एनालिसिस
चौंसठ हजार करोड़ की चोरी है या Engineers की बंदरबांट
और 60,000 करोड़ रुपयों का भ्रष्टाचार व काली कमाई बनाम चोरी इस तरह से हो रही है। इसके दुष्परिणाम उस ‘आम आदमी को भुगतने पड़ रहे हैं, जो ईमानदारी से मीटर के हिसाब से बिल का भुगतान करता जा रहा है। भले ही मीटर आगे ही क्यों ना भाग रहा हो।
बिजली की चोरी ज्यादातर झुग्गी-बस्तियों व मध्यम वर्ग के घरों में दिखलाई जाती है। लेकिन बड़ी चोरी व भ्रष्टाचार करने वालों पर स्वंय बिजली Engineers ही मेहरबान रहता है क्योंकि इस मेहरबानी की उन्हें कीमत मिलती है।
बिजली विभाग का छोटा से छोटा Engineer भी करोड़पति है। पावर कार्पोरेशन का कोई ऐसा Engineer नहीं होगा जो मौज मस्ती से ना रह रहा हो। इन Engineers के सामने आई0ए0एस0 भी बौने हैं।
यदि कोई अफसर ईमानदारी और सख्ती से काम करे तो बिजली विभाग के Engineers उसके प्रयत्नों को असफल करने में लग जाते हैं। ये Engineers ब्लैक की कमाई क्या कहिए बल्कि बिजली चोरी की कमाई से इतने ताकतवर हैं कि ऐसे अफसर को हटवाने में भी नहीं हिचकते।
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