नेशनल ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है, जिसका असर बुधवार को पश्चिम बंगाल, बिहार, और केरल जैसे कई राज्यों में देखा गया। केरल में सड़कों पर चक्का जाम करने की कोशिश की गई, वहीं कई राज्यों में बैंकिंग सेवाएं भी प्रभावित हुईं। खबरों के अनुसार, इस हड़ताल में लगभग 25 करोड़ कर्मचारी शामिल हैं। हड़ताल का मुख्य कारण सरकार द्वारा लागू किए गए नए श्रम कानून हैं। देश की 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया है।
राहुल और तेजस्वी के विरोध मार्च पर पुलिस ने लगाई रोक
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में शुरू हुआ विरोध मार्च, जो इनकम टैक्स चौराहे से प्रारंभ होकर वीरचंद पटेल पथ और शहीद स्मारक के रास्ते चुनाव आयोग के कार्यालय तक जाना था, को विधानसभा के पास पुलिस ने रोक दिया।
‘चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल, गरीबों के वोट छीने जा रहे हैं’
RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “आज पूरे बिहार में बंद है। चुनाव आयोग ने अपनी साख पूरी तरह गंवा दी है। मतदाता सूची से गरीबों के नाम हटाने की साजिश रची जा रही है। पहले वोटर लिस्ट से नाम हटेंगे, फिर पेंशन और राशन जैसी सुविधाएं छीनी जाएंगी। इसीलिए महागठबंधन ने ‘बिहार बंद’ का आह्वान किया है। ट्रेड यूनियनों ने भी इस बंद का समर्थन किया है, और हम उनके साथ हैं। राहुल गांधी भी इस मुद्दे पर हमारा साथ देने आए हैं। चुनाव आयोग अब एक राजनीतिक दल का हिस्सा बन चुका है और खुद असमंजस में है। हम हर स्तर पर इस अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे, चाहे वह सड़क हो, विधानसभा हो या कोर्ट।”
‘बिहार बंद’ में विपक्षी नेताओं की भागीदारी
महागठबंधन द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (S.I.R) के विरोध में आयोजित ‘बिहार बंद’ में कई विपक्षी नेता शामिल हुए। इनमें RJD नेता तेजस्वी यादव, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, CPI महासचिव डी राजा, CPI (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के नेता दीपांकर भट्टाचार्य और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम प्रमुख थे।
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