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नैमिषारण्य की महिमा अपरम्पार, सभी धार्मिक ग्रंथों ने बड़ी श्रद्धा भाव के साथ इस पावन तीर्थ की महिमा का गान किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लोक कल्याण का उद्देश्य अंततः राष्ट्र कल्याण होता है। राष्ट्र कल्याण का उद्देश्य भी लोक कल्याण से जुड़ा हुआ है। यह दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। इन दोनों को एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने आज जनपद सीतापुर में नैमिषारण्य धाम स्थित श्री स्कन्दाश्रम में आयोजित श्री श्री श्री जगदम्बा राजराजेश्वरी स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा तथा नूतन देवालय के चित्शक्ति द्वार ‘प्रमुख द्वार’ के उद्घाटन महोत्सव में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
इसके पूर्व, उन्होंने मन्दिर में पूजन-अर्चन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी का स्वागत अंग वस्त्र एवं विभिन्न संतों के अनुभवों पर आधारित पुस्तिका प्रदान कर किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई वर्षों तक नर्मदा के तट पर साधनारत रहे स्वामी षण्मुखानंद जी महाराज की साधना के प्रसाद एवं सिद्धि के रूप में आज श्री राजराजेश्वरी मंदिर व आश्रम हम सभी को देखने को मिल रहा है।
उन्होंने श्री श्री श्री राजराजेश्वरी मंदिर के भव्य धार्मिक आयोजन में सहभागी बनने का अवसर देने के लिए स्वामी षण्मुखानंद पुरी जी महाराज एवं अन्य संतों का अभिनंदन करते हुए कहा कि नैमिषारण्य की महिमा अपरम्पार है।
हमारे सभी धार्मिक ग्रंथों ने बड़ी श्रद्धा भाव के साथ इस पावन तीर्थ की महिमा का गान किया है। संत तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में ‘तीरथ वर नैमिष विख्याता’ के माध्यम से नैमिषारण्य की महिमा का वर्णन किया है।