एनालिसिस

Bhansali निर्दोष हैं अथवा गुनहगार,कौन तय करेगा?

गुरुग्राम की एक स्कूली बच्चों से भरी बस को निशाना बनाया गया। कहा गया कि करणी सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा यह सब किया गया। जबकि करणी सेना ने ऐसी किसी घटना में अपना हाथ होने से इन्कार किया है।

सच क्या है यह तो जांच बाद ही पता चलेगा। लेकिन वो मासूम बच्चे जो कितनी रातें सो नहीं पाएंगे, कितने दिनों तक इस घटना के सदमे से बाहर नहीं आ पाएंगे। उनकी इस मनोदशा का जिम्मेदार कौन है? निश्चित तौर पर मि0 Bhansali ही हैं। लेकिन उन्हें कोर्ट से भी उनके ही पक्ष में निर्णय मिल रहा है।

बेहतर होता कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सरकार सख्त कानून द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा तय करे। यह स्पष्ट करे कि जब अभिव्यक्ति किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाकर समाज में हिंसा का कारण बन जाती है तो वो स्वतंत्रता की सीमा लाँघ जाती है और समाज के लिए प्रताड़ना बन जाती है।

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