जन संसदसत्ता पक्ष
क्यों कोरोना को दिल्ली-मुंबई में हराना जरूरी
लेकिन, सरकारों को उन निजी अस्पतालों पर कठोर एक्शन लेने में देरी नहीं करनी चाहिए जो रोगियों को नोच-नोच कर खा रहे हैं। निजी अस्पतालों को लेकर अखबारों में भी तमाम खबरें आ रही हैं कि वहां पर कोरोना संक्रमित रोगियों को भारी-भरकम बिल थमाए जा रहे हैं। यह स्थिति तुरंत ही रूकनी चाहिए। यह सच में घोर निऱाशाजनक स्थिति है कि पैसे कमाने की हवस के चलते कुछ अस्पताल पत्थर दिल हो गए हैं।
उनके अंदर का इंसान मर गया है। आखिर सरकारें इन इंसानियत के दुश्मनों पर एक्शन लेने में देरी किस कारण से कर रही है? यह सभी सरकारों की भी अग्नि परीक्षा है। उन्हें देश के आम नागरिक को कोरोना के साथ-साथ इंसानों का खून चूसने वाले राक्षसों की भी कमर तोड़नी होगी
आर.के. सिन्हा
लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तभकार और पूर्व सांसद हैं .
राज्यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।