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Brain-Drain रोकने को मोदी सरकार की बड़ी पहल
ये शर्त यहॉं उचित दिखाई नहीं देती कि केवल इन उच्च शिक्षा संस्थानों से बीoटेकo 8.5 सीजीपीए से पास करने वाले छात्रों को ही ये स्कालरशिप प्रदान की जायेगी। ये (Brain-Drain) रोकने का कौन सा तरीका हुआ।
इसका सीधा मतलब यह है कि कैबीनेट के विजन में कमी है। इस देश के महान वैज्ञानिक रहे डॉ0 अब्दुल कलाम ने इन उपरोक्त किसी भी संस्थान से बीoटेकo नहीं किया था, लेकिन इन संस्थानों से निकलने वाले हजारों बीoटेकo पास आउट को काफी पीछे छोड़ दिया।
क्या सरकार की यह सोच यह नहीं दर्शाती की उसके विजन में संकुचन है। क्या कोई गारन्टी से यह कह सकता है कि केवल इन्हीं संस्थानों से निकल बच्चे ही काबिलियत का पैमाना हैं? देश के किसी दूसरे संस्थानों से निकले बच्चे क्या काबिल नही होते अथवा रिसर्च नहीं करते अथवा कोई उपलब्धि प्राप्त नहीं करते या कि देश छोड़कर विदेश नहीं चले जाते? अथवा उसे (Brain-Drain) नहीं माना जा सकता?
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