
प्रयागराज में बाढ़ के कारण देरी से शुरू हुई माघ मेले की तैयारियां..ड्रोन से सर्वे, मैपिंग के आधार पर सेक्टर बसाने का काम
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगने वाला माघ मेला इस बार जल्द शुरू होगा, क्योंकि तीन जनवरी को पौष पूर्णिमा का पहला स्नान होना है और इसी स्नान से ही मेले की शुरुआत हो जाती है। मेला एक फरवरी माघी पूर्णिमा को खत्म हो जायेगा, लेकिन मेला का 15 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलता है। इस बार बाढ़ की वजह से काफी देरी से काम की शुरुआत हो रही है। अब अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर तीन महीने ही मेला की तैयारियों के लिए बचे हैं। सबसे बड़ा काम माघ मेला को बसाने के लिए जमीन की पैमाइश होती है और इसी में ज्यादा समय लगता है।
इस बार ड्रोन से मेला को बसाने के लिए सर्वे किया जा रहा है , जिसकी मैपिंग के आधार पर सेक्टर बनाए जाएंगे। माना जा रहा है कि एक हफ्ते में गंगा और यमुना का जलस्तर भी काफी नीचे चला जाएगा, जिसके बाद मेला प्रशासन ड्रोन से सर्वे कराकर मेला की तैयारी शुरू कर देगी। मेला प्राधिकरण किसी भी हाल में अक्टूबर से ही तैयारियां शुरू कर देगा।
वैसे मेला प्रशासन ने विभिन्न विभागों की टेंडर प्रक्रिया शुरू करा दी है। पहली बार माघ मेला में सेक्टर प्रभारी के पद पर मजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे। इसके पहले के माघ मेला में तहसीलदार और नायब तहसीलदार ही सेक्टर प्रभारी बनाए जाते थे। अब नया पद सेक्टर सुपरवाइजर बना है जिस पर नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक तैनात किए जाएंगे। इस बार माघ मेला क्षेत्र में कुल आठ पांटून पुल बनाए जायेगे। पिछले माघ मेला में छह पांटून बनाए गए थे।
दरअसल, फाफामऊ पुल के पास गंगा पर एक पांटून पुल बनाया जाना प्राधिकरण ने आवश्यक इस लिए समझा, ताकि यातायात व्यवस्था सही तरीके से हो सकेगी। वहीं पूरे मेला को छह सेक्टर में बाटा जाएगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विजय किरन आनंद ने बताया कि माघ मेला की तैयारियों के लिए मेला प्राधिकरण में अफसरों की तैनाती कर दी गई है।
टीम को लगा दिया गया है। विभिन्न कार्यों के लिए विभागों की ओर से टेंडर प्रक्रियाएं शुरू करा दी गई हैं। मेला को बसाने के लिए महाकुंभ की तरह ड्रोन से सर्वे इस माह के अंत तक में कराया जाएगा। सेक्टर प्रभारी के पद पर मजिस्ट्रेटो को भी तैनात किया जा रहा है।