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DSGMC को मिले दस्तावेज़ी सबूत
DSGMC (दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी साहिब के बारे में दस्तावेजी सबूत सामने आने के बाद गुरुद्वारा साहिब के पुन: निर्माण के लिए मुहिम को बड़ा समर्थन मिलेगा: मनजिंदर सिंह सिरसा
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के महासचिव सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि हर की पौढीए नजदीक सुभाष घाट में गुरुद्वारा साहिब पहले मौजूद होने के बारे में सरकारी दस्तावेजी सबूत सामने आने के बाद ऐतिहासिक गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी साहिब के पुन:निर्माण की मुहिम को बड़ा समर्थन मिलेगा।
सरदार सिरसा ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक स्थानीय नगर निगम के सेटलमेंट रिकार्ड में यह सबूत सामने आया है कि उक्त जगह पर पहले गुरुद्वारा साहिब मौजूद था। उन्होंने कहा कि नगर निगम के 1935 के रिकार्ड में हर की पौढी नजदीक गुरुद्वारा साहिब में मौजूद होना दिखाया गया है और भारत स्काउटस एंड गाईड दफ्तर के दस्तावेजों में भी यह जगह गुरुद्वारा साहिब के साथ जुड़ी साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि ताजा सबूत सामने आने के बाद गुरुद्वारा साहिब के पुन: निर्माण की मुहिम को बड़ा समर्थन मिलेगा और सिख भाईचारा इसके पुन: निर्माण होने पर सभी का धन्यवादी होगा। यहां वर्णनीय है कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के प्रधान मनजीत सिंह जी.के. और शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहब ज्ञानी गुरबचन सिंह को मामले में अपील की थी जिसके बाद जत्थेदार साहिब ने इस मामले में कार्रवाई के लिए एक कमेटी का गठन किया था।
उन्होंने कहा कि सिख काफी देर से यह जगह दिए जाने की मांग कर रहे हैं। जहां हर की पौढी में श्री गुरु नानक देव जी 1504-05 में आए थे और यहां तप किया था। और उपदेश भी दिए थे। यह सिख भाईचारे के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता के साथ जुड़ा मासला है। उन्होंने कहा कि यहां श्री गुरू नानक देव जी के नाम पर गुरुद्वारा साहिब मौजूद था और यह जगह यू0पी0 सरकार द्वारा एक्वायर कर ली गई थी। परन्तु कभी सिख भाईचारे को वापिस नहीं दी गई।
सरदार सिरसा ने कहा कि यह भी देश के लिए बड़े गर्व की बात है कि जिस जगह पर गुरू नानक देवजी ने तप किया था,वहां गुरुद्वारा साहिब का निर्माण हो। जिससे देश की धर्म निष्पक्ष छवी का पता चलता है। जिसके लिए कि भारत विश्व भर में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि चाहे यह अलग-अलग धर्मों और जातियों वाला मुल्क है परन्तु इसमें हमेशा ही दूसरों के धर्म का सम्मान होता रहा है। उन्होंने कहा कि गुरू नानक देवजी और अन्य सिख साहिबान के साथ-साथ अन्य धर्मों के स्थानों को हर भारतीय द्वारा बड़ा सत्कार दिया जाता है। इस तरह से देखा जाये तो भारत,विश्व में विलक्षण समाज है।
समाचार नई दिल्ली
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