
उ0प्र0 सूचना आयोग ने विगत 03 वर्षों में 01 लाख 10 हजार मामलों का निस्तारण किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लोकतंत्र की कसौटी है कि जनता को त्वरित एवं समयबद्ध रूप से न्याय प्राप्त हो तथा भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था मिले।
इसके लिए तकनीक का प्रयोग आज के परिप्रेक्ष्य में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश सूचना आयोग अपने नवीन सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप का शुभारम्भ करने वाला देश का पहला राज्य सूचना आयोग है।
मुख्यमंत्री आज यहां उत्तर प्रदेश सूचना आयोग में शिकायतों एवं द्वितीय अपीलों की ई-फाइलिंग एवं ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा के लिए सॉफ्टवेयर (CATS-UPSIC) एवं मोबाइल ऐप (कम्प्लेण्ट व अपील टै्रकिंग सिस्टम) का शुभारम्भ करने के उपरान्त इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि तकनीक का प्रयोग कार्यों के त्वरित निस्तारण, भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने और मेरिट के आधार पर समयबद्ध तरीके से किसी भी कार्य को गुणवत्ता के साथ निस्तारित करने की दृष्टि से आवश्यक है।
वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम देश में इसी उद्देश्य से लागू किया गया था कि कोई भी व्यक्ति अपने अधिकार का सही उपयोग करके शासन से सम्बन्धित सूचनाओं को प्राप्त कर सके।
मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश सूचना आयोग को अपने नवीन सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप के लिए बधाई देते हुए कहा कि तकनीक का उपयोग करके हम किसी व्यक्ति के जीवन में सुगमतापूर्वक परिवर्तन ला सकते हैं।
पहले राजस्व से जुड़े मामलों में बहुत देर होती थी। वरासत, पैमाइश तथा नामांतरण से जुड़े जो मामले ऑटोमोड में होने चाहिए,
वह वर्षों लम्बित रहते थे। वर्ष 2017 में शासन की बागडोर सम्भालने के बाद उन्होंने राजस्व विभाग की समीक्षा की, तब 12 लाख से अधिक वरासत के मामले लम्बित थे।
इनका समाधान 45 दिनों में हो जाना चाहिए था। जब कोई जवाबदेही नहीं होती तो ऐसा ही होता है।



