1993 विस्फोटकांड: मच्छर मारने में इस्तेमाल नहीं होता आरडीएक्स: Tada Court
मुंबई। विशेष Tada Court ने 1993 सिलसिलेवार विस्फोट कांड के दोषियों को सजा सुनाते हुए कहा है कि आरडीएक्स का इस्तेमाल मच्छर और मक्खी मारने वाले पाऊडर के तौर पर नहीं हो सकता है। अदालत ने कल इस मामले में ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल राशिद खान को मौत की सजा सुनायी थी जबकि गैंगस्टर अबु सलेम को उम्रकैद की सजा दी।
इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि आरोपी को अपराध की जानकारी थी, अदालत ने कहा, ‘‘यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि बंबई के स्कूलों में एके-56 राइफल खिलौनो की तरह बांटे जा रहे हैं।’’ विशेष टाडा अदालत ने मर्चेंट और खान को मौत की सजा सुनायी जबकि अबु सलेम को प्रत्यर्पण संधि के प्रावधानों के कारण उम्रकैद की सजा सुनायी गयी। सलेम के अलावा अदालत ने करीमुल्ल खान को उम्रकैद और मामले में पांचवें दोषी रियाज सिद्दीकी को 10 साल कारावास की सजा सुनायी थी।
विशेष टाडा अदालत के न्यायाधीश जी.ए. सनप ने अपने फैसले में कहा, ‘‘यह कहना आवश्यक है कि आरडीएक्स का इस्तेमाल मच्छर और मक्खी मारने के लिए नहीं किया जा सकता और यह भी नहीं माना जा सकता कि बंबई के स्कूलों में एके56 खिलौनों के रूप में बांटे जा रहे हैं। आरोपी को अपराध का ज्ञान था।’’ अपने 2100 पन्नों के फैसले में अदालत ने कहा, यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि षड्यंत्रकारियों ने अपराध सफल होने पर खुशियां मनायी थीं और जब नतीजे भुगतने का समय आया तो उन्हें न्याय मिल रहा है।