
दार्जिलिंग के प्रमुख बागानों को काम फिर शुरू होने का इंतजार
कोलकाता। दार्जिलिंग के चाय बागानों में लंबे समय से बंदी चल रही है। इससे तमाम कंपनियों को दिक्कत आ रही है क्योंकि ज्यादातर श्रमिक काम पर नहीं लौटे हैं। इस पर्वतीय क्षेत्र के प्रमुख चाय बागान श्रमिकों के काम पर लौटने और कामकाज फिर शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं। लक्ष्मी टी कंपनी के निदेशक रुद्र चटर्जी ने कहा, ‘‘हमने बंदी की वजह से अपने बागान को बंद नहीं किया था।
जून में बंदी शुरू होने के बाद से पूरी प्रबंधन टीम मकाईबारी टी एस्टेट में तैनात है। अब हम कामगारों के लौटने का इंतजार कर रहे हैं जिससे परिचालन फिर शुरू किया जा सके।’’ उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध मकाईबारी में बंदी की वजह से दूसरे तुड़ाई सत्र के समूची 30,000 किलोग्राम फसल का नुकसान हो गया है। उन्होंने कहा कि बागान में काम करने वाले कामगारों की संख्या 650 है। इसमें 350 पत्तियों की तुड़ाई का काम करते हैं। गुडरिक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण सिंह ने कहा, ‘‘बागानों में बंदी नहीं है। कैसलटन में 70 से 80 लोग काम पर लौटे हैं, लेकिन फिलहाल वहां सफाई का काम चल रहा है।
132 अन्य लोगों ने सोमवार को काम पर लौटने की बात की है।’’ सिंह ने कहा कि बंदी की वजह से कुल चार लाख किलोग्राम फसल का नुकसान हुआ है। गुडरिक के पहाड़ी इलाकों में पांच बागान हैं। इसी तरह सार्वजनिक क्षेत्र की एंड्रय यूले के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक देवाशीष जना ने कहा, ‘‘बागान को कभी बंद नहीं किया गया था। लेकिन कामगार अभी तक काम पर नहीं लौटे हैं।’’ कंपनी के बागान की करीब 30,000 किलोग्राम की फसल का नुकसान हो चुका है।