धोखा-धड़ी

MPPSC (म0प्र0 लोकसेवा आयेाग) घोटाला

राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव लौटन राम निषाद ने MPPSC  (मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग) के घोषित परिणाम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रतियोगी परीक्षा परिणाम का आखिरी पृष्ठ देखने पर अद्भुत जैन सेवा दिखायी देती है, जिसमें 24 सफल अभ्यर्थियों में 18 जैन जाति के हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग का नाम बदलकर क्यों ना जैन लोकसेवा आयोग कर दिया जाय?

 

लौटन राम  ने मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग के घोषित परिणाम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रतियोगी परीक्षा परिणाम का आखिरी पृष्ठ देखने से लगता है कि यह MPPSC  (मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग) का परीक्षा परिणाम ना होकर जैन समाज का भर्ती परीक्षा परिणाम है। यह MPPSC  (मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग) ना होकर जैन जाति भर्ती आयोग है।

ध्यान रहे कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह भी जैन जाति के हैंl जिसमें 24 सफल अभ्यर्थियों में 18 जैन जाति के हैं। उन्होंने कहा कि MPPSC  (मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग) का नाम बदलकर क्यों ना जैन लोकसेवा आयोग कर दिया जाय? जैन जाति के दो अधिकारियों ने MPPSC में जमकर जातिवाद किया। मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग में  दो जैन जाति के अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक दिनेश जैन और प्रभारी परीक्षा नियंत्रक मदन लाल गोखरू ने जमकर बेमिसाल भ्रष्टाचार किया है।

निषाद ने बताया कि सभी सफल जैन अभ्यर्थियों को एक ही परीक्षा केन्द्र आवंटित किया गया था। MPPSC  (मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग) की राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2017 के घोषित परिणाम के पृष्ठ 33 पर 24 सफल अभ्यर्थियों का नाम दिया गया है। जिसमें 18 जैन जाति के ही हैं।

उन्होंने बताया कि क्रमांक 1507-शुभी जैन, 1508-शंशाक जैन, 1510-शुभांशु जैन, 1511-निखिल जैन, 1512-रोशन कुमार जैन, 1513-रिया अजय जैन, 1514-अनिमेष जैन, 1515-पूर्वी जैन, 1519-सुरभि जैन, 1520-वैभव जैन, 1521-सुनीत जैन, 1522-अंकेश जैन, 1523-प्रतिमा जैन, 1524-आशीष कुमार जैन, 1525-गुंजन जैन, 1526-मयंक कुमार जैन, 1527-हिमांशु जैन, 1528-रविकांत जैनl  इसमें सीरियल नं0 1519 से 1528 तक लगातार लगभग एक दर्जन उम्मीदवार सफल घोषित किये गये हैं, जिन सभी का परीक्षा केन्द्र एक ही था।

ये घोटाला विश्वविख्यात व्यापम घोटाले एवं उ0प्र0 लोक सेवा आयोग घोटाले जैसा ही है। जहॉं यादव जाति के उम्मीदवारों को प्रत्येक परीक्षा में सफल घोषित किया गया। और तो और, लोगों का कहना है कि जिनको एक पन्ना ठीक से ड्राफटिंग करनी तक नहीं आती, उनको  पीसीएस बना दिया गयाl वो भी भरपूर तादाद में। योगी सरकार ने जॉंच के आदेश तो दे दिये हैं, देखिये होता है क्या? दूध का दूध और पानी का पानी सब सामने आ जायेगा।

निषाद का कहना है कि अमित शाह सहित भाजपा के बड़े नेता अखिलेश यादव की सरकार को यादववादी बताकर गैर यादव पिछड़ों को सपा से दूर करने के लिए जोर-शोर से प्रचार किया गयाl  86 एसडीएम में 54 यादव चयनित हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उ0प्र0 सरकार को एक जाति विशेष की सरकार बताकर यादवों के खिलाफ नफरत पैदा कर अतिपिछड़ों व दलितों को भ्रमित कर वोटबैंक हथियाया गया।  निषाद ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट जज-2016 का परीक्षा परिणाम 13 अप्रैल 2017 घोषित हुआ।

जिसमें 61 में 52 सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी सफल घोषित किये गये,जबकि नियमतः12 ही होने चाहिए थे। एक मुस्लिम पिछड़ा सहित 9 ओबीसी सफल घोषित हुए। जबकि होने थे 32 और एससी/एसटी के 12 जज सफल घोषित होने चाहिए थे, परन्तु एक भी अभ्यर्थी सफल घोषित नहीं किया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा कराई गयी वरिष्ठ न्यायिक परीक्षा परिणाम को उजागर होने नहीं दिया गया।

वरिष्ठ न्यायिक सेवा आयोग परीक्षा परिणाम को प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव नृपेन्द्र मिश्र व केन्द्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा अपनी मर्जी से घोषित कराया गया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 29 सितम्बर 2017 को 19 जजों की नियुक्ति की गयी जिसमें एक भी ओबीसी नहीं है। 19 जजों में 6 ब्राह्मण, 5 राजपूत, 2-2 कायस्थ व बनिया, 3 मुस्लिम व एक दलित हैं।

इन घोटालों की जॉंच आखिरकार कौन करायेगा?

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