North Korea पर दबाव बढ़ाने को जापान और अमेरिका सहमत: आबे
तोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने आज कहा कि North Korea द्वारा प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल के जापान के ऊपर से जाने के बाद, वह और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्योंगयांग पर दबाव बढ़ाने के लिये सहमत हो गये हैं। जापान ने इसे प्योंगयांग की हाल के वर्षों में सबसे ज्यादा उकसावे वाली कार्रवाई बताया है। आबे ने ट्रंप से करीब 40 मिनट तक फोन पर बात करने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें संयुक्त राष्ट्र में एक आपात बैठक तत्काल बुलानी चाहिए और उत्तर कोरिया के खिलाफ दबाव को और बढ़ाना चाहिए।’’
उन्होंने प्रस्तावित उपायों के बारे में विस्तार से बताये बगैर कहा, “दबाव बढ़ाने के बारे में जापान और अमेरिका पूरी तरह सहमत हैं।’’ आबे ने कहा कि ट्रंप ने कहा है कि वाशिंगटन अपने सहयोगी के साथ खड़ा रहेगा। ट्रंप को आबे ने यह कहते हुए उद्धृत किया है ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने बहुत मजबूत प्रतिबद्धता जताई है कि अमेरिका, 100 फीसदी जापान के साथ है।’’ उन्होंने कहा ‘‘हम जापान, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच सहयोग करेंगे। हम चीन, रूस तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी बात करेंगे और उत्तर कोरिया पर, उसकी नीति बदलने के लिए गहरा दबाव बनाएंगे।’’
जापान ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह उत्तर कोरिया के साथ कारोबार करने वाली चीनी और नामीबियाई कंपनियों की संपत्तियां फ्रीज कर प्योंगयांग पर नए प्रतिबंध लगाएगा। करीब आधा दर्जन प्रतिष्ठानों और कुछ लोगों के खिलाफ यह कदम उठाने से पहले वाशिंगटन ने चीनी और रूसी कंपनियों तथा उन लोगों के खिलाफ अपने दंडात्मक कदमों का विस्तार किया जो प्योंगयांग के परमाणु हथियार कार्यक्रम के विकास से जुड़े रहे हैं।
प्रतिबंधों का उद्देश्य उत्तर कोरिया के उस हथियार कार्यक्रम के लिए वित्त प्रवाह को बाधित करना है जो संयुक्त राष्ट्र के संकल्पों का उल्लंघन है। जापान के शीर्ष सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मिसाइल देश के उत्तरी द्वीप होक्काइदो के ऊपर से गुजरी और फिर प्रशांत महासागर में तट से करीब 1,180 किमी दूर गिरी। मुख्य कैबिनेट सचिव योशीहिदे सुगा ने संवाददाताओं को बताया ‘‘अब तक जापानी भूभाग में किसी सामग्री के गिरने की पुष्टि नहीं हुई है।’’ उन्होंने कहा ‘‘क्षेत्र में विमानों या पोतों को कोई नुकसान होने की खबर नहीं है।