एनालिसिस
चौंसठ हजार करोड़ की चोरी है या Engineers की बंदरबांट
प्रदेश की पुलिस का काम एक कम्पनी के कृृत्यों की रक्षा करना अथवा उसके पैसों की वसूली कराना नहीं है। यह पॉवर कार्पोरेशन का काम है कि कितनी बिजली पैदा की जा रही है, कितनी बेची जा रही है और कितनी चोरी अथवा लाइनलॉस में दिखाई जा रही है। इसके लिए स्वंय वही जिम्मेदार हो।
पावर कार्पोरेशन के अधीन सैकड़ों अन्य कार्पोरेशन बनाये ही इसलिए गये हैं। एक बिजली बनाये और दूसरा बेचे। बनाने वाला, जिसको बेची गयी उससे पैसे वसूले और जिसने खरीदी वो कन्ज्यूमर्स से वसूले। इसमें सरकार कहॉं बीच में घुसी हुई है?
मध्यप्रदेश में एक आई.ए.एस. अधिकारी एम.एन. बुच ने यह साहस दिखाया था कि एक शासकीय बैठक में जब अफसरों को चुस्त और ईमानदार होने का उपदेश मुख्यमंत्री दे रहे थे। तब बुच ने कहा था कि जो अफसर ईमानदारी व साहस से काम करते हैं-उनका तो ट्रान्सफर कर दिया जाता है।
हाल ही में भोपाल की म्युनिसिपल कमिश्नर, छबि भारद्वाज के मामले में भी ऐसा ही हुआ और उनका स्थानान्तरण कर दिया गया।
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