शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 से हो रही है और इसका समापन 1 अक्टूबर मंगलवार को महानवमी के दिन होगा। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्र की शुरुआत होती है। इस बार नवरात्रि 10 दिनों तक मनाए जाएंगे क्योंकि तृतीया तिथि दो दिन 24 और 25 रहेगी, जिसके कारण मां चंद्रघंटा की पूजा दो दिनों तक की जाएगी। सोमवार को प्रतिपदा पड़ने से मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पृथ्वी लोक पर आगमन करेंगी। हाथी को सुख-समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक माना गया है। इसलिए इस नवरात्रि में मां का आगमन विशेष फलदायी माना जा रहा है।
घटस्थापना का मुहुर्त
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि 22 को घटस्थापना का श्रेष्ठ मुहूर्त प्रातः 06:09 से 08:06 तक है, साथ ही मध्याह्न में अभिजित मुहूर्त 11:49 से 12:38 तक भी शुभ रहेगा। इस दिन सूर्योदय के समय कन्या लग्न रहेगा जो घटस्थापना व दुर्गा पूजन के लिए उत्तम माना गया है।
शारदीय नवरात्रि की तिथियां
22 सितंबर – मां शैलपुत्री की पूजा
23 सितंबर – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
24-25 सितंबर – मां चंद्रघंटा की पूजा
26 सितंबर – मां कूष्माण्डा की पूजा
27 सितंबर – मां स्कंदमाता की पूजा
28 सितंबर – मां कात्यायनी की पूजा
29 सितंबर – मां कालरात्रि की पूजा
30 सितंबर – मां महागौरी की पूजा
1 अक्टूबर – मां सिद्धिदात्री की पूजा (महानवमी)
इस नवरात्रि विशेष संयोग के चलते भक्तों को देवी की कृपा से सुख-समृद्धि, आरोग्य और सिद्धि की प्राप्ति की संभावनाएं प्रबल होंगी।
सूर्य ग्रहण 21 सितम्बर को सूतक मान्य नहीं
वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और इसकी समाप्ति 22 की सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर होगी। ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा। सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां पर इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। आखिरी आंशिक सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण भाग में दिखाई देगा।
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