
सड़कें बंद, भारी बारिश जारी, 9वें दिन भी स्थगित रही माता वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा
कटरा/जम्मू। कश्मीर में मंगलवार रात से जारी मूसलाधार बारिश की वजह से जनजीवन पटरी से उतर गया है। अधिकारियों ने आज संभाग के सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश दिया है। कल शाम से शुरू हुई और रात भर जारी रही। तेज बारिश ने दक्षिण और मध्य कश्मीर के कई इलाकों को जलमग्न कर दिया, जिससे झेलम नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ गया। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में शेषनाग नाला और लिद्दर नाला पहले ही बाढ़ के खतरे के निशान को पार कर चुके हैं, जबकि झेलम अभी भी अपने खतरे के निशान से नीचे बह रही है।
संभागीय आयुक्त कश्मीर अंशुल गर्ग ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का निर्णय एहतियात के तौर पर लिया गया है। संभागीय आयुक्त कश्मीर ने कहा, “खराब मौसम को देखते हुए, एहतियात के तौर पर कश्मीर संभाग के स्कूल-कॉलेज आज बंद रहेंगे।” भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि दोपहर तक बारिश जारी रहने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र में जलस्तर बढ़ सकता है।
गर्ग ने कहा, “प्रशासन की क्षेत्रीय टीमें स्थिति पर कड़ी नज़र रख रही हैं और आपातकालीन योजनाएं तैयार हैं। लोगों को सावधानी बरतने और झील, तालाब के पास न जाने की सलाह दी जाती है।” मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर के कई ज़िलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। कल सुबह 8:30 बजे से आज सुबह 5:30 बजे के बीच, कोकरनाग में 68.2 मिमी, काजीगुंड में 68 मिमी, पहलगाम में 55 मिमी और श्रीनगर में 32 मिमी बारिश हुई। जम्मू क्षेत्र में बारिश और भी तेज़ रही, इस दौरान रियासी में सबसे ज़्यादा 203 मिमी बारिश दर्ज की गई।
माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा 9वें दिन स्थगित
त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा बुधवार को नौवें दिन भी स्थगित है और इसके आधार शिविर में पिछले 24 घंटों के दौरान 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गयी, जो जम्मू क्षेत्र में सबसे अधिक है। वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा 26 अगस्त को रोक दी गई थी। इससे कुछ घंटे बाद ही अर्धकुंवारी के निकट पुराने मार्ग पर बारिश के कारण बड़ा भूस्खलन हुआ था, जिसमें 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी थी और 20 अन्य घायल हो गए थे।
तीर्थयात्रा स्थगित है, फिर भी मंदिर खुला है और इसके पुजारी रोज प्रार्थना तथ अनुष्ठान कर रहे हैं। तीर्थयात्रा स्थगित होने के कारण कटरा पहुंच चुके कुछ तीर्थयात्री ‘दर्शनी ड्योढ़ी’ (मंदिर के रास्ते का मुख्य प्रवेश द्वार) पर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। दर्शनी ड्योढ़ी, मंदिर के प्रथम ‘दर्शन’ की परिचायक है। महाराष्ट्र के नागपुर से आए श्रद्धालु प्रमोद ने ‘न्यूज़ एजेंसी’ को बताया, ‘‘मैंने मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए करीब तीन महीने पहले विमान, ट्रेन और होटल की टिकटें बुक कराई थीं। लेकिन तीर्थयात्रा स्थगित है, इसलिए मैं घर लौटने से पहले यहीं (दर्शनी ड्योढ़ी) से पूजा-अर्चना कर रहा हूं।
बारिश के कारण बाणगंगा नदी में जलस्तर बढ़ा
हालांकि, उन्होंने कहा कि वह निराश नहीं हैं और उन्होंने वापस लौटने तथा ‘‘माता के बुलावे का इंतजार करने’’ का संकल्प जताया। लगातार बारिश के कारण नदियों और नालों, विशेषकर बाणगंगा नदी में जलस्तर बढ़ गया है। बाणगंगा जम्मू से गुजरती है। अधिकारियों ने कहा कि यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय तब लिया जाएगा जब स्थिति में सुधार होगा और पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर तक 12 किलोमीटर लंबे दोहरे मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए अवरोध हटा दिया जाएगा।