
मुख्य सचिव ने यूनीसेफ के सहयोग से आयोजित 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों के शोधार्थियों के राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया
लखनऊ – मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने यूनीसेफ के सहयोग से आयोजित 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों के शोधार्थियों के राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि शोधार्थियों को ब्लॉक में विकास की नई संभावनाएं निकालने के लिये रखा गया है। शोधार्थी बिना किसी बंधन के आजादी से कार्य कर सकते हैं। मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विकास खंडों में विकास की गति तेज होनी चाहिए। सभी शोधार्थियों को नई ऊर्जा, उत्साह और सोच के साथ निरंतर कार्य करते रहना है। ब्लॉक को कर्मक्षेत्र मानते हुए गांव में आम जनमानस को राज्य सरकार की योजना का पूरा लाभ दिलाने का प्रयास करें। विकास खंडों में महिलाओं, बच्चों सहित अन्य वंचित समुदायों के जीवन में बदलाव के लिए कार्य करें। इससे लोगों की क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर होगी।
उन्होंने कहा कि 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों में कार्यरत शोधार्थियों के 9 माह पूरे हो चुके हैं। शोधार्थियों से ब्लॉकों में बहुत सुधार आया है। मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में आकांक्षात्मक विकास खंडों में शिक्षा, स्वास्थ और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा आधारभूत संरचना के विविध मानकों पर आकांक्षात्मक विकासखंडों के समग्र विकास के लिए चयनित किया गया था, इसी के आधार पर शोधार्थियों की तैनाती की गई। शोधार्थियों की हर क्षेत्र में पहल होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्राइमरी स्कूलों में नया सत्र शुरु हो गया है। शत-प्रतिशत बच्चों का इस बार पंजीकरण का लक्ष्य रखा गया है। कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इसी तरह से प्रदेश में कुषोषित बच्चों को भी राज्य सरकार की ओर से पूरा लाभ मिलना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा कई परियोजनाएं चलाई जा रहा है, उन परियोजना का लाभ जन-जन तक कैसे पहुंचाया जाए, इस भी सभी शोधार्थी कार्य करें।
उन्होंने कहा कि अनुश्रवण हेतु एक ऑनलाइन ऐप्लीकेशन विकसित की गई है जिसमें शोधार्थियों द्वारा विभिन्न कार्यों का पर्यवेक्षण किया जाएगा, जो प्रथम पंक्ति के कार्मिक से लेकर अधिकारियों तक एक साथ उपलब्ध होगा। इन विकास खंडों में समुदायों, खासतौर से बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, सुरक्षा, कृषि, रोजगार आदि विषयों की प्रगति जानने के लिए 75 मानक व संकेतक निर्धारित किए गए हैं, जिनके आधार पर शोधार्थियों द्वारा पर्यवेक्षण किया जाएगा।
इस पूर्व, मुख्य सचिव ने सभी शोधार्थियों सेे गत 9 माह में ब्लॉकों में किये गये कार्यों व उपलब्धियों का संक्षित विवरण लिया।