
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य गंगा समिति की 11वीं बैठक आयोजित
लखनऊ: मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में राज्य गंगा समिति की 11वीं बैठक आयोजित हुई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि नदियों, सहायक नदियों और जल निकायों के किनारे ठोस कचरे का डंपिंग और निपटान नहीं होना चाहिये। नदियों के किनारे के मौजूद ठोस कचरे के ढेर और अन्य जल निकायों का वैज्ञानिक रूप से प्रबंधन किया जाए।
विभिन्न ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आवश्यकताओं के प्रावधानों की पहचान की जाए और विशेष रूप से गंगा कस्बों व शहरों के लिए प्राथमिकता पर अनुमोदन और निष्पादन के लिए डीपीआर तैयार कर उचित माध्यम से आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय को प्रेषित किया जाये। मौजूदा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं को कुशलतापूर्वक चालू और क्रियाशील रखा जाये। डेटाबेस को मासिक आधार पर अद्यतन रखा जाये।
उन्होंने कहा कि पुनर्जीवित नदियों को आज़ादी का अमृत महोत्सव से जोड़ा जाए। नदियों के किनारों पर साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये, साथ ही नदी के आसपास जनसहभागिता के माध्यम से पौधारोपण कराया जाए। पुनजीर्वित नदियों के किनारे एक बोर्ड स्थापित किया जाये, जिसमें नदी के बारे में कम शब्दों में विवरण लिखा जाये।
बैठक में बताया गया कि पुनर्जीवन के लिये 75 नदियों की पहचान की गई है, जिसमें से 64 छोटी नदियों पर कार्य चल रहा है। बुलन्दशहर में निम नदी, फतेहपुर में नॉन नदी, संभल में सोत नदी तथा पीलीभीत में गोमती और ससुरखदेड़ी, टेढ़ी नदी, ईशन, सेंगर, कृष्णा आदि पर सराहनीय कार्य हुए हैं। रामगंगा के कायाकल्प/पुनरोद्धार के लिए रीवर बेसिन मैनेजमेंट की अवधारणा पर प्लान तैयार कर लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 230 कि0मी0 नदी तल पर काम पूरा हो चुका है और 15 नदियों पर 630 लाख रुपये खर्च किये गये हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव नमामि गंगे श्री अनुराग श्रीवास्तव, एमडी जल निगम (ग्रामीण) श्री बलकार सिंह, सीईओ इनवेस्ट यूपी श्री अभिषेक प्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।