ब्रेकअप करना और पार्टनर को किसी और से शादी करने की सलाह देना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं माना जाएगा: सुप्रीम कोर्ट
प्यार में दिल टूट जाना आजकल आम बात हो गई है। प्यार जीवन का सबसे खूबसूरत एहसास होता है। प्यार में सब कुछ अच्छा लगता है, लेकिन जब वही प्यार दूर हो जाता है तो सब कुछ टूटा सा महसूस होता है।
इन दिनों जितनी जल्दी रिश्ते बनते हैं और दो लोग रिलेशनशिप में आते हैं, उतनी ही आसानी से रिश्ते टूट भी जाते हैं। कपल के बीच ब्रेकअप होना आम बात हो गई है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी साथी को केवल माता-पिता की सलाह के अनुसार शादी करने की सलाह देना भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के दंडात्मक प्रावधानों को आकर्षित नहीं करेगा।
इस मामले में लड़की ने तब आत्महत्या कर ली, जब उसके प्रेमी ने उसे अपने माता-पिता की पसंद से शादी करने की सलाह दी। मृतक लड़की तब परेशान हो गई, जब लड़के के परिवार ने दुल्हन की तलाश शुरू कर दी।
उसकी मौत के बाद पुलिस ने प्रेमी के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने की एफआईआर दर्ज की। हाईकोर्ट ने मामले को रद्द करने से इनकार किया, जिसके बाद अपीलकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने अवलोकन किया,
“टूटे हुए रिश्ते और दिल का टूटना रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं। यह नहीं कहा जा सकता कि अपीलकर्ता ने रिश्ता तोड़कर और उसे उसके माता-पिता की सलाह के अनुसार शादी करने की सलाह दी, जैसा कि वह खुद कर रहा था।
उसका इरादा आत्महत्या के लिए उकसाने का नहीं था। इसलिए धारा 306 के तहत अपराध नहीं बनता है।