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विविध
इस तरह गुरमीत सिंह को भगाने के प्रयास को विफल कर दिया पुलिस ने
चंडीगढ़/गुड़गांव। हरियाणा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि बलात्कार के जुर्म में 20 साल जेल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत Ram Rahim Singh को पुलिस पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत से रोहतक की जेल तक तभी ले जा सकी जब डेरा प्रमुख के सुरक्षाकर्मियों की ओर से उसे भगाने की कथित कोशिश नाकाम कर दी गई। बहरहाल, अधिकारी ने दावा किया कि पुलिस उपायुक्त (अपराध) सुमित कुमार की अगुवाई में एक चौकस टीम ने गुरमीत के कमांडो जवानों की ओर से उसे भगाने की कोशिश नाकाम कर दी।
गुड़गांव में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) केके राव ने कहा कि जैसे ही गुरमीत को दोषी करार दिया गया, वैसे ही उसने सिरसा से लाया गया एक ‘लाल बैग’ मांगा। राव ने कहा, ‘‘डेरा प्रमुख ने यह कहते हुए बैग मांगा कि उसमें उसके कपड़े रखे हुए हैं। दरअसल यह उसकी ओर से अपने लोगों को किया गया एक इशारा था कि वे उसके समर्थकों में उसे दोषी ठहराए जाने की खबर फैला दें, ताकि वे उपद्रव पैदा कर सकें।’’ उन्होंने कहा कि जब गाड़ी से बैग बाहर निकाला गया तो करीब दो किलोमीटर दूर से आंसू गैस के गोले दागे जाने की आवाजें सुनाई देने लगीं। आईजीपी ने दावा किया, ‘‘तभी हमें बात समझ आ गई कि इस इशारे के पीछे कोई मतलब है।’’
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का संदेह उस वक्त और गहरा गया जब गुरमीत और उसकी गोद ली गई बेटी पंचकूला अदालत परिसर के गलियारे में काफी लंबे समय तक खड़े रहे, जबकि उन्हें वहां खड़ा नहीं होना था। राव ने बताया, ‘‘वे गाड़ी में बैठने से पहले समय ले रहे थे ताकि उसके लोग यह बात फैला सकें कि वह अदालत से बाहर निकलने वाला है। उन्हें बताया गया कि आप यहां नहीं खड़े हो सकते। भीड़ करीब दो-तीन किलोमीटर दूर थी और वह नजदीक भी आ सकती थी। हम सेक्टर एक में कोई हिंसा नहीं चाहते थे, क्योंकि इससे मरने वालों की संख्या बहुत बढ़ सकती थी।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने गुरमीत को उसकी गाड़ी में बिठाने की बजाय पुलिस उपायुक्त (अपराध) सुमित कुमार की गाड़ी में बिठाने का फैसला किया। जब हम उसे गाड़ी में बिठा रहे थे कि तभी कुछ कमांडो, जो काफी साल से डेरा प्रमुख के साथ तैनात थे, ने गुरमीत को घेर लिया। राव ने कहा, ‘‘इसके बाद, सुमित कुमार और उनकी टीम की उनसे झड़प हुई। उसके कमांडो को पीटा भी गया। हमने ख्याल रखा कि कोई फायरिंग नहीं हो। डेरा प्रमुख के कमांडो हथियारबंद थे।’’ आईजी ने बताया कि पुलिस को एक खतरे की भनक गुरमीत के काफिले की 70-80 गाड़ियों से लगी। ये गाड़ियां पास के एक थिएटर परिसर में रखी थीं।
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