गोरखपुर के मेडिकल कालेज में मरने वालों की संख्या 63, सीएम ने बुलाई आपातकाली बैठक
गोरखपुर/लखनऊ। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) में 11 वर्षीय बच्चे की मौत के बाद मरने वाले बच्चों की संख्या 63 हो गई है। जान गंवाने वालों में पांच नवजात भी हैं। पिछले 48 घंटों में ही 33 बच्चों की मौत हुई है. जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने शुक्रवार को 30 बच्चों की मौत होने की बात कही थी। रौतेला ने पिछले दो दिन में हुई मौतौं का ब्योरा देते हुए बताया था कि ‘नियो नेटल वार्ड’ में 17 बच्चों की मौत हुई जबकि ‘एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिन्ड्रोम यानी एईएस’ वार्ड में पांच तथा जनरल वार्ड में आठ बच्चों की मौत हुई है।
इस सवाल पर कि क्या ये मौतें आक्सीजन की कमी की वजह से हुईं, रौतेला ने कहा कि उन्हें मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने स्पष्ट रूप से बताया है कि आक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। इस बीच लखनऊ में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कुछ समाचार चैनलों पर प्रसारित इन खबरों को ‘भ्रामक’ बताया कि आक्सीजन की कमी से ये मौतें हुई हैं। प्रवक्ता ने स्पष्ट किया, ‘गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी के कारण किसी रोगी की मृत्यु नहीं हुई है।’
उन्होंने कहा, ‘आक्सीजन की कमी से पिछले कुछ घण्टों में मेडिकल कालेज में भर्ती कई रोगियों की मृत्यु हो जाने के सम्बन्ध में कतिपय समाचार चैनलों में प्रसारित समाचार भ्रामक हैं।’ प्रवक्ता ने बताया कि इस समय गोरखपुर के जिलाधिकारी मेडिकल कालेज में मौजूद हैं और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि बच्चों की मौत अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इस बात का पता लगाने के लिए जांच समिति का गठन करेगी कि कहीं कोई लापरवाही तो नहीं हुई है। अगर कोई दोषी पाया गया तो उसे जवाबदेह बनाया जाएगा। सात अगस्त से अब तक हुई मौतों का ब्यौरा देते हुए सिंह ने बताया कि मेडिकल कालेज के पीडियाट्रिक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस अवधि में 60 बच्चों की विभिन्न रोगों से मृत्यु हुई है।
सिंह ने भी कहा कि आक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई हैं। उधर रौतेला ने बताया कि मेडिकल कालेज में लिक्विड आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पड़ोस के संत कबीर नगर जिले से वैकल्पिक व्यवस्था की गयी थी। उन्होंने बताया कि इस समय 50 आक्सीजन सिलिण्डर हैं और जल्द ही सौ से डेढ़ सौ और सिलिण्डर पहुंच रहे हैं। इस सवाल पर कि क्या आक्सीजन आपूर्ति करने वाली फर्म ने लगभग 70 लाख रूपये बकाये का भुगतान ना किये जाने पर आपूर्ति रोक दी थी, उन्होंने कहा कि अस्पताल को आक्सीजन आपूर्ति करने के लिए कंपनी को आंशिक भुगतान कर दिया गया था।
रौतेला ने बताया कि मौतों की वजह का पता लगाया जा रहा है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि असल वजह जानने के लिए घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने का आदेश दिया गया है। रिपोर्ट शाम तक आने की उम्मीद है। यह घटना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर दौरे के दो दिन बाद घटी है। प्रदेश की बागडोर संभालने के साथ ही योगी चिकित्सा और शिक्षा क्षेत्रों की स्थिति सुधारने पर जोर देते आये हैं। अप्रैल में योगी सरकार ने ऐलान किया था कि उसने राज्य में छह एम्स और 25 नये मेडिकल कालेज खोलने के लिए काम चालू कर दिया है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में यह वायदा किया था।
राज बब्बर ने बच्चों की मौत को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने बच्चों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे राज्य सरकार की संवेदनहीनता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि इन मौतों के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। राज बब्बर ने कहा कि कल स्वयं मुख्यमंत्री गोरखपुर सहित महराजगंज जनपद के दौरे पर थे। गोरखपुर मेडिकल कालेज की कमियों के बारे में उन्हें बखूबी जानकारी है। ‘जब पूरे पूर्वांचल के मरीज विशेष तौर से इंसेफेलाइटिस से पीडि़त बच्चों का इलाज मेडिकल कालेज में चल रहा था और इंसेफेलाइटिस से ग्रसित बच्चों में इजाफा ऐसे समय में ही होता है तो जानकारी होने के बावजूद आक्सीजन की कमी कैसे हो सकती है?’
उन्होंने मांग की कि इस भयानक त्रासदी के लिए जिम्मेदार प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को तत्काल नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों को बीस-बीस लाख रूपये आर्थिक मुआवजा प्रदान करने की मांग की। बब्बर ने मुख्यमंत्री से मांग की कि अविलम्ब गोरखपुर मेडिकल कालेज सहित उत्तर प्रदेश के तमाम अस्पतालों की रिपोर्ट मंगाकर अस्पतालों की जरूरत की चीजों को उपलब्ध कराते हुए उत्तर प्रदेश की जनता को ऐसी त्रासदी की पुनरावृत्ति से रोकने हेतु प्रभावी कदम उठायें जाएं ताकि निर्दोष जनता की जान बचायी जा सके। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस प्रकरण में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और मृतक बच्चों के परिजनों को बीस..बीस लाख रूपये मुआवजा मिलना चाहिए।