जन संसदसत्ता पक्ष

बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया

नयी दिल्ली। मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये। सिंधिया को भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल किया गया। नड्डा ने सिंधिया को पार्टी की सदस्यता दिलायी।

भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने संवाददाताओं से कहा कि, ‘‘आज हम सबके लिए बहुत खुशी का विषय है और आज मैं हमारी वरिष्ठतम नेता दिवंगत राजमाता सिंधिया जी को याद कर रहा हूं। भारतीय जनसंघ और भाजपा दोनों पार्टी की स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ज्योतिरादित्य जी आज अपने परिवार में शामिल हो रहे हैं, मैं इनका स्वागत करता हूं और हार्दिक अभिनन्दन भी करता हूं।’’

कहा- कांग्रेस छोड़ते वक्त दुखी भी हूं, व्यथित भी

बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह जी का शुक्रिया की उन्होंने अपने परिवार में मुझे स्थान दिया। सिंधिया बोले कि मेरे जीवन में दो तारीख काफी अहम रही हैं, इनमें पहला 30 सितंबर 2001 जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया, वो जिंदगी बदलने वाला दिन था। और दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 को जहां जीवन में एक बड़ा निर्णय मैंने लिया।

सिंधिया बोले कि आज मन व्यथित है और दुखी भी है। जो कांग्रेस पार्टी पहले थी वो आज नहीं रही, उसके तीन मुख्य बिंदु हैं। पहला कि वास्तविकता से इंकार करना, नई विचारधारा और नेतृत्व को मान्यता नहीं देना। 2018 में जब MP में सरकार बनी तो एक सपना था, लेकिन वो बिखर चुका है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने वादे पूरे नहीं किए हैं। कांग्रेस में रहकर जनसेवा नहीं की जा सकती।

सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और उनके साथ ही 22 कांग्रेसी विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। मंगलवार की सुबह जब देश होली मना रहा था, तभी सिंधिया ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके 7— लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की। इससे पहले, मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी के साथ सिंधिया की बैठक लगभग एक घंटे तक चली। इसके बाद सिंधिया ने ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट किया था। सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निष्कासित किया गया है। समझा जाता है कि सिंधिया को राज्यसभा भेजे जा सकता है।

वहीं, बाद में सिंधिया को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। इससे पहले मंगलवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इसमें राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों के मुद्दे पर चर्चा हुई। ले—देकर सिंधिया जिस परिवार से आये थे, उसी में वापस चले गये और अब वे वहॉं गरीब जनता की सेवा तन—मन—धन से करेंगे। वैसे ये करने के लिए उन्हें राज्यसभा की सदस्यता की आवश्यकता थी, तो उन्हें तुरन्त ही उसका टिकट दे दिया गया।

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