
सोनिया ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व को किया याद, कहा- घमंड नहीं, गर्व से मनाएं जश्न
नयी दिल्ली – कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरा होने के मौके पर बुधवार को भारतीय सेना के शौर्य को सलाम किया। इसके साथ ही सोनिया ने उस ऐतिहासिक विजय के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक नेतृत्व को भी याद किया। सोनिया ने कहा कि आज हम एक शानदार उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं।
लेकिन मुझे लगता है, इंदिरा गांधी चाहती थीं कि हम ऐसा घमंडी भावना से या आत्म-महिमा की भावना से नहीं, बल्कि चिंतन और संकल्प की भावना से करें। कांग्रेस अध्यक्ष ने काह कि मैं सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठित भूतपूर्व सदस्यों को 1971 में पूर्ण विजय हासिल करने के लिए अपनाई गई रणनीति के बारे में उनके अनुभव सांझा करने और हमसे बात करने के लिए विशेष धन्यवाद देना चाहती हूं।
सोनिया गांधी ने कहा कि आज हम श्रीमती इंदिरा गांधी को बड़े गर्व के साथ याद करते हैं। वह अपने साहस के लिए करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। 1971 कई मायनों में श्रीमती इंदिरा गांधी का सबसे बेहतरीन साल था। उन्होंने बांग्लादेश के लोगों के लिए पूरी दुनिया को संवेदनशील बनाया।
उन्होंने कहा कि यह एक सुनियोजित और पूरी तरह से क्रियान्वित राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य रणनीति का एक मिलजुला परिणाम था। जिसने 1971 को उपमहाद्वीप के इतिहास में एक विशिष्ट स्थान दिया। यह एक ऐसा इतिहास था। जिसने भूगोल को ही बदल दिया। बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों को याद और प्रोत्साहित करना चाहिए। भारतीय सिविल सेवकों और खुफिया एजेंसियों को याद और उनकी सराहना की जानी चाहिए। भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता को याद और उन्हें सलाम किया जाना चाहिए।
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर सोनिया गांधी ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की ऐतिहासिक विजय भारत की राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य अभियान के मिलुजुले प्रयास का परिणाम था। उन्होंने कहा कि 50 साल पहले बांग्लादेश के साहसी लोगों ने खुद को एक नया भविष्य दिया था। भारत उनके पक्ष में एकजुटता के साथ खड़ा था। मानवीय समर्थन किया।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाया, क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों पर उनकी आवाज बुलंद की। वहीं कांग्रसे की ओर से कहा गया कि विजय प्राप्ति के बाद लौह महिला इंदिरा गांधी का भाषण राष्ट्र भावना से ओतप्रोत करने वाला था। देश की सेना के पराक्रम ने पाक को पराजित कर विश्व में भारत का परचम लहराया।