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स्वास्थ्य की रक्षा सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद गोरखपुर में बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर स्वर्ण जयंती द्वार का लोकार्पण तथा फार्मेसी एवं नर्सिंग कॉलेज के लिए 100 कमरों के बहुमंजिला डबल सीटेड ब्वॉयज छात्रावास का शिलान्यास किया। उन्होंने एक स्मारिका का विमोचन भी किया और बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज के प्रथम बैच के चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुरातन छात्रों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के विकास से सम्बन्धित सूचना विभाग की लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य की रक्षा सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार बेहतरीन हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर दे रही है। बीमारी का सिर्फ इलाज ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि हमें बीमारी के मूल कारणों का भी पता लगाना होगा, ताकि उसे पनपने से ही रोका जा सके। इस सन्दर्भ में चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों की जिम्मेदारी बनती है कि वह इलाज करने के साथ ही शोध-अनुसंधान को बढ़ावा दें। सरकार इस दिशा में किसी भी तरह की कमी नहीं होने देगी।

मुख्यमंत्री ने इंसेफेलाइटिस को लेकर किए गए अपने संघर्ष का स्मरण करते हुए कहा कि चिकित्सकों के लिए एक-एक मरीज शोध का केंद्र होता है। वे अपने दैनिक कार्यों को करते हुए शोध को आगे बढ़ा सकते हैं। चिकित्सा शिक्षा के छात्र लैब और लाईब्रेरी तक ही सीमित न रहें। ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बीमारी का कारण पता करें, रिसर्च पेपर तैयार करें। पास आउट डॉक्टर्स अपने अनुभव के आधार पर रिसर्च पेपर बनाएं। राज्य सरकार उनके अनुभवों और सुझावों को देखेगी।

उन्होंने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों से सरकार की अपेक्षा रहती है कि चिकित्सक बेहतरीन कार्य करें और नए शोध को आगे बढ़ाएं। रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट को बाधित किया गया तो हम पिछड़ जाएंगे। प्रदेश में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर व फैकल्टी का अभाव नहीं है। जरूरत इसके अनुरूप पाठ्यक्रमों के संचालन व शोध कार्यों को बढ़ावा देने की है। इस पर ध्यान देकर बेहतरीन परिणाम हासिल किया जा सकता है। शोध से हम समूची चिकित्सा व्यवस्था को नई ऊंचाई दे सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब ने सदी की महामारी कोरोना का देखा है। संवेदनशील व्यवहार व समय पर लिए गए निर्णय के दम पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने पूरी दुनिया के सामने कोरोना प्रबन्धन का शानदार मॉडल प्रस्तुत किया है। अमेरिका और यूरोप भले ही हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत आगे हो, लेकिन कोरोना प्रबन्धन में भारत उनसे बहुत आगे रहा है। अमेरिका की आबादी भारत की आबादी की एक चौथाई है, लेकिन वहां कोरोना से दोगुनी मौतें हुई।

देश की 135 करोड़ आबादी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना की आहट के साथ ही तैयार थी। प्रधानमंत्री जी ने न केवल कोरोना के मुफ्त उपचार, जांच व वैक्सीन की व्यवस्था की, बल्कि महामारी के साइड इफेक्ट भुखमरी से भी देश को बचाया। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन पूरी दुनिया में सिर्फ भारत में ही दिया गया। उन्होंने कोरोना के उपचार व रोकथाम के लिए बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज के डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि टीमवर्क से बड़ी से बड़ी महामारी को हराया जा सकता है। कोरोना प्रबन्धन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इसके मॉडल को हम दैनिक जीवन में भी ले सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्ष 1977-78 में जापानी इंसेफेलाइटिस का पता चला। वर्ष 2017 तक लगातार 40 वर्षों तक इससे होने वाली मौतों का सिलसिला जारी रहा। जापान में इसकी वैक्सीन 1905 में ही बन गयी। लेकिन गोरखपुर आने में इसे 100 साल लग गए, जबकि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने कोरोना काल के दौरान महज 09 माह में दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर ली। उन्होेंने कहा कि 2017 में प्रदेश का दायित्व मिला तो इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय की कार्य योजना बनायी।

स्वच्छता पर फोकस किया गया। उन घरों व गांवों को चिन्हित किया गया है जहां प्रायः इंसेफेलाइटिस का प्रकोप होता था, शौचालय व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। सी0एच0सी0 व पी0एच0सी0 को मजबूत करने के साथ सर्विलांस पर ध्यान दिया गया। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज से मिले अनुभव को ध्यान में रखकर सरकार ने टीम भावना से कार्य किया और आज इंसेफेलाइटिस 95 फीसद तक कंट्रोल में है, यह खुद में एक मॉडल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने इंसेफेलाइटिस व संचारी रोगों को ध्यान में रखकर वर्ष 2016 में गोरखपुर आकर यहां एम्स की सौगात दी। अब जरूरत है एम्स और बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सुविधाओं को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में एम्स से कम सुविधाएं नहीं हैं। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज पूरे देश में इकलौता मेडिकल कॉलेज है, जिसके कैंपस में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर की स्थापना की गई है।

सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में कोई कमी नहीं होने देगी। कभी गोरखपुर, बस्ती, देवीपाटन, अयोध्या और आजमगढ़ मण्डल में एकमात्र मेडिकल कॉलेज के रूप में बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज ही था। आज देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बहराइच, अयोध्या, अम्बेडकरनगर और आजमगढ़ में मेडिकल कॉलेज खुल चुके हैं। कुशीनगर, गोंडा, बलरामपुर व सुल्तानपुर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण युद्धस्तर पर हो रहा है। महराजगंज में भी पी0पी0पी0 मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज को लेकर किए गए अपने संघर्ष को यादकर करते हुये कहा कि विगत 30 वर्षों से वह इस मेडिकल कॉलेज से जुड़े हैं। इसकी दुर्दशा को अपनी आंखों से देखा है। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज ने लंबे अर्से तक उपेक्षा का दंश झेला है। इसके अस्तित्व पर ही संकट था। अगर पहिए होते तो यह मेडिकल कॉलेज कहीं और शिफ्ट हो गया होता। अब हालात बदल चुके हैं और बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा के बेहतरीन केंद्र के रूप में उभरा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विशिष्टता को अपने तक सीमित रखना उपलब्धि नहीं है, बल्कि इसका लाभ समूचे समाज को मिलना चाहिए। चिकित्सक का पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित रहता है। इसी कारण उसे धरती पर भगवान की संज्ञा दी जाती है। उन्होंने आह्वान किया कि लोगों की इसी भावना के अनुरूप चिकित्सक अपने ज्ञान व अनुभव का फैलाव करें। उन्हांेने बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज से पास आउट छात्रों से कहा कि जब आप यहां पढ़ते रहे होंगे तब गोरखपुर छोटा शहर था। आवागमन की सुविधा बहुत खराब थी। ट्रेनों की संख्या कम थी। एयर कनेक्टिविटी की व्यवस्था नहीं थी। मेडिकल कॉलेज में बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर व सुविधाओं का अभाव था।

इंसेफेलाइटिस वॉर्ड में एक बेड पर चार मरीज पड़े होते थे। उन्होंने बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को सीमित साधनों में मेहनत करते देखा है। पर, स्वर्ण जयंती समारोह में आने पर आप सबने बदलता गोरखपुर और बदलता मेडिकल कॉलेज देखा होगा। मेडिकल कॉलेज आने के लिए फोरलेन की सुविधा है। गोरखपुर से सभी प्रमुख शहरों के लिए 14 फ्लाइट से कनेक्टिविटी है। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में हर तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर है। यहां सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बन चुका है। इस बदलती तस्वीर से गोरखपुर और बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज को नई पहचान मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई व्यक्ति हो या संस्था, पचास साल का कार्यकाल मायने रखता है। उन्होंने किसी व्यक्ति के जीवन के लिए चार आश्रमों गुरुकुल, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास की व्याख्या करते हुए कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज अब आश्रम व्यवस्था के तीसरे चरण में आ चुका है। अब अपने ज्ञानार्जन को समाज के प्रति समर्पित करने की बारी है। उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषा की पहचान कृतज्ञता ज्ञापन के लिए है। यह एक प्रकार का यज्ञ है। माता-पिता, शिक्षक का सम्मान, संस्था के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना भी यज्ञ है। संस्थान के प्रति हमारा भाव पवित्र मंदिर सा होना चाहिए।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वान्चल के लिए जाना जाता है। आज हम स्वर्ण जयंती मना रहें है। इन 50 वर्षों में बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज ने कई नये पायदान तय किये हैं। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज ने पूर्वान्चल ही नहीं, बल्कि नेपाल व बिहार के मरीजों की सेवा में अपना उत्कृष्ट योगदान दिया है।

हर जिले में बेहतर मेडिकल कॉलेज हो, सरकार उस दिशा में लगातार कदम उठा रही हैं। इंसेफेलाइटिस को हम अभिशाप के रूप में मानते हैं। इंसेफेलाइटिस को उत्तर प्रदेश तथा पूर्वान्चल में समाप्त करने का कार्य सरकार ने किया है। शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है। मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कार्य अभी हो रहे हैं। आने वाले 05 वर्षों मंे हर मेडिकल कॉलेज के साथ एक नर्सिंग कॉलेज भी होगा। मरीजों को निःशुल्क चिकित्सा मिले, सरकार इसके लिए लगातार कार्य कर रही है।

इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री मयंकेश्वर शरण ंिसंह ने कहा कि इंसेफेलाइटिस जैसी भयावह बीमारी को मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से स्वच्छता, शुद्ध पेयजल आदि के द्वारा नियंत्रित किया गया है। सरकार स्वास्थ्य सेवाआंे को निरन्तर बेहतरी प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही है।

स्वागत उद्बोधन प्राचार्य बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज डॉ0 गणेश कुमार ने करते हुए मेडिकल कॉलेज की प्रगति की रूपरेखा प्रस्तुत की। आभार ज्ञापन प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य ने किया।
इस अवसर पर संासद श्री रवि किशन शुक्ल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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