मध्य प्रदेश

Madhya Pradesh में क्या है BJP की ‘चाणक्य चाल’, दिग्गजों पर क्यों लगाया दांव?

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। हैरानी की बात यह है कि इसमें सात सांसदों को विधानसभा का टिकट दिया गया है। इसमें तीन केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते के अलावा जिन सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया गया है, उनमें राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं। ये सभी लोकसभा के सदस्य हैं। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 से चुनाव लड़ेंगे।

विजयवर्गीय को मैदान में उतारने के फैसले से 2018 में इंदौर-3 सीट से जीते उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय को फिर से पार्टी का टिकट दिए जाने की संभावना कम हो गई है क्योंकि भाजपा आम तौर पर चुनाव में एक ही परिवार के सदस्यों को अपना उम्मीदवार बनाने से बचती है। केंद्रीय मंत्री तोमर को दिमनी निर्वाचन क्षेत्र से, पटेल को नरसिंहपुर से और कुलस्ते को निवास सीट से मैदान में उतारा गया है। कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव मैदान में उतारकर, पार्टी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिलने के बीच राज्य में सत्ता बरकरार रखने की अपनी कोशिश को रेखांकित किया है।

हालांकि बड़ा सवाल यही है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी किस रणनीति के साथ आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। भाजपा के चुनावी लिस्ट को देख कर न सिर्फ राजनीतिक पंडित आश्चर्यचकित हुए बल्कि वह भी आश्चर्य में पड़ गए जिन्हें चुनावी मैदान में उतर गया है। इसके कई अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि भाजपा के कुछ पदाधिकारियों का मानना है कि पार्टी के भीतर आंतरिक गुटबाजी चरम पर है जिसे खत्म करने की जरूरत है वरना 2018 के ही तरह पार्टी का इस बार भी हाल हो सकता है। भाजपा की दूसरी सूची कांग्रेस के लिए भी मुश्किलें पैदा कर सकता है। कांग्रेस लगातार एंटी इनकन्वेंसी का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। दूसरी सूची में भी भाजपा ने उन जगहों को प्राथमिकता दी है जिस पर पिछली दफा जीत नहीं मिली थी।

वहीं, दूसरी सूची में जो नाम सामने आए हैं उसमें पांच ऐसे हैं जो सिंधिया के बेहद करी भी माने जाते हैं। जिन लोगों को दूसरी सूची में रखा गया है वह सभी अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज हैं। उनका उस क्षेत्र में बड़ा प्रभाव है। इन सबों को मैदान में उतर कर उस क्षेत्र के ज्यादातर सीटों पर भाजपा अपनी पकड़ को मजबूत करना चाह रही है। कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव मैदान में उतारकर, पार्टी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिलने के बीच राज्य में सत्ता बरकरार रखने की अपनी कोशिश को रेखांकित किया है।

इनमें से अधिकांश नेता अपनी लोकसभा सीट पर कई बार से जीत दर्ज करते आ रहे हैं। दूसरी सूची के साथ, भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीट में से 78 सीट पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। प्रदेश में नवंबर-दिसंबर में चुनाव प्रस्तावित हैं। पार्टी ने पिछले महीने 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा को 109 सीट मिली थी। हालांकि, कुछ विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई थी। मार्च 2020 में शिवराज सिंह चौहान के नये कार्यकाल के साथ भाजपा सत्ता में लौटी थी।

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