अडानी हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मार्केट रेगुलेटर सेबी को अडानी-हिंडनबर्ग मामले में 14 अगस्त तक जांच जारी रखने की अनुमति दे दी है। सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ द्वारा जांच के स्टेटस के बारे में पूछे जाने पर सेबी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, जांच अपनी स्पीड से चल रही है।
एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सेबी ने कहा है कि उन्होंने रिलेटिड पार्टी ट्रांजेक्शन और रिपोर्टिंग के नियमों में संशोधन किया है। आपको बता दें कि एक दिन पहले सेबी ने कोर्ट में 43 पन्नों का हलफनामा दाखिल किया था।
दाखिल किया था हलफनामा
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रशांत भूषण कह रहे हैं कि हैं कि आप कह रहे हैं कि आज तक आपको लाभकारी मालिकों और संबंधित पार्टी के ट्रांजेक्शन की जांच से रोका गया था। हम जानना चाहेंगे कि किन परिस्थितियों में ‘ओपेक स्ट्रक्चर्स’ ‘बेनिफिशियल ऑनरशिप की डेफिनेशन” पर नियमों में बदलाव हुए।
नियमों को किया है लगातार सख्त
सेबी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके 2019 के नियम में बदलाव से ऑफशोर फंड के लाभार्थियों की पहचान करना कठिन नहीं रह गया है। और यदि कोई उल्लंघन पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी। सेबी ने कहा कि उसने बेनिफिशियल ऑनरशिप और रिलेटिड पार्टी ट्रांजेक्शन से संबंधित नियमों को लगातार सख्त किया है।
इन सिफारिशों से जताई असहमति
अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की अपनी जांच की स्टेटस रिपोर्ट का कोई उल्लेख किए बिना, सेबी ने सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे में कहा कि वह एक ऑफशोर फंड के पीछे आर्थिक हित धारकों की पहचान करने में कठिनाइयों के विशेषज्ञ समिति के विचार से सहमत नहीं है।



