
शिक्षणगण बच्चों को जलसरंक्षण के महत्व को समझाएं -श्रीमती आनंदीबेन पटेल
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल से आज राजभवन में उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में जनपद बाराबंकी के पांच सरकारी प्राथमिक विद्यालयों क्रमशः प्राथमिक वि़द्यालय मुनीमपुर बरथरा ब्लाक निंदूरा, उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहखण्ड ब्लाक निंदूरा, उच्च प्राथमिक विद्यालय गढ़ी छतेना विकासखण्ड देंवा, उच्च प्राथमिक विद्यालय बढ़ेल विकासखण्ड बंकी तथा प्राथमिक विद्यालय भिलवल ब्लाक त्रिवेदीगंज के कक्षा एक से आठ तक के पचास छात्र-छात्राओं ने तथा विद्यालय के अध्यापकों ने मुलाकात की।
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने बच्चों को जल संरक्षण तथा भोजन की बरबादी रोकने की सलाह ही। उन्होंने कहा कि जितने जल अथवा भोजन की आपको आवश्यकता हो उतना ही जल अथवा भोजन अपनी थाली व ग्लास में लें। ऐसा करने से जल एवं खाद्य पदार्थों की बरबादी रूकेगी।
राज्यपाल ने अध्यापकों को सुझाव दिया कि यदि कोई बच्चा अधिक जल लेकर उसे पूरा नहीं पी पाता है तो बचे हुए जल को एक बड़े पात्र में संग्रहित करें और बच्चों को बतायें कि उन्होंने इतना जल बरबाद किया है, इसकी सूचना भी प्रतिदिन बोर्ड में लगाये ताकि बच्चे उसे पढ़ सकें। इससे धीरे-धीरे इनकी इन आदतों में सुधार होगा तथा वे भी अन्य बच्चों तथा अपने अभिभावकों को जल संरक्षण के महत्व को समझा सकेंगे। राज्यपाल जी ने कहा कि हम इस प्रकार संग्रहित जल को पेड़-पौधों की सिचांई के उपयोग में ला सकते है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर जलसंरक्षण के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले पांच बच्चों में दो बच्चों क्रमश: जैकी रावत तथा कुमारी दीपशिखा को विप्रो कम्पनी द्वारा प्रदत्त राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस अवसर पर उपस्थित सभी बच्चों ने राजभवन उद्यान, पंचतंत्र वाटिका तथा गौशाला आदि का भ्रमण किया और राजभवन के अपने अनुभवों को राज्यपाल जी के साथ बांटा।
इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी सुषमा सेंगर, विद्यालय के प्रधान अध्यापक एवं शिक्षकगण तथा बच्चें मोजूद थे।