
शादी से पहले क्या कोई रख सकता है करवा चौथ का व्रत?
कई कुंवारी लड़कियों के मन में करवा चौथ का व्रत रहने की इच्छा होती हैं, लेकिन कई जगहों पर उनके घर वाले उन्हें ऐसा करने से मना कर देते हैं, लेकिन क्या आप जानत हैं कि हमारी धार्मिक मान्यताएं इसके बारे में क्या कहती हैं अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ का यह व्रत सिर्फ विवाहित महिलाओं के लिए नहीं होता है, बल्कि कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को रख सकती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिन लड़कियों की शादी में बाधा आती है या जिन्हें मनपसंद जीवनसाथी की कामना होती है, वो लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। ये व्रत उनके लिए शुभ माना जाता है और भविष्य में सुखद दांपत्य जीवन का आशीर्वाद भी देता है।
अविवाहित कन्याओं को व्रत के समय फल-आहार ग्रहण करने की छूट है और वे दिन में एक बार जलपान भी ले सकती हैं। उन्हें थाली प्रदक्षिणा या करवा विनिमय जैसी रीतियां निभाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। सोलह श्रृंगार का पालन अनिवार्य नहीं होता और सौभाग्य के प्रतीक स्वरूप वस्तुओं को भेंट के रूप में स्वीकार करने से भी परहेज करना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार, कुंवारी लड़कियों पर संपूर्ण निर्जला या निराहार उपवास का दबाव नहीं होता। वे फलाहार, दूध या साधारण भोजन से अपनी भूख मिटा सकती हैं। वास्तव में, इस व्रत का मूल मकसद हृदय और चेतना को पवित्र बनाना ही है।
अविवाहित लड़कियों के लिए व्रत रखने की विधि थोड़ी अलग होती है। उनके लिए व्रत को हल्का रखना और फलाहारी रखना ज्यादा सही होता है। खजूर, फल, दूध और हल्का खाना रखकर भी व्रत का महत्व पूरा होता है।



