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विनिर्माण में उछाल के लिए छोटे उद्यमों पर दें ध्यान: Mahindra
मुंबई। विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनी Mahindra समूह के अध्यक्ष आनंद महिन्द्रा ने आर्थिक वृद्धि के अगले दौर के लिए छोटे उद्यमों को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माण ने अपनी क्षमता अभी नहीं खोई है और वृद्धि का अगला दौर पूरी तरह हमारे ऊपर निर्भर करता है। महिन्द्रा ने बुधवार शाम एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर कहा, ‘‘बड़े उद्योगों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। रोजगार और विनिर्माण में असली तेजी छोटे एवं मध्यम श्रेणी के उपक्रमों (एसएमई) से आने वाली है।’’
उन्होंने कहा कि देश में लंबे समय से पुराने श्रम कानूनों के कारण एसएमई को हतोत्साहित किया गया है। वित्तीय एवं श्रम कानूनों वाले हतोत्साहन को दूर किया जाना चाहिए तथा कौशल जैसे पहलुओं को लेकर एसएमई की मदद की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सूक्ष्मदर्शी बने रहने को प्रोत्साहित किया, वृद्धि की कोशिशों को नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शीर्ष 20 कारोबारी घरानों ने निवेश नहीं किया, इस बात पर हायतौबा करने के बजाय एसएमई के लिए पारिस्थितिकी तैयार करने पर ध्यान देने की जरूरत है। शीर्ष कारोबारी घराने रोजगार के अवसर नहीं मुहैया कराने वाले हैं।’’
महिन्द्रा ने विनिर्माण के परिदृश्य पर की जा रही चिंताओं पर भी आपत्ति जतायी। उन्होंने कहा सिर्फ कर्ज में फंसी कंपनियों का विनिर्माण धीमा हुआ है लेकिन यहां कारोबार करने के लिए विदेशी कंपनियों की रुचि बढ़ी है। यह देखा जा सकता है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण की हिस्सेदारी 16-17 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की एक दशक से अधिक की कोशिशों के बाद भी कुछ बदला नहीं है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में अगले कुछ साल में फिर से उछाल आने वाला है। उन्होंने कहा कि यह उछाल उपभोग क्षेत्र के कारण आएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मानसून के अच्छे रहने से यदि उपभोग बढ़ता है तो आप देखेंगे कि फिर से तेजी लौट आयी है और आप देखेंगे कि कई उद्योगों की खस्ताहाल स्थिति सही हो जाएगी।
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