ट) के लिए अनेक अवसर प्रदान करती है।

तेजी से विकसित हो रहे स्टार्टअप ईको-सिस्टम के साथ, उत्तर प्रदेश में एंजेल इन्वेस्टर्स एवं वेंचर कैपिटलिस्ट्स के लिए डिफेंस एवं एयरोस्पेस वैल्यू-चेन में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए असीम अवसर उपलब्ध हैं, जिससे प्रौद्योगिकी हस्तान्तरण (टेक्नोलॉजी ट्रांसफर), अनुसंधान एवं विकास (आर0 एण्ड डी0) एवं इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में संचालित 72 से अधिक विश्वविद्यालयों तथा 169 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ी युवा जनसंख्या का प्रदेश भी है। राज्य, कौशल विकास संस्थानों एवं विनिमय कार्यक्रमों (एक्सचेंज प्रोग्राम्स) के लिए व्यापक अवसर प्रदान करता है। इस लाभ में वृद्धि करने के लिए, राज्य में कई औद्योगिक परियोजनाओं की योजना बनाई जा रही है। राज्य सरकार अनेक औद्योगिक परियोजनाओं का तेजी से विकास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में विकसित किए जा रहे दो डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर्स में से एक उत्तर प्रदेश में विकसित किया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश में आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी एवं चित्रकूट के 06 नोड्स में डिफेंस सेक्टर में निवेश एवं व्यापार के विविध अवसर प्रदान करता है। प्रधानमंत्री जी द्वारा अलीगढ़ नोड का उद्घाटन किया चुका है, जबकि अन्य नोड्स में भूमि आवंटन का कार्य प्रगति पर है। डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में ब्रह्मोस तथा झांसी नोड में भारत डायनमिक्स जैसी परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे के निकट राज्य का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जा रहा है। इसी प्रकार यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में फिल्म सिटी, टॉय पार्क, अपैरल पार्क, हैण्डीक्राफ्ट पार्क, लॉजिस्टिक हब विकसित किए जा रहे हैं। अन्य परियोजनाओं में ग्रेटर नोएडा में आई0आई0टी0 जी0एन0एल0, बरेली में मेगा फूड पार्क, उन्नाव में ट्रांसगंगा सिटी, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गोरखपुर में ही गारमेण्ट पार्क तथा अनेक फ्लैटेड फैक्ट्री परिसरों का विकास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी नीतियों में संरचनात्मक परिवर्तन करके एक प्रतिस्पर्धी, आकर्षक एवं सहायक प्रोत्साहन ढांचा प्रदान किया है। उत्तर प्रदेश की नई औद्योगिक नीति एक विकल्प आधारित मॉडल प्रदान करती है, जो उत्पादन, रोजगार एवं निर्यात को प्रोत्साहित करती है। सर्कुलर इकोनॉमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स तथा ग्रीन हाइड्रोजन सहित नए क्षेत्रों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की नीतियों के अन्तर्गत मुख्यतः राज्य में उद्योग विशिष्ट उत्कृष्टता केन्द्र (सेण्टर्स ऑफ एक्सीलेंस), अनुसंधान एवं विकास (आर0 एण्ड डी0) तथा परीक्षण सुविधाओं की स्थापना के लिए निवेश को प्रोत्साहित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के संकल्प के अनुरूप अटल इण्डस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन का शुभारम्भ किया गया है। उत्तर प्रदेश पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान को लागू करने वाले अग्रणी राज्यों में से एक है। इस मास्टर प्लान के अन्तर्गत हमारी सरकार ने परियोजना नियोजन के लिए महत्वपूर्ण 45 से अधिक लेयर्स को एकीकृत कर लिया है।

समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने कहा कि यह समारोह नये भारत के नये उत्तर प्रदेश के नये अध्याय की शुरुआत है। यह 25 करोड़ प्रदेशवासियों के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य करेगा। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के भाग्य का सूर्याेदय हुआ है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वर्ष 2017 से 2022 तक उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बना है, अब सर्वोत्तम प्रदेश बनने की ओर अग्र्रसर है।

कार्यक्रम में अपने स्वागत उद्बोधन में प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बीते साढ़े पांच वर्षों में औद्योगिक निवेश अनुकूल हुए प्रदेश के परिवेश की चर्चा करते हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजन के महत्व से परिचय कराया।

कर्टेन रेज़र समारोह में सी0आई0आई0 के वाइस प्रेसीडेंट श्री संजीव पुरी ने यू0पी0जी0आई0एस0-2023 का इंडस्ट्री पार्टनर होने को गौरव की बात कहते हुए उत्तर प्रदेश में बेहतर हुए निवेश अनुकूल माहौल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यू0पी0-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने की योजना में मील का पत्थर साबित होगा।

फिक्की के प्रेसीडेण्ट इलेक्ट श्री शुभ्रकान्त पाण्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विगत वर्षों में प्रदेश में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला है। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट के लिहाज से यहां अभूतपूर्व काम हुआ है तो ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के पैमाने पर उत्तर प्रदेश का प्रयास शानदार है। उन्होंने प्रदेश की आई0टी0/आई0टी0ई0एस0, स्टार्ट अप, इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल, डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस जैसी नई नीतियों को उद्योग जगत के लिए प्रोत्साहक़ बताया।

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अरविन्द कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री राकेश सचान, औद्योगिक विकास राज्य मंत्री श्री जसवन्त सिंह सैनी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित विभिन्न देशों के राजदूत एवं उच्चायुक्त, भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार के अधिकारीगण, सार्वजनिक उद्यमों के सी0ई0ओ0/सी0एम0डी0 तथा उद्योग जगत के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

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