
संसद सत्र से पहले सोनिया गांधी के आवास पर कल होगी कांग्रेस की अहम बैठक
29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले गुरुवार को कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक होगी। यह बैठक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर होगी। जिसमें आगामी संसद सत्र के लिए रणनीतियां तैयार की जाएगी। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों, खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, कश्मीर में नागरिकों की हत्या, पेगासस जासूसी जैसे मुद्दों पर घेर सकती है।
कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी, किसानों और कुछ अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान ही अगले महीने दिल्ली में बड़ी रैली आयोजित करने की तैयारी में है। सोमवार को इसको लेकर कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों और प्रभारियों के साथ इस पर बैठक हुई थी। दिल्ली में पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश अध्यक्षों के साथ महंगाई, कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी।
कृषि कानून वापस लिए जाने पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को कहा कि किसानों से बिना चर्चा किए 3 कृषि कानून वापस लिए गए। लेकिन ये बिल दोबारा लाए जाएंगे तो किसान दोबारा से नाखुश होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अगर बिल वापस करती है या नए तरीके से बिलों को वापस लाती है। तो किसानों से वार्ता के बाद ही कोई निर्णय लें।
अगले सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है। पिछले डेढ़ साल में हुए संसद सत्रों की तरह शीतकालीन सत्र भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोजित किया जाएगा। पूरे सत्र के दौरान करीब 20 बैठकें होंगी। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल संसद का शीतकालीन सत्र नहीं हुआ था। और बजट सत्र और मॉनसून सत्र को भी छोटा कर दिया गया था।
शीतकालीन सत्र के लिए 26 विधेयक सूचीबद्ध
संसद के दोनों सदनों- राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही साथ-साथ चलेगी और सांसदों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। यह सत्र इसलिए भी मायने रखता है कि इसका आयोजन राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हो रहा है।
संसद के शीतकालीन सत्र के लिए केंद्र सरकार ने 26 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने और तीन कृषि कानूनों को वापस लेने वाला विधेयक भी शामिल है। इन 26 नए विधेयकों के अलावा स्टैंडिंग कमिटी को भेजे गए तीन और बिल भी है। जिन पर सरकार चर्चा कराने और उसे पारित करवाने की कोशिश करेगी।