एनालिसिस
Gandhi को खारिज नहीं कर पाएंगे
Gandhi (गाँधी) को खारिज मत कीजिये, क्योंकि लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें खारिज नही कर पाएँगे। उनके विचार को पढ़िए। आलोचना का दिल करे तो कीजिये। गाँधी, खुदा नही हैं। जिनकी आलोचना गुनाह हो। बस यह देखिये की गाँधी कितने अहम् हैं। उनकी हर बात को परखिये। न समझ आए तो वक्त दीजिये…..
देखिये Gandhi (गाँधी) भगवान नही हैं। गाँधी को जबरदस्ती देवता मत बनाइये। मेरा यकीन न हो तो गाँधी की खादी की चादर हटा कर खून के निशान देखिये। देखिये कैसे एक दिमाग से पैदल प्यादे ने गाँधी पर गोलियाँ चलाई। क्या गाँधी के बहते खून से भी आपको नही लगता की वोह भगवान नही हैं। मैं तो कहता हूँ की आप उन्हें सन्त भी मत कहिये। गाँधी के जिस्म को देखिये तो, एक-एक पसली गवाही देगी की हाँ वह इंसान ही थे। बस पसलियों के अंदर मत झाकियेगा।
पसली के नीचे दबे दिल को मत देखिएगा, वरना ऊपर कही हर बात सवालों में ही निपट जाएगी। दिल में उनके जो मानवता बाह फैलाए बैठी है वह आपको खींच लेगी।
दिल के रास्ते Gandhi (गाँधी) का जादू आपको जकड़ लेगा। आपके दिल में भरी नफरत को थपकी देकर कभी न उठने वाली नींद सुला देंगे। एक बार बिना किसी के कहे, अपने दिमाग से देखिये की गाँधी कौन हैं। मैं जब लिख रहा हूँ तो गाँधी मेरे सामने ही हैं। इशारे से तारीफ के पुलिंदे लिखने को मना कर रहें हैं। मैं गौर से उनकी गहरी आँखों को देख रहा हूँ।
मुझे लगा वोह कुछ मायूस होंगे, मगर नहीं, उनके दिमाग में कुछ चल रहा है। वह चाह रहे हैं की मैं मानवता को लिखूँ। मैं अहिँसा की बात करूँ। मैं दिल जोड़ने में लगूँ। मैं देश को मोहब्बत से एक करूँ। मैं इंसानियत के खून के खिलाफ आवाज बुलन्द करूँ। मैं बेइंसाफी को मजबूती से खड़े होकर रोकूँ। मैं गरीब को सहारा दूँ।
मैं दुनिया के सामने खूबसूरत दुनियाँ बनाने का नक्शा रखूँ। मैं बच्चे बच्चे के दिल से खौफ दूर करूँ। मैं नफरत को खूब ऊँचाई से गिराकर चकनाचूर कर दूँ मगर।
हाँ मगर जैसे ही मैं सामने बैठे गाँधी से कहता हूँ कि आपकी सफाई को सिर्फ सफाई ही को हम थाम रहे हैं, तो गाँधी बिना देर किये उठ कर चले जाते हैं। हमे पता है उनको धक्का लगा होगा की विचारों के अथाह प्रवाह में भी हमने क्या थामा।
गाँधी आसानी से समझ आ जाएँगे। उनके दिल को देखिये, उसमें जिंदा मोहब्बत को महसूस कीजिये और देखिये दुनियाँ गाँधी के पीछे क्यों पागल हुई जा रही है। उन्हें पता है, दिल को जो सुकून देगा, वह हैं गाँधी। जो दिल को तरावट देगा वह हैं गाँधी। जो जोड़ेगा, जो बनाएगा, जो निखारेगा, जो ऊँचाई पर ले जाएगा, जो हमेशा दिलों को हौंसला देगा, वह हैं गाँधी।
Gandhi (गाँधी) को अपने जैसा देखिये तो आप उन्हें जी पाएँगे। उनसे सीख आगे बढ़ पाएँगे। यही तो गाँधी है, जो थोड़ा थोड़ा हम सबमें है। इतना मान लीजिये गाँधी में ही भारत हैं और भारत की आत्मा गाँधी ही हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्वतंत्र पत्रकार हफीज किदवई की फेसबुक वाॅल से…..
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