
अमेरिका-भारत संबंध ‘‘अपने दम पर टिके हैं’’: Wales
वॉशिंगटन। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा है कि अमेरिका एवं भारत के सैन्य संबंधों की पिछले एक दशक में ‘‘असाधारण कहानी’’ रही है और दोनों देशों के बीच संबंध ‘‘अपने दम पर टिके हैं।’’ दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के लिए कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री एलिस Wales ने कहा कि भारत एवं चीन अग्रणी शक्तियां हैं लेकिन भारत के साथ संबंध लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। एलिस ने दक्षिण एशिया पर कांग्रेस की उपसमिति में एक सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘अमेरिका भारत एवं चीन समेत सभी देशों में वैश्विक स्तर पर शांतिपूर्ण एवं स्थायी संबंधों का समर्थन करता है।
भारत-प्रशांत क्षेत्र में हमारा अंतिम लक्ष्य यह है कि हर देश अंतरराष्ट्रीय नियमों को बनाए रखने और समृद्ध बनने के लिए मिलकर काम करने में सक्षम हो।’’ उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन विश्व में अहम भूमिका निभाने वाले समृद्ध भारत का ‘‘निस्संदेह मजबूती से समर्थन’’ करता है। एलिस ने कहा, ‘‘चीन एवं भारत दोनों प्रमुख शक्तियां है, लेकिन भारत के साथ हमारे संबंध वास्तव में अपने दम पर टिके हैं। ये अपने दम पर टिके हैं, क्योंकि ये लोकतांत्रिक मूल्यों, करीबी राजनीतिक एवं आर्थिक संबंधों पर टिके हैं।
उन्होंने एशिया एवं प्रशांत संबंधी सदन में विदेश मामलों की उपसमिति के अध्यक्ष टेड योहो के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने भाषण में अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान में हमारे केंद्रबिंदु और अफगानिस्तान में भारत की बढ़ती भूमिका की बात की। हमने भारत की उत्तरी क्षेत्र में चीन के खिलाफ डटे रहने की इच्छा देखी और बाद में हमने उसका शांतिपूर्ण समाधान देखा, भगवान का शुक्र है।
योहो ने प्रश्न किया, ‘‘हमारे प्रस्तावित बजट में क्या ऐसे प्रावधान हैं जिससे भारत और अमेरिका की उस सुरक्षा साझीदारी को गहरा करने में मदद करें, जो शेष एशिया के माध्यम से चीन के अवांछित क्षेत्रीय दावों को नियंत्रित रखने में लाभकारी हो सकती है।’’ एलिस ने चीन संबंधी प्रश्न का सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत एवं अमेरिका के सैन्य संबंधों की ‘‘असाधारण कहानी रही है, इस दौरान सैन्य बिक्री शून्य से बढ़कर 15 अरब डॉलर हो गई है’’।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस समय भारत एवं जापान के साथ सबसे बड़ा मालाबार सैन्य अभ्यास कर रहे हैं, जो 10000 जवानों और हमारे सबसे बड़े वाहकों को साथ लाती है। भारत के बड़े रक्षा साझीदार होने के कारण हम अब उन्नत प्रोद्यौगिकी की पेशकश में सक्षम है।’ ’उन्होंने कहा कि अब अमेरिका भारत के साथ इन सैन्य संबंधों को और मजबूत बनाना चाहता है। एलिस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ व्यापार घाटे को कम करना चाहता है।