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तिब्बत की स्वतंत्रता भारत के उत्तरी सीमांत की सुरक्षा के लिए जरुरी
By: डा0 समन्वय नंद
इसके बाद अमेरिका ने इन प्रशिक्षित तिब्बती युवाओं को नेपाल–तिब्बत सीमा पर छोडा था ताकि ये चीनियों के साथ गुरिला युद्ध छेड सकें। लेकिन उस समय अमेरिका के तत्कालीन नेतृत्व व चीन की कम्युनिस्ट नेतृत्व के बीच समझौता हो गया तथा इसके बाद अमेरिका ने इन प्रशिक्षित तिब्बती युवाओं को समर्थन देना बंद करने के साथ साथ इसे बंद करने के लिए कहा था। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जब अमेरिका समेत अनेक युरोपीय देशों ने अपने स्वार्ध साधन हेतु चीन के खिलाफ तिब्बत का इस्तेमाल किया है।
भारत के लिए तिब्बत की स्वतंत्रता कितना महत्वपूर्ण है। पश्चिमी देशों के लिए क्या तिब्बत का मुद्दा केवल अपने स्वार्थ साधन का मुद्दा है या उससे अधिक। तिब्बत की स्वतंत्रता भारत के लिए जीवन– मरण का प्रश्न है। तिब्बत की स्वतंत्रता तिब्बत से अधिक भारत की सीमाओं के सुरक्षा के लिए जरुरी है।
अनेक चीन समर्थक कम्युनिस्ट विद्वान बार बार प्रचारित करते हैं कि भारत व चीन के बीच संबंध हमेशा अच्छे रहे हैं। दोनों देशों के बीच युद्ध का कोई विवरण इतिहास में नहीं मिलता। हमें यह ध्यान में रखना होगा कि भारत व चीन की सीमाएं आपस में नहीं लगती थीं। इसलिए दोनों देशों के बीच युद्ध का कोई कारण नहीं था। दोनों देशों के बीच तिब्बत एक बफर स्टेट था। तिब्बत पर कब्जा करने के बाद चीन की सीमा (तिब्बत की सीमा) भारत की सीमा से मिली व उसके बाद से चीन की लोलुप दृष्टि भारत पर है। यह तो थी, भारत के हितों की बात।
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